बार-बार रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत और चीन को धमकाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर रूस ने कसा है तंज. रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ट्रंप का ये कहना कि तुम वो करना बंद करो, ये मुझे पसंद नहीं है, नहीं तो मैं ये कर दूंगा, ऐसी बातों को नई दिल्ली और बीजिंग ने नजरअंदाज किया. भारत और चीन दोनों पर ही ट्रंप की धमकी का नहीं हुआ कोई असर.
भारत-चीन प्राचीन और मजबूत सभ्यताएं, अमेरिका की धमकी निरर्थक निकली: सर्गेई लावरोव
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक बार फिर से रूस-भारत-चीन के संबंधों को दुनिया की स्थिरता के लिए अहम बताया है. साथ ही अमेरिका के टैरिफ धमकी के आगे न झुकने पर तारीफ भी की है.
लावरोव ने कहा, “चीन और भारत प्राचीन सभ्यताएं हैं. उनसे यह कहना कि तुम वो करना बंद करो, जो मुझे पसंद नहीं, वरना मैं तुम पर टैरिफ लगा दूंगा, काम नहीं करेगा. बीजिंग और वाशिंगटन, नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच चल रहे संपर्कों से पता चलता है कि अमेरिकी पक्ष भी इसे समझता है.”
ट्रंप की धमकी, भारत-चीन के सामने नहीं चलेगी:लावरोव
सर्गेई लावरोव अमेरिकी मांगों पर नई दिल्ली और बीजिंग की प्रतिक्रिया को सही बताया. कहा, “ट्रंप की धमकी, दिल्ली-बीजिंग के आगे नहीं चलेगी. अमेरिका की ऐसी धमकी आर्थिक भलाई को कमजोर करता है, यह कम-से-कम उनके लिए बहुत गंभीर कठिनाइयां पैदा करता है, उन्हें नए बाजारों, ऊर्जा आपूर्ति के नए स्रोतों की तलाश करने के लिए मजबूर करता है. उन्हें ऊंची कीमतें चुकाने के लिए मजबूर करता है, लेकिन ऐसे दृष्टिकोण का एक नैतिक और राजनीतिक विरोध भी है.”
रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों का कोई असर नहीं होगा: लावरोव
युद्ध समाप्ति नहीं होने को लेकर ट्रंप ने रूस पर और प्रतिबंध लगाने की बात कही है. लावरोव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सच कहूं तो, मुझे इन नई पाबंदियों से कोई समस्या नहीं दिखती. डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में रूस पर बड़ी संख्या में पाबंदियां लगाई गई थीं, जिनका कोई असर नहीं हुआ. लेकिन हमले उससे सबक लिया.”
“बाद में, जो बाइडेन के कार्यकाल में पाबंदियों का इस्तेमाल किसी भी कूटनीतिक प्रयास की जगह किया गया. लेकिन रूस की ओर से कोई समझौता खोजने की कोशिश ही नहीं हुई.”