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ट्रंप को नागवार मोदी-पुतिन दोस्ती, चावल पर टैरिफ की धमकी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भव्य स्वागत और आतिथ्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बिलकुल पसंद नहीं आया. भारत और रूस के बीच फूट डालने की कोशिश करने वाला अमेरिका जब अपने नापाक प्रयासों में विफल रहा तो अब भारत को एक और टैरिफ के लिए धमकाया गया है. 

50 प्रतिशत टैरिफ का दबाव झेल रहे भारत पर ट्रंप ने चावल पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत को अमेरिकी बाजार में चावल डंप करना (सस्ते दामों पर बेचना) नहीं चाहिए और वह इस मामले से निपट लेंगे.

ट्रंप ने दी फिर भारत पर टैरिफ लगाने की धमकी

रूस से भारत का तेल खरीदना बंद न करवा पाने और पुतिन के नई दिल्ली दौरे की तस्वीरें देखकर डोनाल्ड ट्रंप भड़के हुए हैं. ट्रंप एक ओर तो भारत को धमका रहे थे कि रूसी तेल खरीदना बंद करे, लेकिन जब मोदी सरकार राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखते हुए नहीं झुकी, तो खिसियाए ट्रंप एक और टैरिफ बम फोड़ने की फिराक में हैं. ट्रंप के निशाने पर इस बार एग्रीकल्चर सेक्टर है.

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में खेती और कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों तथा अपने कैबिनेट के प्रमुख सदस्यों खासकर वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और कृषि मंत्री ब्रूक रोलिन्स के साथ एक बैठक की. जिसके बाद किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की संघीय सहायता की घोषणा की.

अमेरिकी किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने ट्रंप से शिकायत की थी कि भारत और दूसरे देशों से आने वाले चावल की वजह से उन्हें नुकसान हो रहा है. जिसके बाद ट्रंप ने कहा, “भारत ऐसा नहीं कर सकता है। इसके लिए टैरिफ देना होगा.”

भारत बेहद सस्ते दामों में बेच रहा चावल, इसे सुनकर भड़के ट्रंप

लुइसियाना में अपने परिवार के कृषि कारोबार केनेडी राइस मिल का संचालन करने वाली मेरिल केनेडी ने ट्रंप से कहा कि देश के दक्षिणी हिस्से में चावल उत्पादक वास्तव में संघर्ष कर रहे हैं और अन्य देश अमेरिकी बाजार में चावल डंप कर रहे हैं यानी कि बेहद सस्ते दामों पर चावल बेच रहे हैं. 

इस दौरान ट्रंप ने पूछा कि कौन से देश अमेरिका में चावल सस्ते दामों पर बेच रहे हैं तो राष्ट्रपति के बगल में बैठीं केनेडी ने जवाब दिया, “भारत और थाईलैंड; यहां तक कि चीन भी प्यूर्टो रिको में चावल सस्ते दामों पर बेच रहा है. प्यूर्टो रिको कभी अमेरिकी चावल का सबसे बड़ा बाजार हुआ करता था. हमने कई वर्षों से प्यूर्टो रिको में चावल नहीं भेजे हैं.”

केनेडी ने कहा कि “ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्क काम कर रहे हैं, लेकिन हमें इसे और बढ़ाने की जरूरत है.”

केनेडी ने ट्रंप को यह भी बताया कि भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक मामला चल रहा है. ट्रंप ने कहा कि “इसे बहुत आसानी से निपटाया जा सकता है.”

ट्रंप ने फिर अमेरिकी वित्त मंत्री बेसेंट से कहा कि “भारत, मुझे भारत के बारे में बताइए. भारत को ऐसा करने की अनुमति क्यों है? उन्हें शुल्क देना होगा. क्या उन्हें चावल पर छूट मिली हुई है?”

इस पर बेसेंट ने कहा कि “नहीं सर, हम अभी उनके साथ व्यापार सौदे पर बातचीत कर रहे हैं.”

दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है भारत

भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. भारत में 15 करोड़ टन चावल का सालाना उत्पादन होता है, जो दुनिया के कुल उत्पादन का 28 प्रतिशत है. भारत, चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है, साल 2024-25 में चावल के कुल निर्यात का 30 प्रतिशत अकेले भारत ने निर्यात किया.

ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार, साल 2024 में भारत ने अमेरिका को 2.34 लाख टन चावल का निर्यात किया, हालांकि भारत के कुल बासमती चावल निर्यात 52 लाख टन का यह पांच प्रतिशत से भी कम है.

भारत चावल की जो किस्में वैश्विक स्तर पर निर्यात करता है, उनमें सोना मसूरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे बाजारों में पसंद की जाती है. 

अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर कुल 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया हुआ है. अगर ट्रंप ने चावल पर भी टैरिफ लगाने की औपचारिक घोषणा की तो भारत-अमेरिका के संबंधों में और खटास होना तय है. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी पहले ही कह चुके हैं, कि भारत टैरिफ के आगे झुकेगा नहीं, भारत का हित पहले देखेगा.

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