Breaking News Geopolitics Indo-Pacific

कायदे में रहने में फायदा, ट्रंप को आया समझ

By Nalini Tewari

अमेरिका के आगे ना झुकने और दबाव में न आने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कूटनीति और संयमित बयानों के आगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदल गए हैं. हाल ही में भारत को डेड इकोनॉमी और घमंडी बताने वाले ट्रंप ने कहा है कि मैं अपने बहुत अच्छे मित्र प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं. 

पीएम मोदी के चीन दौरे के बाद लगातार तीसरी बार ट्रंप ने भारत की तारीफ की है. ट्रंप के ताजा बयान के बाद पीएम मोदी ने भी कहा है कि 

भारत और अमेरिका बहुत अच्छे मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं.

प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हूं: डोनाल्ड ट्रंप

भारत पर टैरिफ दबाव बनाने और ऊलजुलूल बयान देने के बाद ट्रंप ने कहा है कि वो पीएम मोदी से बात करना चाहते हैं. ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका दोनों देश व्यापारिक तनाव को दूर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. आने वाले दिनों में मैं अपने बहुत अच्छे मित्र प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने के लिए काफी उत्सुक हूं. मुझे विश्वास है कि दोनों ही देशों को एक सफल निष्कर्ष तक पहुंचने में कोई मुश्किल नहीं होगी.”

पीएम मोदी ने दी प्रतिक्रिया, बोले, मुझे भी ट्रंप से बातचीत का इंतजार

ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “भारत और अमेरिका बहुत अच्छे मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं. मुझे भरोसा है कि हमारी व्यापारिक बातचीत दोनों देशों की साझेदारी की असीम संभावनाओं को खोलने का रास्ता बनाएगी. हमारी टीम इन व्यापारिक चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही है. मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत करने का इंतजार कर रहा हूं. हम मिलकर अपने दोनों देशों की जनता के लिए उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य बनाएंगे.”

सशक्त भारत, देशहित के आगे नहीं झुकता, ट्रंप का दबाव नहीं आया काम

नए भारत के आगे अमेरिका की अकड़ ढीली पड़ गई है. भारत-पाकिस्तान के सीजफायर का क्रेडिट नहीं दिए जाने से खफा ट्रंप ने रूसी तेल के बहाने नई दिल्ली पर टैरिफ बोझ डाला था. भारत चुप रहा. भारत की ओर से प्रतिक्रिया न दिए जाने के बाद ट्रंप ने और 25 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया. कुछ 50 प्रतिशत टैरिफ को भारत ने अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण करार दिया था और साफ कह दिया की राष्ट्रहित सर्वोपरि है. वहीं पीएम मोदी ने ये भी संकेत दिया कि भारत ये सहेगा, लेकिन झुकेगा नहीं.

इतना सब होने के बावजूद ट्रंप को अपनी गलती का अहसास तब हुआ जब 04-04 बार कोशिश करने के बाद भी पीएम मोदी ने उनसे बात नहीं की. इसके अलावा 7 साल बाद पीएम मोदी, चीन के दौरे पर चले गए और एससीओ की बैठक के दौरान जो तस्वीरें सामने आईं, वो ट्रंप के लिए एक झटके जैसी थीं. पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक मंच पर साथ आकर ये संदेश दे दिया की मौजूदा वैश्विक व्यवस्था में दादागीरी नहीं चल सकती. 

ट्रंप, बेवजह के टैरिफ के कारण अपने देश में भी घिर गए. पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन और जेक सुलिवन ने भी साफ तौर पर सरकार को चेताया कि अमेरिका ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है, और भारत के चीन के खेमें में चले जाने से अमेरिका को नुकसान होगा. 

इसके बाद खुद ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मोदी-पुतिन-जिनपिंग के तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि लगता है कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है. उस दिन से अब तक लगभग तीन बार ट्रंप भारत और पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं और कह चुके हैं कि भारत-अमेरिका अच्छे मित्र देश हैं जो भी कन्फ्यूजन हुई है उसे दूर कर लिया जाएगा.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *