राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए)अजीत डोवल ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की है.पाकिस्तान के खिलाफ भारत के प्रहार ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार भारत और चीन के उच्च अधिकारियों में मुलाकात हुई है. इस मीटिंग के दौरान अजीत डोवल ने वांग यी से आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया है. आपको बता दें कि पहलगाम नरसंहार के बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया था.
भारत-चीन के संबंधों पर दिया गया जोर
अजीत डोवल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के एनएसए की बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं. ये मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब भारत-चीन के बीच मानसरोवर यात्रा को लेकर समझौता हुआ था. मानसरोवर यात्रा का पहला जत्था मंगलवार को पहुंच रहा है.
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हाल के घटनाक्रम की समीक्षा की. आपसी रिश्तों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसमें लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर भी चर्चा हुई ताकि दोनों देशों के संबंध मजबूत हो सकें.”
चीन के सामने आतंकवाद के खिलाफ अजीत डोवल का कड़ा रुख
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, “एनएसए ने क्षेत्र में समग्र शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने की आवश्यकता पर जोर दिया.” अजीत डोवल का ये बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन, पाकिस्तान के साथ खड़ा दिखा था.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक “एनएसए अजीत डोवल और वांग यी ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया. इस दौरान डोवल ने कहा कि वह वांग यी के साथ भारत में विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के 24वें दौर के लिए जल्द मिलने की उम्मीद रखते हैं, जिस पर दोनों पक्ष सहमत तारीख तय करेंगे.”
एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे राजनाथ सिंह, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भी रहेंगे मौजूद
मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक (25-26 जून) में हिस्सा लेने के लिए चीन जा रहे हैं. चीन के चिंगदाओ शहर में एससीओ देशों के डिफेंस मिनिस्टर्स की मीटिंग हो रही है. चीन यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री चीनी समकक्ष एडमिरल डॉन्ग जुन और रूस के रक्षा मंत्री से भी मुलाकात करेंगे. बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद रहेंगे, लेकिन पाकिस्तान से चल रही तनातनी के बीच राजनाथ सिंह और ख्वाजा आसिफ के बीच मुलाकात की संभावना नहीं है