Breaking News Geopolitics Russia-Ukraine War

रूस की यात्रा पर यूएस डेलीगेशन, ट्रंप ने पुतिन को चेताया

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सीजफायर के लिए मनाने के अमेरिकी अधिकारी मॉस्को की यात्रा पर हैं. इस बात की पुष्टि खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है.

यूक्रेन के पक्ष से सीजफायर को हरी झंडी मिलने के बाद ट्रंप ने रूस को धमकाया भी है. ट्रंप ने साफ तौर से कहा है कि “अगर रूस नहीं मानेगा, तो नतीजे बहुत बुरे होंगे. अगर रूस बातचीत के लिए तैयार नहीं हुआ तो अमेरिका ऐसे कदम उठा सकता है, जो रूस के लिए बहुत खराब होगा.”

जेलेंस्की की हां के बाद ट्रंप ने पुतिन को फिर धमकाया

व्हाइट हाउस में आयरिश प्रधानमंत्री माइकल मार्टिन से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर बातचीत की है. ट्रंप ने एक सवाल के जवाब में बताया कि “अमेरिका के अधिकारी इस वक्त रूस की यात्रा कर रहे हैं और वहां शांति वार्ता को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. युद्ध के कारण हुए विनाश और मासूम लोगों की मौत को देखते हुए युद्ध समाप्त करना बहुत आवश्यक है.”

ट्रंप ने रूस के साथ पहले के अमेरिकी राष्ट्रपतियों की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो मैंने रूस के खिलाफ किया था, वह अब तक की सबसे कठिन कार्रवाई थी. बराक ओबामा और जॉर्ज बुश ने रूस को बहुत कुछ दिया और ‘स्लीपी जो बाइडेन’ के कार्यकाल में वे पूरा देश हथियाना चाहते थे. लेकिन मैंने इसे रोक दिया. अमेरिका के पास रूस को वित्तीय रूप से बर्बाद करने के कई तरीके हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करना चाहते क्योंकि उनका उद्देश्य शांति स्थापित करना है.”

ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अगर रूस ने बातचीत का रास्ता नहीं अपनाया तो अमेरिका ऐसे कदम उठा सकता है जो उसके लिए ‘बेहद बुरे’ साबित होंगे.

हम अमेरिकी प्रस्ताव की विस्तृत जानकारी का इंतजार कर रहे: क्रेमलिन 

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के दफ्तर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “युद्धविराम पर प्रतिक्रिया देने के सवाल से “आगे बढ़ना” अहम नहीं है, जिसका प्रस्ताव वाशिंगटन ने रखा है. मास्को अमेरिका से ‘विस्तृत जानकारी’ का इंतजार कर रहा है और सुझाव दिया कि रूस को कोई रुख अपनाने से पहले यह जानकारी मिलनी चाहिए. क्रेमलिन ने पहले भी युद्ध के स्थायी अंत से कम किसी भी चीज का विरोध किया है और किसी भी रियायत को स्वीकार करने से मना कर दिया है.”

रूस पर दबाव बनाने के लिए यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई

यूक्रेन को एक बार फिर से अमेरिकी मदद मिलनी शुरु हो गई है. इंटेलिजेंस इनपुट पर लगी रोक ट्रंप प्रशासन ने हटाई है तो यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की सप्लाई भी की गई है. पिछले दो दिनों में रूस लगातार यूक्रेन पर अटैक कर रहा है, जिसके बाद ट्रंप प्रशासन की ओर से रूस के आक्रमण के खिलाफ कीव की लड़ाई में सैन्य सहायता पर लगाई रोक हटा दी है. माना जा रहा है कि यूक्रेन को मदद देकर ट्रंप प्रशासन रूस के साथ बातचीत से पहले दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है, ताकि किसी भी तरह से रूस को बातचीत के मेज पर लाया जा सके. 

माना जा रहा है कि अमेरिका प्रतिनिधिमंडल की रूस यात्रा से बहुत कुछ साफ हो सकता है, कि युद्ध किस ओर जाएगा. थमेगा या अभी और भीषण होगा?

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.