चीन और ताइवान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया है सनसनीखेज दावा. ट्रंप ने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से आश्वासन दिया है कि चीन उनके कार्यकाल के दौरान ताइवान पर कोई अटैक नहीं करेगा.
साथ ही ट्रंप ने चीन के खिलाफ धमकाने वाले लहज़े में भी कहा, कि चीन जानता है कि अगर ताइवान के खिलाफ कुछ किया तो गंभीर परिणाम होंगे.
ट्रंप ने इस दावे पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि हाल ही में जब ट्रंप और शी जिनपिंग की साउथ कोरिया में मुलाकात हुई थी, तो उस वक्त बताया गया था कि दोनों के बीच व्यापारिक मुद्दों पर बात हुई, न कि ताइवान के मुद्दे पर. बावजूद इसके ट्रंप ने शिगूफा छोड़ते हुए कहा है कि जिनपिंग ने उनसे पर्सनल ये बातें की हैं.
ठीक ऐसा ही दावा पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लेकर रूसी तेल की खरीद को लेकर भी ट्रंप कर चुके हैं. कि पीएम मोदी ने उन्हें (ट्रंप को) आश्वासन दिया है कि रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया जाएगा. हालांकि ट्रंप का वो दावा बेबुनियाद साबित हो गया था, जब विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि उन्हें ट्रंप-मोदी के बीच ऐसे किसी फोन कॉल की जानकारी नहीं है.
जब तक मैं राष्ट्रपति चीन नहीं करेगा ताइवान पर अटैक: ट्रंप
बार-बार दावे और फिर उन्हीं दावों से पलटी मार जाना ये भी एक कला है और इसके सबसे बड़े कलाकार हैं अमेरिकी प्रेसिडेंट. ट्रंप ने इस बार चीन को लेकर दावा कर दिया है कि जब तक वो राष्ट्रपति हैं, तब तक चीन, ताइवान पर हमला नहीं करेगा, क्योंकि ऐसा कुछ खुद चीनी राष्ट्रपति ने उनसे कहा है.
ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “उन्होंने (शी जिनपिंग ने) स्पष्ट तौर पर कहा, और उनके लोगों ने बैठकों में साफ तौर पर कहा है, ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए हम कभी कुछ नहीं करेंगे, क्योंकि वे इसके परिणाम जानते हैं.”
चीन ने हमला किया को क्या अमेरिका देगा ताइवान को मदद, इस सवाल पर ट्रंप का गोलमोल जवाब
अगर चीन, ताइवान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करता है तो क्या अमेरिका की सेना, ताइवान की रक्षा के लिए भेजी जाएगी? इसके जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि “आपको पता चल जाएगा कि क्या होगा. चीन भी अच्छी तरह समझते हैं कि हमारा क्या जवाब होगा. लेकिन ऐसा कल ही नहीं होने वाला और हो सकता है कि कभी न हो, क्योंकि वे जानते हैं और इसका असर को अच्छी तरह समझते भी हैं.”
अमेरिका और चीन दोनों एकदूसरे के लिए खतरा: ट्रंप
ट्रंप ने चीन और शी जिनपिंग के बारे में कहा, “वे (चीन) लंबा खेल खेलते हैं, लेकिन हम भी खेलते हैं. हम भी उतने ही रणनीतिक हैं. चीन और हम एक-दूसरे के लिए खतरा हैं, लेकिन अगर साथ काम करें तो दोनों और मजबूत हो सकते हैं.”
गौरतलब है कि अमेरिका ताइवान पर चीन की सैन्य कार्रवाई के विरोध में है और खुलकर ताइवान को समर्थन देता है. कुछ महीने पहले अमेरिकी घातक युद्घपोत ने भी विवादित क्षेत्र पहुंचा था, जिसके जरिए अमेरिका ने दिखाने की कोशिश की थी कि वो क्षेत्र चीन का नहीं है. वहीं इस एक्शन के विरोध में चीन ने भी ताइवान को घेरकर खूब लड़ाकू विमान उड़ाकर डराने की कोशिश की थी.
पुतिन-जिनपिंग में ज्यादा कठिन कौन, ट्रंप ने दिया जवाब
ट्रंप से पूछा गया कि पुतिन और जिनपिंग में से कौन ज्यादा कठिन नेता हैं, तो उन्होंने दोनों ही नेताओं की जमकर तारीफ की. ट्रंप ने कहा, “शी और पुतिन दोनों सख्त और स्मार्ट लीडर हैं. ये ऐसे लोग हैं जिन्हें बहुत गंभीरता से लेना चाहिए, ये किसी हल्की बातचीत के लिए नहीं आते. ये गंभीर और दृढ़ संकल्प वाले नेता हैं.”
ट्रंप ने कहा, “मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ अच्छे संबंध रखता हूं, इसलिए मुझे लगा था अच्छी दोस्ती के चलते मैं रूस-यूक्रेन युद्ध रोक पाऊंगा, मेरे लिए ये युद्ध रोकना सबसे आसान होगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है.”

