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मध्यस्थता के लिए ट्रंप की चापलूसी, शहबाज ने लगाई गुहार

आतंकवाद पर घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गुहार लगाई है. रूस द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता मना करने के बाद शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत के लिए अमेरिका को सामने आने को कहा है. पहलगाम नरसंहार के बाद सिंधु जल रोके जाने से पाकिस्तान में त्राहिमाम मच गया है. अपनी सरकार के खिलाफ पाकिस्तानी लोगों को गुस्सा फूटने लगा है, ऐसे में शहबाज शरीफ रूस-अमेरिका के चौखट पर गिड़गिड़ा रहे हैं. 

दिल्ली-इस्लामाबाद में बातचीत कराने की कोशिश करे वाशिंगटन- शहबाज शरीफ

इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास में एक कार्यक्रम में पहुंचे शहबाज शरीफ ने अमेरिका की जमकर चापलूसी की है. शहबाज शरीफ ने भारत के साथ तनाव कम करने में ट्रंप की भूमिका की तारीफ की. शहबाज शरीफ ने वाशिंगटन से दिल्ली-इस्लामाबाद के बीच व्यापक वार्ता शुरू कराने की कोशिश करने को कहा है.

शहबाज शरीफ ने कहा, “ट्रंप वो महान शख्स हैं, जो शांतिप्रिय हैं. ट्रंप वो शख्स हैं जिन्हें बिजनेस डील की अहमियत हैं. ट्रंप वो शख्स हैं जो देशों के बीच शांति को प्रमोट करते हैं, ट्रंप वो शख्स हैं जो हॉट और कोल्ड वॉर के खिलाफ हैं. ट्रंप ने खुलेतौर पर भारत-पाकिस्तान में बात की और मैं सराहना करता हूं कि उनके कारण सीजफायर हुआ.”

शहबाज शरीफ का बयान बिलावल भुट्टो के उस बयान के बाद आया है, जिसमें बिलावल ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के पीछे अमेरिका को श्रेय जाता है. ट्रंप की कोशिशों से सीजफायर हो पाया. अगर अमेरिका भारत से बातचीत के लिए मदद को तैयार हो जाता है तो व्यापक वार्ता शुरू करने में अमेरिकी भूमिका हमारे लिए भी फायदेमंद होगी.’

जबकि भारत साफतौर पर कह चुका है कि “सीजफायर के पीछे अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी. किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता नहीं स्वीकार की जाएगी.”

पुतिन से मध्यस्थता कराना चाहता था पाकिस्तान, रूस ने किया मना

भारत की सैन्य और कूटनीतिक घेराबंदी के आगे पस्त पड़े पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने पुतिन के आगे मध्यस्थता के लिए हाथ फैलाए हैं. अपने विशेष दूत सैयद तारिक फातमी को मॉस्को भेजा था. फातमी ने शहबाज शरीफ की एक निजी चिट्ठी रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को सौंपी है. पाकिस्तान की मांग है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए रूस मध्यस्थता करे. दरअसल रूस-भारत में गहरी मित्रता है, पाकिस्तान चाहता है कि भारत पर रूस की ओर से दबाव बनाया जाए. लेकिन सर्गेई लावरोव ने साफ तौर पर मध्यस्थता करने से मना कर दिया है. लावरोव ने कहा, दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बनाने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच सीधी बातचीत की जरूरत है. 

बूंद-बूंद को तरसे तो इशाक डार को याद आया भारत

सिंधु जल रोके जाने का पाकिस्तान पर असर दिखने लगा है. पानी की कमी के कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया है जिसके बाद आग उगलने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के सुर बदल गए हैं. इशाक डार ने भारत के साथ व्यापक बातचीत करने की इच्छा जाहिर की है. इशाक डार ने कहा, भारत-पाकिस्तान देशों के बीच दोबारा सैन्य संघर्ष शुरू होने की आशंका बेहद कम है. इशाक डार ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा है कि, भारत के साथ व्यापक बातचीत करना चाहते हैं, जिसमें पानी सहित कई मुद्दे शामिल हैं. 

सिर्फ पीओके और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान से होगी बात:भारत

पाकिस्तान से बातचीत को लेकर भारत का रुख हमेशा से साफ है. भारत ने पुलवामा और उरी आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत बंद कर दी थी. पहलगाम नरसंहार के बाद पूरी तरह से कूटनीतिक संबंध खत्म कर दिए गए हैं. साथ ही सिंधु जल रोक कर भारत ने पाकिस्तान के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. बार-बार बातचीत की गुहार लगा रहे पाकिस्तान को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर हों या फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि पाकिस्तान से बातचीत होगी तो सिर्फ आतंकवाद और पीओके खाली करने के मुद्दे पर होगी.  

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