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ईरान का टॉप कमांडर निकला इजरायली एजेंट, Mossad का वर्चस्व कायम

इजरायल ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर तो हमला नहीं किया है लेकिन मोसाद ने तेहरान को एक बड़ा झटका दिया है. माना जा रहा है कि ईरान का टॉप मिलिट्री कमांडर इस्माइल कानी, जो पिछले दस दिनों से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब था, इजरायली खुफिया एजेंसी के एजेंट के तौर पर सीक्रेट तरीके से काम कर रहा था. खबर है कि ईरान ने कानी को गिरफ्तार कर लिया है.

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) में ब्रिगेडियर-जनरल के पद पर तैनात कानी की गिनती, ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर में से होती है, जो सीधे सुप्रीम लीडर अली खामनेई को रिपोर्ट करता है. 3 अक्टूबर को बेरुत में हुई इजरायल की एयर-स्ट्राइक के बाद से ही कानी लापता था.

आईआरजीसी की इंटेलिजेंस विंग, कुद्स फोर्स के कमांडर के पद पर कानी ही तैनात था. वर्ष 2020 में आईआरजीसी के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद कानी को ही कुद्स फोर्स का चीफ बनाया गया था. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1844956577305948265)

3 अक्टूबर को इजरायली वायुसेना ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के नए कमांडर हाशेम सेफेद्दीन को मार गिराया था. कहा जा रहा है कि जिस वक्त सेफेद्दीन को इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत के बाहरी हिस्सा दाहिए में मार गिराया था, कानी को भी मीटिंग के लिए वहां पहुंचना था. लेकिन कानी वहां नहीं पहुंचा, जिसके चलते उसकी जान बच गई थी. तभी से कानी, ईरान के शक के घेरे में था.

कानी पर शक इसलिए भी गहराया क्योंकि 27 सितंबर को जब इजरायल ने हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर हसन नसरल्लाह को हिजबुल्लाह की राजधानी दाहिए में एक बिल्डिंग की बेसमेंट में बैठक के दौरान मार गिराया था, उसी दिन कानी भी बेरुत पहुंचा था. इस मीटिंग में भी कानी मौजूद नहीं हो पाया था.

कुद्स फोर्स के चीफ के नाते, कानी की जिम्मेदारी होती है ईरान से बाहर सक्रिय आतंकी संगठन हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों से तालमेल रखना. कब, कहा और कैसे दुश्मन (इजरायल इत्यादि) पर हमला बोलना है, कुद्स फोर्स ही हमास और हिजबुल्लाह को निर्देशित करती है.

लेबनान में दो मीटिंग में न पहुंचने और इजरायल के एरियल-स्ट्राइक से बचने के कारण ही ईरान ने कानी को हाउस-अरेस्ट कर लिया है. कानी से कड़ी पूछताछ की जा रही है. कहा तो ये भी जा रहा है कि पूछताछ के दौरान कानी को हार्ट-अटैक आया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

ईरान ने आधिकारिक तौर से कानी के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है. ये भी साफ नहीं किया है कि कानी जिंदा है या मर गया है. क्योंकि शुरुआत में ऐसी खबरें भी आई थी कि सेफेद्दीन के साथ इजरायल हमले में उसकी भी मौत हो गई है. क्योंकि इजरायल ने एरियल-स्ट्राइक की जगह पर मलबा साफ नहीं करने दिया है इसलिए कानी की मौत की पुष्टि नहीं की गई थी.

अगर वाकई कानी इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए एजेंट के तौर पर काम कर रहा है तो ईरान के लिए ये जितना बड़ा झटका है, इजरायल के लिए बड़ी जीत. पेजर-अटैक और ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के टॉप कमांडर हानिए की मौत से मोसाद पहले से ही ईरान और पूरे मिडिल-ईस्ट में स्पाई-क्राफ्ट के नए आयाम छू रही है.

अगर मोसाद ने ईरान के शीर्ष मिलिट्री लीडरशिप में इतनी बड़ी पैठ बना ली है तो ये इजरायल के लिए बड़ी सामरिक जीत मानी जा सकती है. क्योंकि हानिए की मौत हो या नसरल्लाह और सेफेद्दीन की, इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि सभी की लोकेशन और सटीक जानकारी कोई न कोई मोसाद को लीक कर रहा है.

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