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तालिबान ने भारत में नियुक्त किया डिप्लोमेट

तालिबानी रक्षा मंत्री के भारतीय अधिकारी से बैठक के बाद पहली बार अफगानिस्तान ने मुंबई में अपने राजनयिक की नियुक्ति की है. तालिबान ने अफगान मिशन में इकरामुद्दीन कामिल को अपना कार्यवाहक वाणिज्यदूत बनाया है.

अफगानिस्तान में तालिबान शासन लौटने के बाद भारत में पहली बार तालिबान ने नियुक्ति की है. विदेश मंत्रालय ने अफगान राजनयिक नियुक्ति पर साफ किया है कि इकरामुद्दीन कामिल को केवल कामकाज देखने के लिए नियुक्त किया गया है, राजनयिक दर्जा नहीं दिया गया है.

विदेश मंत्रालय ने भारत का रुख इसलिए स्पष्ट किया है, क्योंकि तालिबान को अभी तक अंतर्राष्ट्रीय तौर पर मान्यता नहीं दी गई है.

तालिबान के इकरामुद्दीन कामिल को अच्छे से जानता है भारत
भारत में तालिबान के नुमाइंदे को भारत बहुत अच्छे से जानता है. क्योंकि  इकरामुद्दीन कामिल ने विदेश मंत्रालय की स्कॉलरशिप पर ही सात साल भारत में रहकर पढ़ाई की है.

इकरामुद्दीन कामिल ने दिल्ली की दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है. अब कामिल ने वाणिज्य दूतावास में “राजनयिक” के रूप में काम करने पर सहमति जताई है. हालांकि इकरामुद्दीन कामिल का स्टेटस फिलहाल भारत में अफगानों के लिए काम करने वाले एक अफगान नागरिक का ही है.

भारत में क्या है इकरामुद्दीन का स्टेटस?
पिछले तीन वर्षों में भारत स्थित अफगानिस्तान के दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में तैनात कई अफगान राजनयिकों ने पश्चिमी देशों में शरण मांगते हुए भारत छोड़ दिया है. जिसकी वजह से देश में स्थित दूतावास में काम करने के लिए केवल एक राजनयिक ही बचे हैं. ऐसे में एक अफगान छात्र को मुंबई स्थित दूतावास में कामकाज को देखने के लिए नियुक्त किया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा, “छात्र को केवल कामकाज देखने के लिए नियुक्त किया गया है और उसे राजनयिक का दर्जा नहीं दिया गया है.”

तालिबान को नहीं दी गई है मान्यता: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर बताया है कि “तालिबान को मान्यता नहीं दी गई है. तालिबान को मान्यता देने पर भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के फैसले का पालन करेगा.”

ये बात भी हालांकि, सच है कि हाल के दिनों में भारत और तालिबान के बीच संबंध स्थापित हुए हैं. एनएसए अजीत डोवल ने खुद अफगानिस्तान को मानवीय मदद करने की पैरवी की है. वहीं इस साल कई बार भारतीय अधिकारियों की तालिबान के मंत्रियों से मुलाकात हो चुकी है. अभी पिछले सप्ताह ही  भारत के विदेश मंत्रालय मेॉ तैनात संयुक्त सचिव जेपी सिंह ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब से मुलाकात की थी. 

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