Breaking News Conflict Indian-Subcontinent

सुशीला कार्की बनीं नेपाल की अंतरिम पीएम, GenZ को स्वीकार बीएचयू की पूर्व छात्रा

नेपाल में भारी राजनीतिक उथल पुथल और आक्रोश के बाद सुशीला कार्की को बनाया गया है प्रधानमंत्री. घंटों की माथापच्ची के बाद नेपाल के आंदोलनकारियों ने सुशीला कार्की के नाम पर हामी भरी. राष्ट्रपति भवन में देश की पहली महिला पीएम के रूप में शपथ ली. 

नेपाल के इतिहास में पहली बार महिला सुशीला कार्की प्रधान न्यायाधीश बनीं और अब अंतरिम प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी हैं. नेपाल में अंतरिम सरकार बनाने में नेपाल आर्मी की अहम भूमिका रही है. युवाओं ने सेना पर भरोसा जताया था.

आपको बता दें कि इस सप्ताह नेपाल में सोशल मीडिया बैन के विरोध में जेन ज़ी सड़कों पर उतर गया था. मामला उस वक्त बढ़ गया जब नेपाल पुलिस पुलिस ने युवाओं पर फायरिंग कर दी, 50 से ज्यादा मौते हुईं और सैकड़ों लोग घायल हुए. पीएम के पी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और देश में विरोध के बाद अंतरिम सरकार बनानी पड़ी है.

ओली के बाद सुशीला कार्की ने संभाला नेपाल

नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद शुक्रवार को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की कमान सौंप दी गई है. शुक्रवार रात राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति भवन में सुशीला कार्की को शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण से पहले नेपाल की संसद को भंग कर दिया गया था. सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति रामसहाय यादव, काठमांडू के मेयर बालेन शाह, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश सिंह रावत उपस्थित रहे.

शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने सुशीला कार्की से कहा – “अब देश बचाइए, सफल रहिए.” जवाब में कार्की ने केवल “धन्यवाद” कहकर जवाब दिया,

शुक्रवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के साथ सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल की मौजूदगी में जनरेशन-जी के नेताओं ने एक बैठक की थी. कई घंटों की माथापच्ची के बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने पर सहमति बनी थी. 

बीएचयू में पढ़ाई कर चुकी हैं सुशीला कार्की

नेपाल के बिराटनगर में जन्मी सुशीला कार्की ने स्नातक करने के बाद 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में दाखिला लिया था. कार्की ने बीएचयू से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की,  फिर 1978 में कार्की ने त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की. सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं. सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक मामलों की सुनवाई की और सरकार के खिलाफ अहम फैसले दिए. 

जेन ज़ी के बीच लोकप्रिय हैं कार्की, भारत से ही नजदीकी 

सुशीला कार्की पिछले कई वर्षों से नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन का चेहरा रही हैं. मुख्य न्यायाधीश रहते हुए कार्की ने नेपाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कई फैसले लिए थे.  सुशीला कार्की को जेन ज़ी के एक गुट का समर्थन प्राप्त था, क्योंकि सरकार विरोधी फैसलों के कारण वो  नेपाल के जेन ज़ी के बीच लोकप्रिय हैं लेकिन एक दूसरा गुट कार्की के भारत का पक्षधर होने के कारण उन्हें पसंद नहीं करता है.

कई युवाओं का मानना था कि काठमांडू के बालेन शाह को ही अंतरिम सरकार का मुखिया होना चाहिए. लेकिन बाद में सभी युवा प्रतिनिधियों ने मान लिया कि कार्की को ही अंतरिम पीएम बनाना चाहिए.

नेपाल के हिंसक प्रदर्शन में 50 से ज्यादा मौत

इस सप्ताह की शुरुआत में नेपाल के युवाओं में उस वक्त आक्रोशित हो गए थे, जब तत्कालीन पीएम के पी शर्मा ओली ने सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया था. नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब बंद किए जाने के खिलाफ जेनरेशन जी़ ने एक प्रदर्शन शुरु किया, जिसमें सभी प्रदर्शनकारी 28 वर्ष के अंदर थे. स्कूल के यूनीफॉर्म में आयोजित प्रदर्शन उग्र हो गया. काठमांडू, पोखरा समेत कई शहरों में आग लगा दी गई, संसद भवन और राष्ट्रपति भवन तक में प्रदर्शनकारी घुस गए थे.

हालात बिगड़ने पर पुलिस ने छात्र-छात्राओं पर गोलियां चला दीं, जिसके बाद हालात और बेकाबू हो गए. पुलिस की फायरिंग में 50 से ज्यादा मौतें हो गई, जबकि सैकड़ों लोग गंभीर तौर पर घायल हो गए. 

इस गोलीकांड के बाद अराजकता फैल गई. नेपाल की जनता ने सभी मंत्रियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों को फूंक दिया गया. पूर्व पीएम की पिटाई की गई. प्रदर्शनकारियों के दबाव के चलते पीएम ओली को इस्तीफा देकर सेना की शरण में जाना पड़ा. 

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.