अमेरिका ने चीन के दुश्मन ताइवान को अब तक के सबसे बड़े हथियार के पैकेज की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को चिढ़ाते हुए ताइवान को 10 अरब डॉलर से अधिक के हथियार देने का फैसला किया है. अमेरिका, ताइवान को जो हथियार मुहैया कराएगा, उनमें मीडियम-रेंज मिसाइलें, हॉवित्जर और ड्रोन शामिल हैं.
अमेरिका ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब ताइवान के विदेश मंत्री लिन चिआ लुंग ने पिछले सप्ताह गुपचुप अमेरिका का दौरा किया था. ताइवान पर हमेशा चीन के हमले का खतरा बना हुआ है. ताइवान के साथ चीन की हालिया समय में जापान के मदद के ऐलान के बाद बढ़ गई है.
ताइवान की सुरक्षा के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध: अमेरिकी विदेश विभाग
अमेरिकी विदेश विभाग ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेशनल टेलीविजन पर दिए गए भाषण के दौरान हथियारों की बिक्री लेकर घोषणा की है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि “ये बिक्री अमेरिका के राष्ट्रीय, आर्थिक और सुरक्षा हितों को पूरा करती है. हथियारों की बिक्री से ताइवान की सुरक्षा बेहतर होगी. क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, सैन्य संतुलन और आर्थिक प्रगति बनाए रखने में यह समझौता सहायक होगा.”
ताइवान को अमेरिका कौन-कौन से हथियार दे रहा?
हथियारों की बिक्री के समझौते में 82 हाई-मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम, या हिमर्स, और 420 आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम, या एटीएसीएमएस शामिल हैं.इन हथियारों की कीमत 4 अरब डॉलर से अधिक हैं. इस बिक्री में 60 सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर सिस्टम और संबंधित उपकरण भी शामिल हैं, जिनकी कीमत भी 4 अरब डॉलर से ज्यादा है. ये वो हथियार हैं जो बाइडेन प्रशासन के दौरान अमेरिका यूक्रेन को रूस से बचाव के लिए दे रहा था.
इसके अलावा ताइवान को दिए जाने वाले हथियारों के पैकेज में ड्रोन भी शामिल हैं जिनकी कीमत 1 अरब डॉलर से अधिक है. पैकेज में 1 अरब डॉलर से ज्यादा का मिलिट्री सॉफ्टवेयर, 700 मिलियन डॉलर से अधिक की जेवलिन और टीओडब्ल्यू मिसाइलें, 96 मिलियन डॉलर के हेलीकॉप्टर स्पेयर पार्ट्स और 91 मिलियन डॉलर की हार्पून मिसाइलों के लिए रिफर्बिशमेंट किट शामिल हैं.
ताइवान के साथ अमेरिका-जापान डटकर तैयार, जापान ने की चीन से बातचीत की पेशकश
ऐसी खबरें आईं थीं कि चीन साल 2027 तक ताइवान पर हमला कर सकता है. आए दिन ताइवान को घेरकर चीन अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाकर ताइपे प्रशासन को डराता है. जिसके बाद जापान की नई प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची ने ताइवान का साथ देने की घोषणा की. जापानी पीएम ने कहा था कि “ताइवान की मदद के लिए जापान सैन्य हस्तक्षेप भी करने को तैयार है.” जिसके बाद जापान के साथ भी चीन की सीधी तनातनी देखने को मिली थी.
जापान की प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची ने बुधवार को दिए अपने ताजा बयान में कहा है कि, “टोक्यो और बीजिंग के बीच राजनयिक विवाद के बावजूद वह चीन के साथ बातचीत के लिए ‘हमेशा तैयार’ हैं.”
पीएम ताकाइची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “चीन जापान के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है, और हमें रचनात्मक और स्थिर संबंध बनाने की जरूरत है. जापान हमेशा चीन के साथ बातचीत के लिए तैयार है. हम अपना दरवाजा बंद नहीं कर रहे हैं.”
अमेरिकी घोषणा से चीन भड़केगा, ताइवान को मानता है अपना हिस्सा
इस बात में कोई शक नहीं कि अमेरिका की मदद के बात ताइवान की सैन्य ताकत बढ़ जाएगी. लेकिन अमेरिका की इस मदद के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ना तय है. चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और वन चाइना पॉलिसी पर जोर देता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वॉशिंगटन की सैन्य मदद की घोषणा करना चीन और अमेरिका के बीच डायरेक्ट तनाव बढ़ाने वाला कदम है. अमेरिका के इस फैसले से एशिया प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ना तय माना जा रहा है.

