By Nalini Tewari
क्या भारत का लगातार वैश्विक कद बढ़ना अमेरिका को पसंद नहीं आ रहा. क्या हिंदुस्तान में फूट डालो और राज करो की नीति पर अमेरिका ने काम करना शुरु किया है. ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में गिरफ्तार हुआ है एक अमेरिकी नागरिक. ये कोई आम नागरिक नहीं बल्कि अमेरिकी सेना का पूर्व मेजर है और कहा जा रहा है कि अमेरिकी सैन्य खुफिया विभाग के एक ऑपरेटिव के तौर पर भारत भेजा गया था, जहां ये जासूस हिंदुओं को ईसाई बनाने में जुटा हुआ था.
इससे पहले पिछले साल मणिपुर में भी अमेरिकी सेना से रिटायर डैनियल स्टीफन कोर्टनी नाम का ईसाई धर्म प्रचारक कुकियों को भड़काते दिखा था. यहां तक की कोर्टनी ने कुकियों को ड्रोन देकर मैतियों को मारने को भी कहा था. डैनियल स्टीफन कोर्टनी भी धर्म परिवर्तन की आड़ में भारत के खिलाफ साजिश रच रहा था.
महाराष्ट्र में अमेरिकी एजेंट का धर्म परिवर्तन वाला खेल, हुआ अरेस्ट
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी इलाके में एक धर्म परिवर्तन रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने एक अमेरिकी नागरिक जेम्स वॉटसन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. ये तीनो आरोपी स्थानीय लोगों को भड़काकर धर्मपरिवर्तन करा रहे थे.
पुलिस के मुताबिक, भिवंडी की चिम्बिपाड़ा इलाके में आरोपियों ने स्थानीय ग्रामीणों के एक घर के बाहर बैठक की, जिसमें उन्होंने प्रार्थना करवाई और ईसाई धर्म से संबंधित पुस्तकें बांटीं. आरोपियों ने ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि ईसाई धर्म अपनाने से उनके सभी रोग और शारीरिक कष्ट दूर हो जाएंगे.
लेकिन पिछले कुछ समय से सक्रिय इस गिरोह से जागरुक एक शख्स ने वक्त रहते पुलिस को इत्तिला दे दी. जिसके बाद पुलिस ने रेड करके मौके से जेम्स वॉटसन, सैनाथ गणपति सर्पे और मनोज कोल्हा को मौके से पकड़ लिया.
बिजनेस वीज़ा पर आया था अमेरिकी एजेंट, क्या धर्म परिवर्तन की आड़ में थी बड़ी साजिश
जिस अमेरिकी शख्स जेम्स वॉटसन को भिवंडी पुलिस एक आम यूएस नागरिक मान रही थी, उसे लेकर हुआ है बड़ा खुलासा. ये कोई साधारण व्यक्ति नहीं है. अमेरिकी सेना का पूर्व मेजर है, और आशंका है कि ये सीआईए और अमेरिकी सेना की खुफिया विंग का एजेंट है, जिसे एक खास मकसद से भारत भेजा गया था.
सीआईए और अमेरिकी सैन्य खुफिया एजेंसियां ऐसे ही मिशनरी और पादरी की आड़ में ऑपरेटिव (जासूसों) को भेजती हैं और दूसरे देशों में अपनी जड़ें जमाती हैं.
अमेरिका से बिजनेस वीज़ा पर आकर जेम्स वॉटसन ने भिवंडी में धार्मिक आयोजन किया, जिसमें लोगों को बरगलाकर इकट्ठा किया गया और हिंदू धर्म के बारे में ऊलजलूल बातें करके ईसाई धर्म का प्रचार किया.
अमेरिकी दूतावास ने साधी चुप्पी, महाराष्ट्र पुलिस ने क्या बयान दिया
महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारियों ने बताया. कि यह रैकेट लंबे समय से इलाके में लोगों को क्रिश्चियन बनाने की कोशिश कर रहा था. ग्रामीणों को धर्म परिवर्तन के बहाने भ्रमित कर रहा था. आरोपी ग्रामीणों को धर्म परिवर्तन के नाम पर धार्मिक किताबें बांटते और प्रार्थना करवाते थे.
लिखित शिकायत के अनुसार, ये लोग कहते थे कि क्या किसी नाबालिग लड़की को कोई बीमारी है. उस लड़की को लाया जाता तो वो ऐसा दिखाते कि ईसा मसीह की दिव्य शक्ति का इस्तेमाल करके ठीक कर देंगे. इसके अलावा वो गांव की और 3-4 नाबालिग लड़कियों का नाम लिख लेते थे और कहते थे कि हिंदुओं में कोई देवता नहीं हैं, अगर ईसाई बन जाओगे तो जीवन सुधर जाएगा.
अभी तक ये मामला धर्म परिवर्तन का साधारण मामला समझा जा रहा था लेकिन अमेरिकी सेना के पूर्व मेजर की गिरफ्तारी ने मामले को और संजीदा बना दिया है. केंद्रीय एजेंसियां भी जेम्स वॉटसन से पूछताछ करेंगी. वहीं नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने पूरे मामले में चुप्पी साध ली है और बोलने से इनकार कर दिया है.
पिछले 1 साल में दूसरा सीआईए पादरी पकड़ा गया
मेजर जेम्स वॉटसन पिछले एक साल में भारत में पकड़े गए दूसरे सीआईए पादरी हैं. इससे पहले डैनियल स्टीफन कोर्टनी को मणिपुर में उग्रवादियों को हथियार मुहैया कराते हुए देखा गया था. पिछले साल एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें अमेरिकी सेना से रिटायर डैनियल स्टीफन कोर्टनी नाम का ईसाई धर्म प्रचारक कुकियों को ड्रोन दे रहा था और उन्हें मैतियों को हत्या करने को उकसा रहा था. डैनियल भारत में धर्म परिवर्तन के काम में पिछले कई वर्षों से जुटा था. हिंदुओं को बरगलाकर ईसाई बना रहा था.
अमेरिकी डीपस्टेट ऐसे ही काम करते हैं, जिससे भारतीय एजेंसियां बेहद सतर्क हैं. सिर्फ नेपाल और बांग्लादेश में हुई हिंसा में भी अमेरिकी डीप स्टेट का नाम आया था. मतलब साफ है कि जब मोदी सरकार की सशक्त नीतियों के चलते अमेरिका की दाल नहीं गल रही है तो छल-कपट के जरिए भारत को धर्म के नाम पर तोड़ने की कोशिश की जा रही है. सीआईए चर्चों के माध्यम से धन का लेन देन करती है और फिर अपना उल्लू साधने की कोशिश में रहती है.