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आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाए दुनिया, यूएन में बोले जयशंकर

आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. जयशंकर ने आतंकवाद की जीरो टॉलरेंस नीति को एक बार फिर से याद दिलाते हुए कहा, दुनिया को अब आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा. आतंकवादियों को कोई छूट नहीं दी जा सकती.

कुछ देशों के प्रॉक्सी के तौर पर काम कर रहे आतंकवादी:एस जयशंकर

एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में “द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिस्म” नाम की प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए आतंकवाद पर तगड़ा हमला बोला है. एस जयशंकर ने कहा, कि “आतंवादी संगठन कुछ देशों के पॉक्सी के तौर पर काम करते हैं, इसलिए ऐसा करने नहीं देना चाहिए.”

विदेश मंत्री ने कहा, “आतंकियों को किसी भी सूरत में छूट नहीं मिलनी चाहिए, उन्हें प्रॉक्सी के रूप में देखना बंद करें और किसी भी तरह के न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के आगे नहीं झुकना चाहिए.”

एस जयशंकर ने किया ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र

एस जयशंकर ने पहलगाम नरसंहार के बारे में बात करते हुए बताया कि आतंकियों ने किस तरह से लोगों का धर्म पूछ पूछकर 26 पर्यटकों को मौत के घाट उतारा.

एस जयशंकर ने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी और इसके जिम्मेदार आतंकियों को सजा देने की मांग की थी. भारत ने इस हमले के दो हफ्ते बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया. किसी भी देश की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने को बेनकाब करना होगा और उसका मुकाबला करना होगा. 

आतंकवाद कहीं भी हो शांति और इंसानियत के लिए खतरा:जयशंकर

जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद कहीं भी हो, वह हर जगह शांति के लिए खतरा है. आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है. यह संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों जैसे मानवाधिकार, नियम-कानून और देशों के बीच आपसी रिश्तों के बिल्कुल खिलाफ है.” 

जयशंकर बोले, “जब कोई देश अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता है, जब कट्टरता इसे हवा देती है, जब यह कई गैरकानूनी गतिविधियों को जन्म देता है, तब इसे दुनिया के सामने बेनकाब करना जरूरी है. दुनिया को इस समझ के साथ एकजुट होकर जवाब देना होगा.”

वैश्विक समुदाय से अपील करते हुए जयशंकर ने कहा, “हम सबकी साझा और तात्कालिक जिम्मेदारी है कि आतंकवाद के हर रूप और स्वरूप का सामना किया जाए. यहां सिर्फ स्मरण नहीं, प्रतिबद्धता की जरूरत है.”

यूएन में दिखाई गई आतंकवाद की स्याह सच्चाई

जयशंकर ने प्रदर्शनी के उद्घाटन में बड़ी संख्या में उपस्थित संयुक्त राष्ट्र के राजदूतों, वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र कर्मियों, अधिकारियों और दूतों को संबोधित किया. प्रदर्शनी में 1993 मुंबई ब्लास्ट, 2008 मुंबई हमले, और 2024 पहलगाम हमले जैसी घटनाओं के भयानक दृश्य और विवरण शामिल हैं. इसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों और आतंकियों के नाम भी शामिल हैं.

जयशंकर ने कहा कि “यह प्रदर्शनी आतंकवाद के शिकार हुए लोगों की आवाज को बुलंद करने का एक छोटा लेकिन दृढ़ प्रयास है. यह प्रदर्शनी उन लोगों की आवाज़ है जो अब बोल नहीं सकते ,जो हमसे दूर हो गए और आतंकवाद के कहर से तबाह हुए जीवन की याद दिलाती है… यह एक श्रद्धांजलि है उन निर्दोषों को, जिनकी जिंदगियां आतंकवाद ने छीन लीं.”

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