पोप के व्हाइट फ्लैग बयान पर यूक्रेन को जबरदस्त मिर्ची लग गई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि उनके देश के लोग ब्लू और येलो कलर के झंडे के तले हथियार लेकर रुस के यूरोप पर आक्रमण को रोक रहे हैं.
जेलेंस्की के मुताबिक, आज दुनिया में ईसाई, मुस्लिम, यहूदी, सभी यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं. ऐसे में 2500 किलोमीटर दूर बैठकर जो जीना चाहता है और जो तबाह करने पर तुला है (रुस) उसके बीच में वर्चुयली मध्यस्थता की बात करना गलत है. क्योंकि चर्च का अर्थ ही होता है लोगों के साथ.
जेलेंस्की और उनकी सरकार के मंत्री वेटिकन सिटी के पोप फ्रांसिस के उस बयान से तिलमिला गए हैं जिनमें उन्होंने कहा है कि जब हार दिखाई पड़ने लगे और सब कुछ ठीक न चल रहा हो तो आप में (दुश्मन से) बातचीत करने की हिम्मत होनी चाहिए. पोप ने कहा कि बहादुर वो होता है जो परिस्थितियों को समझता है, अपने लोगों के बारे में सोचता है और युद्ध खत्म करने के लिए सफेद झंडा उठाकर बातचीत के लिए तैयार होता है.
दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान पोप फ्रांसिस से युद्ध खत्म करने और शांति का रास्ता पूछा गया था. इसी दौरान पोप ने यूक्रेन को सलाह दे डाली कि अंतर्राष्ट्रीय ताकतों से मध्यस्थता की मदद लेनी चाहिए.
पोप का बयान ऐसे समय में आया था जब रविवार को ही टर्की (तुर्किए) के राष्ट्रपति एर्दोगन ने जेलेंस्की से मुलाकात के बाद रुस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी. एर्दोगन ने दोनों देशों के बीच शांति-वार्ता आयोजित करने का भी भरोसा दिया था. लेकिन जेलेंस्की और उनके मंत्रियों के बयानों से साफ है कि यूक्रेन वार्ता के लिए तैयार नहीं है.
रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले भी कह चुके हैं कि यूक्रेन वार्ता के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने इंग्लैंड और दूसरे यूरोपीय देशों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. दरअसल, जेलेंस्की इस बात पर अड़े हैं कि पहले रुस को यूक्रेन के कब्जा किए सभी इलाकों को खाली करना होगा तभी वे मास्को से कोई बात करेगे.
पोप के बयान के बाद यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने जेलेंस्की से आगे बढ़कर अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि सबसे शक्तिशाली वो होता है जो अच्छे और बुरे के बीच लड़ाई में अच्छाई का साथ देता न कि दोनों को एक तराजू में तोलकर वार्ता की बात करता है.
कल ही ये खबर आई थी कि भारत के कहने पर ही रुस ने यूक्रेन पर परमाणु हमला करना रोक दिया था. (रुस ने नहीं दागी nuclear मिसाइल, कारण भारत)
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