ऑपरेशन सिंदूर की प्लानिंग से लेकर उसे रोकने तक के बारे में एयरफोर्स चीफ ने खुलकर बात की है. एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने कहा, दुनिया को भारत से सीख लेने की जरूरत है, कि कैसे भारत ने युद्ध से अहंकार को बढ़ावा नहीं दिया और टारगेट पूरा होने पर ऑपरेशन को रोक दिया.
एयर चीफ मार्शल ने ऑपरेशन सिंदूर जल्द रोकने का कारण बताया, साथ ही कहा कि ह कैसे योजना बनकर और समझदारी से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. वायुसेनाध्यक्ष ने एयर डिफेंस सिस्टम एस 400 को गेमचेंजर बताते हुए कहा, इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति बेहद आवश्यक थी, और हमारे नेतृत्व ने हमें खुली छूट दी थी.
बहुत सारे लोग कहते थे कि युद्ध बहुत जल्दी रोक दिया: वायुसेनाध्यक्ष
एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने वायुसेना संघ (एएसए) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कहा,, “हमने सुना कि लोगों ने कहा कि हमें थोड़ा और करना चाहिए था. हमने युद्ध बहुत जल्दी ऑपरेशन रोक दिया. लेकिन आज दुनिया में कई लड़ाईयां चल रही हैं. चाहे वह रूस, यूक्रेन या इजरायल युद्ध हो, वे सालों से चल रहे हैं, क्योंकि कोई भी संघर्ष को खत्म करने के बारे में नहीं सोच रहा है. पाकिस्तान वे बैकफुट पर था, इसमें कोई शक नहीं, लेकिन हमारे उद्देश्य क्या थे?”
“अगर हमारा उद्देश्य पूरा हो गया है, तो हमें युद्ध क्यों नहीं खत्म करना चाहिए? हमें इसे जारी क्यों रखना चाहिए? क्योंकि किसी भी युद्ध की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. यह अगले युद्ध के लिए हमारी तैयारियों को प्रभावित करेगा. यह हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा.”
वायुसेनाध्यक्ष बोले, “युद्ध से अहंकार को बढ़ावा देना सही नहीं है, दुनिया को भारत से सीखने की जरूरत है, कि लक्ष्य प्राप्त होने के बाद कैसे युद्ध रोका जाता है.”
“भारत ने संघर्ष इसलिए खत्म कर दिया क्योंकि उसने मुख्य उद्देश्य ‘आतंकवाद विरोधी’ को पूरा कर लिया था.”
नागरिक विमानों की आड़ में पाकिस्तान की थी बड़ी साजिश, हमने बहुत सतर्कता बरती: वायुसेनाध्यक्ष
वायुसेनाध्यक्ष ने बताया कि “जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को तबाह किया. तो उसके बाद पाकिस्तान ने अपने कुछ हवाई क्षेत्र बंद नहीं किए थे. उनके नागरिक विमान लाहौर के ऊपर उतर रहे थे और उड़ान भर रहे थे. इसलिए अगर हमने उस समय इसके बारे में नहीं सोचा होता, तो शायद कई लोगों की जान जा सकती थी. यह कुछ चुनौती थी जो हमारे सामने थी.”
“उन विमानों की आड़ में पाकिस्तान ने अपने कुछ यूएवी, अपने ड्रोन, जो कि हमलावर ड्रोन हैं, को भी उड़ान भरने दिया. इसलिए, ये सभी इनपुट हमारे पास आ रहे थे. लेकिन हमने तय किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, हमें ऐसे किसी भी विमान को गलती से भी, नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, जिसमें नागरिक या कोई अन्य गैर-सैन्य कर्मी हों.”
सिर्फ ड्रोन से नहीं लड़े जाते युद्ध, एस 400 बना गेमचेंजर: वायुसेनाध्यक्ष
एयरचीफ मार्शल ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में भारत के पास मौजूद लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एस-400 ने बड़ी भूमिका निभाई. एस-400 के शक्तिशाली रडार और मिसाइल सिस्टम की वजह से दुश्मन के लड़ाकू विमान अपने ही इलाके में सुरक्षित नहीं रह पाए. एस-400 की रेंज दुश्मन के हथियारों की रेंज से ज्यादा थी. इसी वजह से वे हमारे हथियारों की मारक दूरी तक भी नहीं पहुंच पाए और जो विमान आगे बढ़े, उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा. यह हमारे लिए एक गेम चेंजर साबित हुआ.”
बालाकोट एयरस्ट्राइक पर हमसे सवाल पूछे गए, लेकिन हमें प्लानिंग की पूरा आजादी दी गई: वायुसेनाध्यक्ष
एयर चीफ ने कहा, “पिछली बार जब बालाकोट स्ट्राइक हुई थी, तो वायुसेना से बार-बार पूछा गया था कि हम अपने लोगों से तो ज्यादा पूछते हैं लेकिन दूसरों के बारे में कम सोचते हैं, इसलिए बार-बार पूछा गया कि कुछ दिख नहीं रहा है… मुझे लगता है कि सबसे अच्छी चीजों में से एक ये थी कि राजनीतिक इच्छाशक्ति थी. हमारे नेतृत्व ने हमें स्पष्ट निर्देश दिए और कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। हमें योजना बनाने की पूरी आजादी दी गई और एकजुटता थी; तीनों सेनाएं एक साथ बैठी थीं, एक साथ चर्चा कर रही थीं, एक साथ योजना बना रही थीं, सीडीएस के साथ, अन्य एजेंसियों के साथ, एनएसए ने भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभाई थी.”
पहलगाम हमले के बाद हमने एक सटीक प्लानिंग की, दुश्मन को सबक सिखाया: वायुसेनाध्यक्ष
पहलगाम हमले के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी की. हमें आतंकवादी ठिकानों की जानकारी दी गई. हमने उन पर सटीक हमला किया. जब हमारे दुश्मनों ने युद्ध रोकने से इनकार कर दिया और हम पर हमला करने की कोशिश की, तो हमने उन पर जोरदार और सटीक हमला किया. उनके कई ठिकाने तबाह हो गए. उनके कई बुनियादी ढांचे, रडार, नियंत्रण और समन्वय केंद्र, उनके हैंगर, विमान, सब को भारी नुकसान पहुंचा. इस दौरान एयर चीफ मार्शल ने मुरीदके का वीडियो दिखाकर बताया कि कितनी तबाही की गई.