इजरायल और मिस्र को छोड़कर अमेरिका ने दुनिया के सभी देशों को दी जाने वाली सहायता पर रोक लगा दी है. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से सबसे ज्यादा कोई प्रभावित हुआ है तो वो है यूक्रेन. यूक्रेन को बाइडेन प्रशासन के ओर से दिल खोलकर मदद की जा रही थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने मदद पर चाबुक चलाकर जेलेंस्की को बड़ा झटका दिया है.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मानवीय खाद्य कार्यक्रमों और इजरायल और मिस्र को मिलने वाली सैन्य सहायता को छोड़कर बाकी दुनियाभर में लगभग सभी विदेशी सहायता कार्यक्रमों को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है.
अमेरिका ने युद्ध से लेकर सभी सहायता बंद की
ट्रंप के आदेश के तहत कई देशों को दी जाने वाली युद्ध से लेकर अन्य गैर-जरूरी नई सहायताओं पर रोक लगा दी गई है. इस रोक के दौरान विदेश मंत्रालय इस बात की समीक्षा करेगा कि अमेरिकी सहायता से चलने वाले हजारों कार्यक्रमों में से कौन से कार्यक्रम जारी रखे जा सकते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को पदभार संभालने के बाद ही 90 दिनों के लिए विदेशी सहायता को निलंबित करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. दुनिया भर में अमेरिकी दूतावासों को भेजे गए इस आदेश में नए सरकारी खर्च पर रोक लगा दी गई है, जिससे ऐसा लग रहा है कि ये कार्यक्रम तभी तक जारी रहेंगे जब तक उनके पास पूर्व में जारी धनराशि उपलब्ध रहेगी.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय का क्या है बयान?
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “85 दिनों के भीतर सभी विदेशी सहायता की आंतरिक समीक्षा की जाएगी.” सहायता रोक को उचित ठहराते हुए, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने लिखा कि “नए प्रशासन के लिए यह आकलन करना असंभव था कि मौजूदा विदेशी सहायता प्रतिबद्धताएं दोहराई नहीं गई हैं, ये प्रभावी है और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप भी है या नहीं. अमेरिका लंबे समय से डॉलर के मामले में दुनिया का टॉप डोनेटर रहा है, हालांकि कई यूरोपीय देश, खासकर स्कैंडिनेविया (नार्वे, स्वीडन, डेनमार्क) अपनी अर्थव्यवस्था के प्रतिशत के रूप में काफी अधिक दान देते हैं.”
अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा आर्थिक सहायता देने वाला देश
आंकड़ों से पता चलता है कि कि अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सहयोग देने वाला देश है. साल 2023 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका ने विदेशी सहायता के लिए 68 अरब डॉलर खर्च किए थे. लेकिन ट्रंप प्रशासन के नए आदेश से कई देशों को बड़ा झटका लगा है. अमेरिका विदेश विभाग का ये आदेश विकास कार्यों से लेकर सैन्य क्षेत्रों तक हर जगह लागू होगा. सिर्फ देशों को इससे छूट मिली है वो इजरायल और इजिप्ट हैं.
ट्रंप के शपथ से पहले 500 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता को मिली थी मंजूरी
ट्रंप की शपथ से ठीक पहले (तत्कालीन) राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता देने की मंजूरी दी थी. साथ ही मौजूदा अमेरिकी सैन्य भंडार से हथियार और उपकरण पैकेज भी दिया था. पैकेज का एलान अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान किया था. पेंटागन प्रमुख के तौर पर लॉयड ऑस्टिन ने ये मदद का ऐलान अपनी आखिरी यात्रा में किया था.
अमेरिकी मदद में विभिन्न वायु रक्षा मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियार, एफ-16 सहायक उपकरण, बख्तरबंद ब्रिजिंग सिस्टम, छोटे हथियार, गोला-बारूद, स्पेयर पार्ट्स और अतिरिक्त संचार उपकरण शामिल थे. हथियारों को राष्ट्रपति ड्रॉडाउन अथॉरिटी (पीडीए) के माध्यम से जल्दी से वितरित किया जा रहा है, जो अमेरिकी भंडार से फौरन हस्तांतरण की अनुमति देता है.
युद्ध की शुरुआत (फरवरी 2022) से लेकर अब तक, अमेरिका ने यूक्रेन को 66 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की सहायता दे चुका है.