लगातार पलटने बयानों से अपनी क्रेडिबिलिटी खत्म कर रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. रूस को पहले 50 दिन का अल्टीमेटम देने वाले ट्रंप ने स्कॉटलैंड की यात्रा के दौरान कहा, रूस को सिर्फ 10 से 12 दिन का वक्त दिया है. डेडलाइन छोटा करते हुए ट्रंप ने कहा है कि 9 अगस्त तक शांति की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं.
पुतिन से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं: ट्रंप
हाल ही ट्रंप ने कहा था कि वो बीजिंग में पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं. लेकिन सोमवार को रूस के अल्टीमेटम की डेडलाइन कम करते हुए ट्रंप ने कहा, “इंतजार करने का ‘यह कोई तरीका नहीं है. मैं पुतिन से निराश हूं. अब मुझे बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है. कोई फायदा नहीं है. हमें कोई प्रगति नजर नहीं आ रही. पुतिन को समझौता करना होगा, क्योंकि बहुत सारे लोग मर रहे हैं.”
क्या रूस पर किसी बड़े अटैक की प्लानिंग कर रहा है अमेरिका, क्या सच में लंबी दूरी की मिसाइल दागने की अनुमति देकर अमेरिका, यूक्रेनी सेना से रूस के मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग पर हमला करवाएगा. रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति के 50 दिनों का अल्टीमेटम खत्म होते-होते रूस और अमेरिका के बीच जुबानी जंग तेज है.
रूस की ओर से कहा गया कि अमेरिका उन्हें इजरायल और ईरान नहीं हैं, तो रूस की बयान पर पलटवार करते हुए अमेरिकी सीनेट ने कहा, रूस को जल्द पता चल जाएगा कि अब बाइडेन राष्ट्रपति नहीं हैं.
ट्रंप खेल रही अल्टीमेटम का खेल, रूस नहीं है इजरायल और ईरान: दिमित्री मेदवेदेव
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिका पर तंज कसा है. अमेरिकी राष्ट्रपति के रूस-यूक्रेन को लेकर किए गए वादों और दावों पर सवालिया निशान खड़े किए हैं.
दिमित्री ने एक्स पर पोस्ट में लिखा- “ट्रंप, रूस के साथ अल्टीमेटम का खेल खेल रहे हैं: 50 दिन या 10… उन्हें दो बातें याद रखनी चाहिए:
1. रूस इजरायल या ईरान नहीं है.
2. हर नया अल्टीमेटम एक ख़तरा और युद्ध की ओर एक कदम है। रूस और यूक्रेन के बीच नहीं, बल्कि उनके अपने देश के साथ. स्लीपी जो (बाइडेन) वाली राह पर मत जाओ!”
जल्द पता चलेगा, ट्रंप, जो बाइडेन नहीं: लिंडसे ग्राहम
डोनाल्ड ट्रंप के करीबी अमेरिकी सीनेटर ने रूस पर पलटवार किया है. लिंडसे ग्राहम ने कहा, रूस में उन लोगों के लिए जो मानते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच खूनी संघर्ष को खत्म करने के लिए गंभीर नहीं हैं. आप और आपके ग्राहक जल्द ही गलतफहमी में पड़ जाएंगे. आपको जल्द ही यह भी पता चल जाएगा कि जो बाइडेन अब राष्ट्रपति नहीं रहे. शांति वार्ता की मेज पर आएं.
भारत, चीन, ब्राजील कर रहे युद्ध मशीन को समर्थन: लिंडसे ग्राहम
सीनेटर लिंडसे ने एक बार फिर से रूस को समर्थन किए जाने पर भारत, चीन और ब्राजील को घेरा है. लिंडसे ने कहा, “मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन पर रूस के लगातार हमलों से हताशा को पूरी तरह समझता हूं,जो शांति वार्ता की कोई वास्तविक इच्छा नहीं दिखाता. पुतिन ने राष्ट्रपति ट्रंप का गंभीर रूप से गलत आकलन किया है. मुझे उम्मीद है कि चीन, भारत और ब्राजील जैसे देश- जो पुतिन की युद्ध मशीन का समर्थन करते हैं- लंबे समय से बकाया कीमत चुकाने वाले हैं”
अमेरिका का चुभ रहा है रूस के साथ भारत का तेल आयात
रूस के साथ भारत का तेल आयात तेजी से बढ़ा है, जिसमें मॉस्को उसे सस्ती दरों पर कच्चा तेल उपलब्ध करा रहा है. अमेरिका समेत वेस्ट देशों ने रूस पर युद्ध के चलते कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं. लेकिन भारत, चीन और ब्राजील जो कि ब्रिक्स के साथी हैं, वो रूस के साथ व्यापार करके आर्थिक तौर पर मदद पहुंचा रहे हैं. इसी बात से अमेरिका चिढ़ा हुआ है. अमेरिका धमका रहा है कि तीनों देश रूस के साथ व्यापार बंद करें, नहीं तो प्रतिबंध झेलने होंगे.
भारत की ओर से साफ कर दिया गया है कि जियोपॉलिटिकल दबाव के चलते भारत अपनी अर्थव्यवस्था बर्बाद नहीं करेगा. भारत, रूस का साथ नहीं छोड़ेगा.
बाइडेन की तरह है यूक्रेन को हथियार सप्लाई में जुटे ट्रंप
जो बाइडेन को अक्सर यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने पर घेरने वाले ट्रंप अब बाइडेन के नक्शेकदम पर ही हैं. कभी जेलेंस्की को सबसे बड़ा सेल्समैन बताते थे, तो अब खुद ही रूस से खार खाए ट्रंप हथियार सप्लाई कर करे हैं. बताया जा रहा है कि अमेरिका यूक्रेन को इस साल के अंत तक 33,000 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित ड्रोन किट्स मिलेंगी. यह आपूर्ति अमेरिकी रक्षा विभाग और अमेरिका-जर्मनी की सॉफ्टवेयर कंपनी ऑटेरियन के बीच हुए नए समझौते के तहत की जाएगी.
यूक्रेन को अमेरिका देगा एआई संचालित 33000 ड्रोन
33 हजार ड्रोन, अब तक की सबसे बड़ी ड्रोन डिलीवरी होगी. कंपनी के सीईओ लोरेन्ज मेयर ने इस बात की पु्ष्टि की है. कंपनी के सीईओ ने कहा, पहले की तुलना में यह आपूर्ति दस गुना ज्यादा है. हाल ही में रूस ने ईरानी-डिजाइन किए गए शाहेद ड्रोन की बड़ी संख्या यूक्रेन की ओर छोड़ी जा रही है. केवल 9 जुलाई को ही रूस ने 700 से अधिक हवाई हथियार दागे, जो कई महीनों के कुल हमलों से भी अधिक थे. ऐसे में यूक्रेन अपनी तैयारी मजबूत करना चाहता है. इतनी बड़ी तादाद में यूक्रेन को ड्रोन सप्लाई किए जाने से रूस का भड़कना तय है और ये भी कहा जा सकता है कि ट्रंप चाहे कितना धमकाएं, अल्टीमेटम दें, लेकिन युद्ध वो समाप्त नहीं करा पाएंगे. ये युद्ध तभी खत्म होगा जब पुतिन चाहेंगे.