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दिल्ली दहलाने से पहले दर-दर भटका उमर, कनॉट प्लेस के CCTV से खुला सीक्रेट

दिल्ली दहलाने से पहले दर-दर भटक रहा था पुलवामा का डॉक्टर उमर नबी. अपने साथी डॉक्टर्स की गिरफ्तारी और 2900 किलो विस्फोटक के पकड़े जाने से दिल्ली-फरीदाबाद के कोने-कोने में एजेंसियों के डर से भागता फिर रहा था उमर. दिल्ली के कनॉट प्लेस, दिल्ली की तुर्कमान गेट की मस्जिद, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे तो किसी ढाबे पर गुजारी रात. 09-10 नवबंर में उमर का एक-एक सीक्रेट सीसीटीवी में कैद हुआ है. कैसे वो चेहरा छिपाने के लिए मास्क पहनकर घूम रहा था. वो कहां-कहां गया, सारे सबूत एजेंसियों के हाथ लग चुके हैं. 

इस बात की भी पुष्टि हो चुकी है कि लाल किले के पास की रेडलाइट पर जिस आई 20 गाड़ी में धमाका हुआ डॉक्टर उमर नबी ही चला रहा था, डीएनए सैंपलिंग से खुलासा हो गया है कि गाड़ी में मरने वाला कोई और नहीं व्हाइट कॉलर आतंकी नेटवर्क का बड़ा चेहरा डॉक्टर उमर ही था.

विस्फोटकों की बरामदगी के बाद फरार हुआ, बिना मास्क दिल्ली-हरियाणा में भटकता रहा

दिल्ली धमाके की जांच में जुटी एजेंसियों ने सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे चेक किए हैं, ताकि डॉक्टर उमर की धमाके से पहले की कड़ी जोड़ी जा सके. ये पता किया जा सके कि फरीदाबाद में विस्फोटक लेकर फरारी के बाद उमर किन लोगों से मिला, कहां-कहां गया. 

सीसीटीवी से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. बताया जा रहा है कि उमर फरीदाबाद से फरार होकर  मेवात होते हुए फिरोजपुर झिरका पहुंचा, फिर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से दिल्ली की तरफ आया. रात होने के कारण उसने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर एक ढाबे पर रात गुजारी, वो कार में ही सोता रहा. इसके बाद दिल्ली-मुंबई हाइवे से होते हुए वापस फरीदाबाद होकर दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर से घुसा. 

आतंकी उमर दिल्ली-मुबई एक्सप्रेस वे पर सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ है. तो बदरपुर के टोल के पास लगे सीसीटीवी में देखा गया. उमर ने 10 नवंबर को सुबह करीब 8 बजे बदरपुर बॉर्डर क्रॉस किया. 

एक सीसीटीवी फुटेज में उमर, आसिफ अली रोड पर पैदल चलते हुए भी दिखा था. फिर कनॉट प्लेस होते हुए कार से लाल किला गया. अधिकतर जगह उमर ने मास्क ही लगा रखा था, लेकिन दिल्ली के एक कैमरे में बिना मास्क के भी उमर को देखा गया. बताया जा रहा है कि ब्लास्ट को अंजाम देने वाला उमर धमाके से पहले तुर्कमान गेट मस्जिद भी गया था.

3 घंटे तक लाल किले की पार्किंग में कार के अंदर बैठा रहा

10 नवंबर (धमाके वाले दिन) दोपहर 3 बजकर 19 मिनट पर उमर लाल किला पार्किंग में दाखिल हुआ और फिर 6 बजकर 45 मिनट तक पार्किंग में ही अपनी आई 20 गाड़ी लेकर बैठा रहा. पार्किंग में 3 घंटे तक बैठा रहा. इस दौरान कार से बिलकुल बाहर नहीं निकला. या तो वो किसी का इंतजार कर रहा था, या फिर पार्किंग में एजेंसियों से नजरें छिपाकर कर बैठा रहा. 6 बजकर 48 मिनट के आसपास गाड़ी निकाली और 6 बजकर 50 मिनट पर जब उसकी गाड़ी स्लो थी तब जोरदार धमाका हो गया. जिसमें वो मारा गया.

धमाके में आतंकी उमर के उड़े चीथड़े, हड्डी-दांत से सैंपल मैच हुआ

सफेद रंग की आई 20 गाड़ी जिसमें धमाका हुआ वो पुलवामा निवासी उमर नबी ही चला रहा था. धमाके में उमर की चीथड़े उड़ गए थे, लेकिन जली हुई कार से बरामद हुई हड्डियों और दांत के जरिए डीएनए टेस्टिंग की गई. टेस्ट में उमर का डीएनए सैंपल उसकी मां और भाई से 100 प्रतिशत मैच हुआ है.  

अब इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि गाड़ी में उमर ही था. एजेंसियों ने फरीदाबाद में उमर के ठिकाने से कई डायरियां और दस्तावेज बरामद किए हैं जिससे कई सुराग हाथ लगे हैं. उमर के एक करीबी डॉक्टर की कानपुर से भी गिरफ्तारी की गई है.

डॉक्टर्स वाले आतंकी नेटवर्क की अहम कड़ी उमर से जुड़े कई लोगों को एजेंसियों ने हिरासत में लिया है. साथ ही लाल रंग एक और गाड़ी पुलिस ने बरामद की है, जो 10 नवंबर यानी धमाके वाले दिन फरीदाबाद से लेकर लालकिले तक उमर के साथ-साथ चल रही थी. खुलासा हुआ है कि गाड़ी उमर की ही थी. गाड़ी से जुड़े कई राज़ जल्द सामने आएंगे.

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