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ट्रंप ने किया मोदी को बर्थडे विश, यूक्रेन युद्ध खत्म कराने का जताया आभार

भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर क्रेडिट और रूस से व्यापार करने पर टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन. अमेरिका के दबाव में भारत के न झुकने पर ट्रंप के सुर नरम तो पड़ ही चुके थे, अब उन्होंने फोन करके पीएम मोदी को दी है जन्मदिन की बधाई. 

ट्रंप ने पीएम मोदी को अपना ‘दोस्त’ बताते हुए उनकी तारीफ की और रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए भारत के समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया.

आपको बता दें कि जून के बाद ये पहला मौका था जब ट्रंप-मोदी ने फोन पर बात की है. आखिरी कॉल के दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी को कनाडा से व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था. लेकिन पीएम मोदी ने ट्रंप के न्योते को अस्वीकार कर दिया था.

प्रिय मित्र ट्रंप, यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आपके प्रयास का समर्थन: पीएम मोदी

पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति ने दी है जन्मदिन की बधाई. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मेरे मित्र प्रेसिडेंट ट्रंप, मेरे 75वें जन्मदिन पर आपके फोन कॉल और गर्मजोशी भरी शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया. मैं भी भारत-अमेरिका के बीच व्यापक और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं हम यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आपके प्रयासों का समर्थन करते हैं.”

मैंने अपने दोस्त मोदी से फोन पर की अच्छी बात: ट्रंप

पीएम मोदी के अलावा ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर बातचीत की लिखा, “मैंने अपने दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर अच्छी बातचीत की. मैंने उन्हें जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं दीं. वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. नरेंद्र, रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में आपके समर्थन के लिए शुक्रिया!- प्रेसिडेंट डीजेटी.”

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में अपने शुरुआती अक्षरों (डीजेटी) के साथ इस पोस्ट को साइन किया. जो कहीं न कहीं ये दिखाता है कि ट्रंप और पीएम मोदी के बीच अच्छी मित्रता है. 

जी 7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी आखिरी बार बात, ट्रंप के ट्रैप में नहीं फंसे थे मोदी

पीएम मोदी और ट्रंप के बीच आखिरी बार बात कनाडा में हुए जी 7 शिखर सम्मेलन के बाद हुई थी. पाकिस्तान की ऊपर भारत की करारी चोट ऑपरेशन सिंदूर के बाद ट्रंप चाहते थे कि पीएम मोदी व्हाइट हाउस आएं. ट्रंप ने कॉल करके पीएम मोदी को निमंत्रण दिया था कि वो कनाडा से लौटते हुए व्हाइट हाउस में आएं. लेकिन जिस वक्त ट्रंप ने पीएम को आमंत्रित किया, उसी दौरान पाकिस्तान का फेल्ड मार्शल असीम मुनीर भी व्हाइट हाउस में मौजूद रहता. ट्रंप ने नोबेल पुरस्कार के नॉमिनेशन के बदले असीम मुनीर को लंच पर बुलाया था. 

दरअसल पीएम मोदी को व्हाइट हाउस बुलाना ट्रंप का एक ट्रैप था. जिसमें पीएम मोदी को बुलाकर ट्रंप, असीम मुनीर से आमना सामना करवाते. वहां इंटरनेशनल मीडिया होती. जो पीएम मोदी को असहज करने का मौका होता. ट्रंप की ये कोशिश इसलिए थी कि वो मीडिया के सामने दिखा सकें कि उन्होंने ही भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करवाई है. 

इतना ही नहीं इस दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी को ये भी कहा था कि पाकिस्तान उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट कर रहा है, तो भारत को भी नॉमिनेट करना चाहिए, लेकिन इसके लिए पीएम मोदी ने साफ मना कर दिया.

पीएम मोदी ने ना सिर्फ न्योता अस्वीकार कर दिया, बल्कि ये भी साफ-साफ कह दिया कि भारत, नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट नहीं करेगा. जिससे ट्रंप की प्लानिंग पर पानी फिर गया.

इस बात से आहत ट्रंप को उस वक्त पीएम मोदी की ओर से एक और झटका मिला जब मोदी ने संसद में खड़े होकर ये वक्तव्य दिया कि दुनिया के किसी नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा. पीएम मोदी के इस बयान से ट्रंप मन ही मन भड़क गए और कुछ ही घंटे में भारत पर 25 प्रतिशत और बाद में कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया. इस टैरिफ के पीछे की वजह ट्रंप ने भारत का रूस से व्यापार करना बताया.

पीएम मोदी ने टैरिफ विवाद में नहीं उठाया ट्रंप का कई कॉल

ट्रंप को लगा था कि पीएम मोदी टैरिफ के दबाव में आकर सीजफायर का क्रेडिट देने के लिए तैयार हो जाएंगे, साथ ही रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे.

लेकिन भारत अपने फैसले पर चट्टान की तरह अडिग रहा. पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि चाहे नुकसान उठाना पड़े लेकिन भारत झुकेगा नहीं. इस दौरान जर्मनी की ओर से ये दावा किया गया कि टैरिफ दबाव में जब ट्रंप, पीएम मोदी को नहीं झुका पाए तो उन्होंन कॉल किया. एक दो नहीं, बल्कि 04 बार कॉल किया. लेकिन पीएम मोदी ने ट्रंप से बात नहीं की, क्योंकि पीएम मोदी, ट्रंप की इस बात से नाराज थे, कि ट्रंप ने भारत को डेड इकोनॉमी कहा है.

इस बीच पीएम मोदी ने चीन जाकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके भी अप्रत्यक्ष तौर पर ट्रंप को संदेश दे दिया. 

पीएम मोदी के चीन दौरे के बाद ट्रंप अपने ही घर में घिर गए. एक्सपर्ट्स से लेकर कई सीनेटर्स ने ट्रंप को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, कि उनके घमंड के चलते भारत जैसे पार्टनर को अमेरिका खो रहा है. शायद इस बात का अहसास ट्रंप को भी हुआ. कुछ ही दिनों में ट्रंप ने अपने सुर बदल लिए और एक बार फिर से भारत को महान राष्ट्र और पीएम मोदी को महान प्रधानमंत्री बताने लगे. 

पिछले हफ्ते ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि उन्हें यकीन है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता ‘सफल नतीजे’ तक पहुंचेगी. वह अपने ‘बेहद अच्छे दोस्त’ मोदी से जल्द बात करने के लिए उत्सुक हैं.

इसके जवाब में पीएम मोदी ने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझेदार बताते हुए कहा था व्यापार वार्ताओं के जरिए दोनों देशों के बीच साझेदारी की असीम संभावनाओं को तलाशा जा रहा है और वह भी प्रेसिडेंट ट्रंप से बातचीत का इंतजार कर रहे हैं.

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