अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के ठीक तीन साल बाद तालिबान ने राजधानी काबुल के करीब बगराम मिलिट्री बेस पर विक्ट्री परेड का आयोजन किया. इस सैन्य परेड में उन मिलिट्री व्हीकल और हथियारों को शामिल किया गया जो वर्ष 2021 में अमेरिका अफगानिस्तान में आनन-फानन में छोड़कर भाग खड़ा हुआ था.
करीब 20 साल तक बगराम मिलिट्री बेस यूएस फोर्सेज और सीआईए का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा था जहां से तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जाते थे. इसी बेस पर कभी तालिबानी लड़कों को कस्टडी में रखा जाता था. अमेरिका में हुए 9-11 के हमले (2001) के बाद से ही अफगानिस्तान में यूएस ने कब्जा कर लिया था.
15 अगस्त 2021 को अमेरिकी सेना अफगानिस्तान छोड़कर चली गई थी. यूएस फोर्सेज के अफगानिस्तान छोड़ते ही अफगान सेना ने तालिबान के सामने हथियार डाल दिए थे. ऐसे में तालिबान सरकार ने अफगान कैलेंडर के मुताबिक, अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला किया.
बुधवार को बगराम बेस पर बड़ी संख्या में अमेरिका स्ट्राइकर (इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल) का इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा सोवियत संघ के टैंक और दूसरी गाड़ियों को भी परेड में शामिल किया गया. परेड में तालिबान लड़ाकों ने हाथों में हथियार और बम-बारूद लेकर मोटरसाइकिल पर हिस्सा लिया. इस परेड को अफगानिस्तान की न्यूज़ चैनल पर लाइव प्रसारित किया गया.
परेड में सोवियत काल के हेलीकॉप्टर ने भी हिस्सा लिया. साथ ही भारत द्वारा अफगानिस्तान (तालिबान से पूर्ववर्ती सरकार को) उपहार के तौर पर दिए गए हेलीकॉप्टर भी फ्लाई करते दिखाई पड़े. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1824026757508342199)
परेड में तालिबान सरकार के प्रधानमंत्री हसन अखुंड तो नहीं मौजूद नहीं थे लेकिन उनका संदेश पढ़कर सुनाया गया. परेड की सलामी उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरदार ने ली और आंतरिक मामलों के मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने परेड में शामिल सैनिकों को संबोधित किया.
परेड में चीन और ईरान के राजनयिकों ने शिरकत की. सत्ता में काबिज होने के तीन साल बाद भी अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं मिली है. हालांकि, परेड को संबोधित करते हुए हक्कानी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की मांग की.