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थाईलैंड की प्रधानमंत्री की सीक्रेट बातचीत लीक, मिलिट्री अफसरों को बताया विरोधी

By Nalini Tewari

थाईलैंड प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा की कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ फोन पर हुई बातचीत लीक होने के बाद थाईलैंड की सियासत में भूचाल ला दिया है. बातचीत लीक कैसे हुई, किसने की और बातचीत में ऐसा क्या था, ये विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले आपको बता देते हैं कि कंबोडिया और थाईलैंड के बीच गंभीर सीमा विवाद है. 

हाल ही में नो मैन्स लैंड पर गोलीबारी को लेकर सड़कों पर भयंकर प्रदर्शन किया गया था. इस सबके बीच थाईलैंड की पीएम पैटोंगटार्न ने कंडोबिया के पूर्व पीएम हुन सेन से अंकल कहकर बात की तो थाईलैंड की पीएम पर मिलीभगत का आरोप लग गया है. मामला इतना बढ़ चुका है कि सरकार की सहयोगी पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है.

सवालों के घेरे में थाईलैंड की पीएम, कंबोडिया के पूर्व पीएम से बातचीत लीक

हाल ही में थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर जमकर फायरिंग हुई थी. ये फायरिंग प्रतिबंधित क्षेत्र पर की गई थी. इस फायरिंग में कंबोडिया के एक सैनिक की मौत हो गई थी. इस तनाव के बीच कंबोडिया की पीएम पैटोंगटार्न शिनावात्रा पर ये आरोप लगा है कि उन्होंने कंबोडिया के साथ तनाव के बीच ऐसी बातें कीं जिससे थाईलैंड झुका हुआ दिखा. लोग कह रहे हैं कि पीएम की बातचीत से थाईलैंड की आत्मसम्मान पर ठेस पहुंची है. 

दरअसल पीएम शिनावात्रा ने ताजा सीमा विवाद के बीच कंबोडिया के पूर्व पीएम हुन सेन से बात की थी. हुन सेन अभी कंबोडिया की संसद के अध्यक्ष हैं. हुन सेन ने पीएम शिनावात्रा से हुई 17 मिनट की बातचीत अपने फेसबुक पर डाल कर लीक कर दी. हुन सेन ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने यह बातचीत इसलिए रिकॉर्ड की ताकि कोई गलतफहमी न हो या झूठी बातें न फैले.  

बातचीत में पीएम शिनावात्रा ने हुन सेन को ‘अंकल’ कहा, अपने ही सैन्य अफसर को बताया विरोधी

रिकॉर्डिंग में सुना गया कि पैटोंगटार्न ने हुन सेन को ‘अंकल’ कहा, जब दोनों नेता दोनों देशों की भाषाओं के अनुवादकों के जरिए यह चर्चा कर रहे थे कि सीमा पर लगे प्रतिबंधों को हटाना चाहिए या नहीं, जो उस झड़प के बाद लगाए गए थे. 

विवाद इस बात पर भी हुआ कि पैटोंगटार्न ने उस थाई सेना अधिकारी को ‘विरोधी’ कहा, जो उस सीमा इलाके की जिम्मेदारी संभाल रहा था, जहां झड़प हुई थी. थाईलैंड के नेताओं और सरकार के आलोचकों का कहना है कि वह हुन सेन को बहुत ज्यादा खुश करने की कोशिश कर रही थीं, जिससे थाईलैंड कमजोर दिखा. उन्हें सेना के अफसर के बारे में गलतबयानी नहीं करनी चाहिए थी, क्योंकि सेना का अफसर थाईलैंड की सीमा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध था.

खतरे में पैंटोगटार्न की कुर्सी, बोलीं, अब हुन सेन पर नहीं रहा भरोसा

पैटोंगटार्न ने देश से माफी मांगी है. पीेएम ने सफाई देते हुए कहा, कि उनके बीच बातचीत केवल एक वार्ता की रणनीति थीं और उनका असली मकसद दोनों देशों के बीच शांति लाना था. अब मैं, हुन सेन से कोई निजी बातचीत नहीं करूंगी, क्योंकि अब उन पर भरोसा नहीं रहा.  

पैटोंगटार्न ने कहा है कि उनके और हुन सेन के परिवारों के बीच लंबे समय से करीबी रिश्ते रहे हैं. उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और हुन सेन एक-दूसरे को ‘धर्म भाई’ मानते हैं. साल 2009 में हुन सेन ने थाकसिन को कंबोडिया सरकार का सलाहकार बना दिया था, लेकिन थाकसिन ने थोड़े समय बाद इस्तीफा दे दिया था.

लीक के बाद थाईलैंड पेटोंगटार्न की गठबंधन सरकार से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भूमजयथाई ने समर्थन वापस ले लिया. इसकी वजह से उनकी संसदीय बहुमत कमजोर हो गई. विपक्षी नेता नट्टाफोंग रुएंगपन्यावुट ने संसद भंग करने की मांग की है. 

थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने जताया विरोध, कंबोडिया का राजदूत को लिखा पत्र

थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कंबोडिया के राजदूत को एक विरोध-पत्र सौंपा है. विरोध पत्र में लिखा गया कि रिकॉर्डिंग को लीक करना पूरी तरह गलत और अस्वीकार्य है. यह काम अंतरराष्ट्रीय नियमों और पड़ोसी के अच्छे संबंधों की भावना के खिलाफ है.

28 मई को सीमा पर झड़प का पूरा विवाद समझिए, दोनों ने देशों ने लगाए कड़े प्रतिबंध

दरअसल ये पूरा विवाद, 28 मई को ‘एमराल्ड ट्रायंगल’ में हुई एक सैन्य झड़प है. यहां थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं.ये एक नो मेंस लैंड है. इस झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी. इसके बाद दोनों देशों में राष्ट्रवादी सड़क पर उतर गए. 

कंबोडिया ने थाईलैंड पर ड्रोन उड़ाने और सैन्य उकसावे का आरोप लगाया, जबकि थाईलैंड ने इनकार किया. कंबोडिया ने थाई आयात, टीवी ड्रामा और इंटरनेट बैंडविड्थ पर बैन लगा दिया, जिससे तनाव और बढ़ गया.

इन सबके बीच पीएम पैंटोगटार्न शिनावात्रा का कंबोडियाई पूर्व पीएम से बातचीत और अपने ही सैन्य अफसर को भला बुरा कहना, राष्ट्रवादियों को बिलकुल पसंद नहीं आ रहा और वो पीएम से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

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