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सीरिया में तीन दिनों में 1000 मौत, आतंकियों की सरकार नरसंहार में जुटी

पश्चिमी एशियाई देश सीरिया में तेजी से बिगड़ रहे हैं हालात. सुरक्षा बलों और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थकों के बीच दो दिनों से चल रही खूनी हिंसा में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं.

हैरानी की बात ये है कि 1000 में से 745 लोगों की मौत, बेहद करीब से गोली मार कर की गई है. बाकी मृतकों में सुरक्षाबल और असद ग्रुप से जुड़े विद्रोही है. बताया जा रहा है कि लताकिया शहर के आसपास बड़े क्षेत्रों में बिजली और पीने का पानी बंद कर दिया गया है. 

असद के समर्थकों पर कहर टूटा

सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के वफादारों और सुरक्षा बलों के बीच पिछले दो-तीन दिनों से भारी संघर्ष शुरु हुआ है. हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 1000 से ज्यादा हो गई है, जिसमें 745 से ज्यादा लोग आम नागरिक हैं. 

ब्रिटेन के मानवाधिकार संगठन ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ के मुताबिक सीरिया में हालात बेहद ही खराब हो गए हैं. मानवाधिकार संगठन ने यह भी बताया कि तटीय शहर लताकिया के आसपास के बड़े इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है तथा कई बेकरी बंद हो गई हैं. 

सीरिया में क्यों शुरु हुई ताजा हिंसा 

सीरिया में हालिया झड़पें तब शुरू हुईं, जब सुरक्षा बलों ने गुरुवार को तटीय शहर जबलेह के पास एक वांटेड व्यक्ति को हिरासत में लेने की कोशिश की. इस दौरान असद के समर्थकों ने घात लगाकर सुरक्षाबल के जवानों पर अटैक कर दिया. जिसके बाद सीरिया की नई सरकार के प्रति वफादार सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारियों ने शुक्रवार को असद के अल्पसंख्यक अलवाइट समुदाय के लोगों की हत्याएं शुरू कर दीं. जिसके बाद असद के समर्थक भी लगातार जवाब दे रहे हैं.

बताया जा रहा है कि नई सरकार के सुरक्षा बल, अलावाइट ग्रुप पर अटैक कर रहे हैं. यह अटैक तटीय क्षेत्र में हो रहे हैं जहां अलावाइट अल्पसंख्यक का गढ़ है और असद परिवार का गढ़ है.

बिखरे पड़े हैं शव, खौफ इतना कि कोई दफनाने नहीं निकल रहा

गांवों और कस्बों के निवासियों के मुताबिक बंदूकधारियों ने अलवाइट समुदाय के पुरुषों को सड़कों पर या उनके घरों के दरवाजे पर ही गोली मारी. हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित बनियास इलाका है, जहां शव बिखरे पड़े हैं.

बनियास इलाके के निवासियों ने कहा कि शव सड़कों पर बिखरे पड़े थे या घरों और इमारतों की छतों पर पड़े थे और उन्हें उठाकर दफनाने के लिए कोई नहीं है.

गौरतलब है कि सीरिया में अब आतंकी संगठन हयात तहरीर अल-शाम का कब्जा है, जिसका प्रमुख अल जोलानी पहले आईएसआईएस का आतंकी था. आतंकियों के सत्ता पलटने से पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद जान बचाकर रूस भाग खड़े हुए थे.   

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