कनाडा के सरे में कॉमेडियन कपिल शर्मा के कैप्स कैफे पर एक बार फिर से फायरिंग की गई है. हाल ही में ये तीसरी बार है, जब कैप्स कैफे को टारगेट किया गया है. कैफे पर 9-10 गोलियां चलाई गईं, जिससे कैफे में लगाए गए कांच टूट गए और दीवारों पर बुलेट होल्स दिखाई दे रहे हैं.
सोशल मीडिया पर फायरिंग का वीडियो वायरल है. इस फायरिंग की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है, जिसे कनाडा में आतंकवादी संगठन घोषित किया जा चुका है.
चार महीने में तीसरी बार कपिल शर्मा के कैफे पर फायरिंग
जुलाई के महीने से अब तक तीसरी बार कपिल शर्मा के कैप्स कैफे पर अटैक हुआ है. गोल्डी ढिल्लो और कुलदीप सिद्धू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इसकी जिम्मेदारी ली है. इस पोस्ट में लिखा है, “वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह, आज जो (कैप्स कैफे, सर्रे) में तीन बार फायरिंग हुई है, उसकी जिम्मेदारी मैं, कुलवीर सिद्धू और गोल्डी ढिल्लों लेते हैं.”
पोस्ट में आगे लिखा गया है कि “हमारी आम जनता से कोई दुश्मनी नहीं है. जिनसे हमारा झगड़ा है, वो हमसे दूर रहें. जो लोग अवैध (दो नंबर का) काम करते हैं, लोगों से काम करवा कर पैसे नहीं देते, वो भी तैयार रहें. जो भी बॉलीवुड में धर्म के खिलाफ बोलते हैं, वो भी तैयार रहें. गोली कहीं से भी आ सकती है.”
कपिल शर्मा की सुरक्षा की समीक्षा की गई
ताजा फायरिंग की घटना की कनाडाई पुलिस जांच कर रही है. कनाडा वाले कैफे पर इस साल पहली बार 10 जुलाई को और दूसरी बार 7 अगस्त को फायरिंग हुई थी. दूसरी बार फायरिंग के बाद कैप्स कैफे को बंद कर दिया गया था. बाद में फिर से खोला गया, लेकिन एक बार फिर से फायरिंग के बाद दहशत है. धमकी के बाद भारत में कपिल शर्मा की सुरक्षा की समीक्षा की गई थी.
कपिल शर्मा को क्यों किया जा रहा टारगेट
दरअसल 7 जुलाई को ही सरे में कपिल शर्मा और उनकी पत्नी ने मिलकर एक रेस्टोरेंट शुरु किया है. लेकिन इस कैफे के खोले जाने के कुछ ही दिनों बाद फायरिंग की गई थी. उस वक्त फायरिंग की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के ऑपरेटिव हरजीत सिंह लड्डी ने ली थी. उसने दावा किया था कि कपिल शर्मा के अपने शो में सिखों का मजाक उड़ाया है.
सरे में खालिस्तानी समर्थकों ने खोला है फर्जी दूतावास
जिस सरे में कपिल शर्मा का कैफे है, वो वही शहर हैं जहां के गुरुद्वारे के बाहर भारत के मोस्टवांटेड खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को गोली मारी गई थी. हाल ही में खुलासा हुआ है कि उसी गुरुद्वारा परिसर में खालिस्तानी समर्थकों ने फर्जी दूतावास खोला है.
हैरानी की बात ये है कि उस बिल्डिंग को कनाडाई सरकार ने स्पॉन्सर किया है. यानि जस्टिन ट्रूडो की रुखसती के बाद नई मार्क कार्नी सरकार भी खालिस्तानी समर्थकों को अपने वोटबैंक के लिए रिझाने में जुटी हुई है. और कनाडाई धरती पर भारत विरोधी गतिविधियों को पनाह जारी है.