जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सेना के काफिले की एक एंबुलेंस पर आतंकियों ने हमला किया. लेकिन पहले ही सेना के जवान अलर्ट थे, लिहाजा एक बड़ा हमला टाला जा सका है. क्योंकि स्थानीय छात्रों ने आतंकियों की मूवमेंट की जानकारी पहले ही सेना को दे दी थी.
अगर अलर्ट स्कूली बच्चों ने सेना के जवानों को समय पर आतंकियों की सूचना नहीं दी होती तो आतंकी अपने नापाक मंसूबे में कामयाब हो सकते थे.
इलाके में मौजूद तीन हथियारबंद को देखने के बाद स्कूली छात्रों ने सही वक्त पर सेना को सचेत कर दिया. घटना सोमवार सुबह की है.
अखनूर में आतंकी हमला, घेरे गए आतंकी
सोमवार को आतंकियों के निशाने पर आया अखनूर. सुबह 7:25 बजे जोगवान में शिवसन मंदिर के पास बट्टल इलाके तीन से चार आतंकवादियों ने एंबुलेंस और दूसरे वाहनों पर 15-20 राउंड फायरिंग की और फिर मौके से फरार हो गए.
गनीमत थी कि आतंकी वारदात में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. बताया जा रहा है कि फायरिंग के बाद पूरे इलाके को सुरक्षा बलों ने घेर लिया है. चप्पे-चप्पे पर तलाशी चल रही है. एक आतंकी के मारे जाने की खबर है पर अभी तक सेना या पुलिस की ओर से आतंकी मारे जाने की पुष्टि नहीं की गई है.
स्कूली छात्रों ने सुबह-सुबह आतंकियों को देखा
स्कूली छात्रों की मदद से अखनूर में बड़ा हादसा टल गया है. बताया जा रहा है कि सुबह सुबह ट्यूशन पढ़ने जा रहे छात्रों ने 3 आतंकवादियों को देखा. आतंकियों ने उनसे मोबाइल मांगे.
आतंकी इलाके के शिवआसन मंदिर के आसपास थे और मोबाइल ढूंढ रहे थे. शिव आसन मंदिर जंगल के इलाके में है. आतंकियों को किसी को कॉल करनी थी. इसी इरादे से आतंकियों ने छात्रों से भी फोन मांगे और उन्हें घर वापस लौटने को कहा.
ट्यूशन पढ़ने जा रहे छात्रों से सूझबूझ दिखाते हुए सबसे पहले पास के आर्मी कैंप में तीन हथियारबंद आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना दी. दरअसल आतंकी उस इलाके में मौजूद थे जहां पर हर रोज सुबह सेना के वाहन निकलते हैं. आतंकी एक बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे. पर काफिले को निकलने से पहले ही छात्रों ने सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की खबर दे दी, जिसके बाद अलर्ट जवानों ने पूरे इलाके को घेर लिया.
हालांकि आतंकियों ने सेना के एंबुलेंस को निशाना बनाया पर किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. बल्कि आतंकियों को इलाके में घेर लिया गया है. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है.
आतंकियों की टारगेट किलिंग के बाद दहशत
पिछले सप्ताह 24 अक्टूबर को गुलमर्ग से 6 किलोमीटर दूर बोटा पथरी इलाके में सेना के एक वाहन पर आतंकवादियों ने अटैक किया था. इस हमले में तीन सैनिक और दो पोर्टर्स की मौत हो गई थी.
गुलमर्ग से पहले गांदेरबल जिले के गगनगीर इलाके में जेड-मोड़ टनल कंस्ट्रक्शन साइट पर आतंकवादियों ने मजदूरों को निशाना बनाया था. इस आतंकी हमले में 1 डॉक्टर समेत 7 मजदूरों की मौत हो गई थी. वहीं इसी महीने के 18 तारीख को भी बिहार के एक मजदूर की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.