तुर्की (तुर्किए) की राजधानी अंकारा में एयरोस्पेस कंपनी ‘तूसास’ पर हुए आतंकी हमले के बाद एर्दोगन ने किया है तगड़ा प्रहार. ठीक वैसे ही जैसे इजरायल ने गाजा में हमास पर किया था. तुर्किये ने अपने पड़ोसी देशों सीरिया और इराक में कुर्द ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की हैं, जिसमें आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया है.
तुर्किये के रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा है कि “हवाई हमले कर कुल 30 आतंकी ठिकानों को बर्बाद किया गया है.”
आतंकी हमले के बाद एर्दोगन ने दी एयरस्ट्राइक के आदेश
बुधवार को तुर्किए के बेहद ही संवेदनशील जगह पर आतंकी हमला किया गया था. आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगन ने ऐलान किया था कि इस हमले के पीछे जो कोई भी है, उसे बख्शा नहीं जाएगा.
राष्ट्रपति एर्दोगन के बयान के थोड़ी देर बाद तुर्किए ने सीरिया और इराक में हवाई हमला कर दिया. आसमान से बम बरसाए गए, तुर्किए में हुए आतंकी हमले की अब तक किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पर तुर्किए के गृहमंत्री अली येरलिकाया ने दावा किया है कि “आतंकी हमले के पीछे पीकेके के आतंकी थे.” (https://x.com/sentdefender/status/1849206377807524131)
बुधवार को महिला की मदद से तुर्किए में हुआ आतंकी हमला
एक महिला सहित तीन हथियारबंद हमलावरों ने एक टैक्सी में एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी ‘तूसास’ पर अटैक किया था. तूसासा के एंट्री गेट पर हमला करते हुए आतंकी कैंपस में पहुंचे. बैक पैक लिए आतंकी लगातार फायरिंग करते हुए आगे बढ़ रहे थे. जिसके कई वीडियो सामने आए हैं. कैंपस में घुसने से पहले उन्होंने टैक्सी के पास में एक विस्फोटक उपकरण में विस्फोट किया जिससे अफरातफरी मच गई. और आतंकी कैंपस में घुस गए.
आतंकी हमले में 5 लोगों की मौत हो गई जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. वहीं तुर्किए ने तुसास में घुसे आतंकियों को भी मार गिराया है. जिस कैंपस पर आतंकियों ने हमला किया वहां तुर्किए अपना स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान ‘कान’ (केएएएन) विकसित कर रही है.
तुर्किए का सबसे पुराना दुश्मन है ‘कुर्द’
तुर्किए के रक्षा मंत्री और गृह मंत्री, दोनों ने ही हमले के पीछे पीकेके का हाथ बताया है. पीकेके को तुर्किए, यूरोपीय संघ और अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित किया है. ये ऐसा संगठन है जो पिछले कई सालों से तुर्किए का सिरदर्द बना हुआ है. कुर्द संगठन तुर्की की आजादी से ही एक अलग कुर्द देश की मांग कर रहे हैं और देश में तख्तापलट की साजिश भी रच चुके हैं.
साल 1984 से कुर्द ने सशस्त्र विद्रोह शुरू किया, जिसके बाद आज तक तुर्किए और कुर्द में खूनी संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. पीकेके गुरिल्ला युद्ध की रणनीति के जरिए तुर्की के सैन्य और नागरिक स्थलों को निशाना बना चुका है. कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के नेता अब्दुल्ला ओकलान लंबे समय से जेल में बंद हैं. ओकलान साल 1999 से मरमारा सागर में एक द्वीप पर रखा गया है.
ओकलान को मिले ऑफर के बाद तुर्किए में अटैक
एर्दोगन के सहयोगी और नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी के प्रमुख देवलेट बहसेली ने हमले से एक दिन पहले पीकेके के नेता अब्दुल्ला ओकलान को एक बड़़ा ऑफर दिया था. ऑफर ये कि “अगर ओकलान संसद में आकर ये बोल दें कि उनका संगठन भंग हो गया है और आतंकवाद पूरी तरह से खत्म हो गया है. तो ओकलान को रिहा किया जा सकता है.”
देवलेट बहसेली ने कहा कि “अगर ओकलान ये दृढ़ता और संकल्प दिखाते हैं तो कानून के मुताबिक उनकी रिहाई हो सकती है.” ये ऑफर 22 अक्टूबर को दिया गया था और इसके एक दिन बाद ही तुर्किए में हमला किया गया. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कुर्द में आपसी फूट के कारण एक धड़ा ये नहीं चाहता है कि ओकलान बाहर निकलें या ये भी हो सकता है कि कुर्द नहीं चाहते कि एर्दोगन के साथ किसी तरह का कोई समझौता हो.