रूस-यूक्रेन के बीच ताजा संघर्ष को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से चेतावनी दी है. तो वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने चीन में हुई राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को बेहतरीन बताते हुए ट्रंप के जख्मों पर नमक छिड़क दिया है.
सर्गेई लावरोव ने एक कार्यक्रम में कहा, रूस, भारत और चीन कई क्षेत्रों में साझा हितों से जुड़े हुए हैं और अब तीनों देशों में साझेदारी बढ़ाने की प्रवृत्ति साफ नजर आ रही है.
ट्रंप ने रूस को धमकाया, दी और प्रतिबंध लगाने की चेतावनी
ट्रंप ने एक बार फिर से रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि, अमेरिका जल्द रूस पर प्रतिबंधों के दूसरे चरण को लागू करने वाला है. शनिवार-रविवार को रूस और यूक्रेन के बीच हवाई हमले बढ़े. रूस ने यूक्रेन के मंत्रियों के दफ्तर को टारगेट किया तो यूक्रेन ने रूस के ऊर्जा संयंत्रों पर हमले का दावा किया है.
इन हमलों के बाद ट्रंप ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मैं, रूस पर दूसरे चरण का प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूं.”
यूक्रेन को बुरी तरह कुचल रहा रूस, बातचीत करें दोनों देश नहीं तो रूस के लिए बहुत देर हो जाएगी: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप भी मान चुके हैं कि उनके बस की बात नहीं है, रूस-यूक्रेन युद्ध रोकना. वहीं पहले ट्रंप 24 घंटों के अंदर ही युद्ध रोकने का दावा करते थे. अपने ताजा बयान में ट्रंप ने कहा, “रूस इस समय यूक्रेन को युद्ध के मैदान में बुरी तरह कुचल रहा है. मैं बड़े पैमाने पर बैंकिंग प्रतिबंध, अन्य प्रतिबंध और टैरिफ पर विचार कर रहा हूं, जब तक कि युद्धविराम और अंतिम शांति समझौता नहीं हो जाता. रूस और यूक्रेन, अभी टेबल पर आएं, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए.”
मॉस्को नहीं, कीव आकर मिलो: जेलेंस्की
हाल ही में पुतिन ने कहा था कि वो बातचीत कर सकते हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को मॉस्को में आना होगा. पुतिन के इस ऑफर को जेलेंस्की ने ठुकरा दिया है. जेलेंस्की ने कहा, “मैं आतंकवादियों की राजधानी नहीं जा सकता, क्योंकि यूक्रेन हर दिन मिसाइल हमलों का सामना कर रहा है. पुतिन मुलाकात के लिए कीव आ सकते हैं.”
जेलेंस्की ने कहा कि “मॉस्को में बातचीत का प्रस्ताव रखना, इस बात का संकेत है कि रूस शांति वार्ता में रुचि नहीं रखता.”
ट्रंप चाहते हैं कि उनके सामने हो पुतिन-जेलेंस्की में वार्ता
15 अगस्त को अलास्का में पुतिन और ट्रंप के बीच बैठक हुई थी. ट्रंप ने समिट के बाद कहा कि जेलेंस्की और यूरोपीय देशों के नेता वॉशिंगटन आएंगे. इसके बाद पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात हो सकती है. ट्रंप के रहने के मुताबिक अलास्का समिट के बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप ने जेलेंस्की से मुलाकात की थी और फिर यूरोप के नेताओं से चर्चा की गई थी.
यहां तक तो सब सकारात्मक रहा परंतु जेलेंस्की-पुतिन की मुलाकात कराने में ट्रंप असफल रहे. बात अटक गई है. ट्रंप ने कहा है कि रूस अतिरिक्त शर्तें रख रहा है, जिससे देरी हो रही है और यूक्रेनी शहरों पर हमले बढ़ रहे हैं.
पुतिन का मानना है कि जेलेंस्की, रूस की राजधानी मॉस्को आएं, तो जेलेंस्की कह रहे हैं कि कीव में बैठक होगी. “क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी कहा कि जेलेंस्की को बातचीत करने के लिए मॉस्को बुलाया जा रहा है, न कि सरेंडर करने के लिए.”
रूस-भारत-चीन अपने साझा हितों को पहचान रहे: सर्गेई लावरोव
एससीओ की बैठक से इतर चीन में पुतिन-मोदी-जिनपिंग की ऐसी तस्वीरें और वीडियो आईं, जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा है. खुद ट्रंप ने तीनों की तस्वीरें शेयर करके कहा था कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक बार फिर से चीन के तियानजिन शहर में हुए शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में तीनों देशों के नेताओं की नजदीकी अमेरिका को याद दिलाई है.
लावरोव ने कहा, “यह तीन महान शक्तियों और सभ्यताओं का संकेत है कि वे अपने साझा हितों को पहचान रहे हैं. इसका मतलब यह नहीं कि सबकुछ एक जैसा है, लेकिन साझेदारी बढ़ाने की प्रवृत्ति साफ है और जहां समान हित हैं, वहां परस्पर लाभ मिलेगा.”
लावरोव ने एक बार आरआईसी को सही बताया
सर्गेई लावरोव ने एक बार फिर से आरआईसी (रूस-इंडिया-चीन) की पैरवी की है. कहा, “रूस, भारत और चीन के साझा हितों में अर्थव्यवस्था का विकास, सामाजिक समस्याओं का समाधान और जनता के जीवन स्तर में सुधार शामिल है. यही क्षेत्र तीनों देशों के बीच आपसी सहयोग की नई दिशा तय करेंगे.”
रूस से तेल खरीदने वालों पर अमेरिका-ईयू लगाए प्रतिबंध तो बनेगी बात: अमेरिकी वित्त मंत्री
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने एक बार फिर से “भारत-चीन पर टैरिफ बढ़ाने की वकालत करते हुए ईयू का साथ मांगा है. बेसेंट ने कहा, “यदि अमेरिका और (यूरोपीय संघ) आगे आकर रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर अधिक प्रतिबंध लगा दें, द्वितीयक टैरिफ लगा दें, तो रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी, और इसके लिए राष्ट्रपति पुतिन को बातचीत की मेज पर आना पड़ेगा.”
रविवार को मॉस्को-कीव में सैन्य संघर्ष बढ़ा
रविवार को रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव में 800 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिसमें यूक्रेन के मंत्रियों का दफ्तर भी शामिल है. कैबिनेट की बिल्डिंग के अलावा कई रिहायशी अपार्टमेंट को नुकसान पहुंचा. नवजात समेत 3 की मौत हुई जबकि 17 से ज्यादा लोग गंभीर तौर पर घायल हुए.
यूक्रेन ने भी पलटवार करते हुए रूस के ऊर्जा संयंत्रों पर ड्रोन हमला किया है. हालांकि रूस की ओर से कहा गया है कि उनकी सेना ने इन हमलों को नाकाम कर दिया है.