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CCP की ड्रग्स से अमेरिका सकते में, TFA कर चुका है आगाह

अमेरिका के लोगों को चीन की घातक नारकोटिक्स ड्रग्स से हर हाल में बचाना है. क्योंकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने अमेरिका की मेडिकल सप्लाई लाइन ‘हाई जैक’ कर ली है. ये सनसनीखेज आरोप लगाया है कोरियाई मूल की अमेरिकी सांसद ने. मिशेल स्टील, अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में सीसीपी के खतरों से अमेरिका को बचाने वाले बिल पर बोल रही थी. गौरतलब है कि हाल ही में टीएफए  ने अपनी इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट में बताया था कि चीन दुनिया में ड्रग्स का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है.

मिशेल स्टील ने कांग्रेस में अपने दमदार संबोधन में सीसीपी पर जबरदस्त हमला बोला. स्टील ने कहा कि चीन “हमारी सोसायटी में मेथनॉल सप्लाई कर रहा है.” स्टील के मुताबिक, “अपनी घातक ड्रग्स के साथ ही सीसीपी अपनी विचारधारा भी सप्लाई कर रही है.”

स्टील ने कहा कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ को धयान में रखते हुए हमें चीन से पूरे तरह से संबंध तोड़ लेना चाहिए. स्टील ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों को चीन के कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट बंद करने का आह्वान किया. क्योंकि ये इंस्टीट्यूट चीन के प्रोपेगेंडा मशीनरी हैं जो (हमारे) ‘छात्रों का ब्रेनवॉश’ कर रहे हैं.

इनदिनों अमेरिकी संसद में सीसीपी के सैन्य, आर्थिक, वैचारिक और तकनीकी खतरों से बचने वाले एक बिल पर चर्चा चल रही है.

दरअसल, दुनिया को कर्ज तले दबाने की साजिश के बाद अब चीन ने ड्रग्स का मकड़जाल पूरी धरती पर फैलाना शुरू कर दिया है. इसके लिए चीन ने हेरोइन से 50 गुना ज्यादा घातक ड्रग्स तैयार की है जिसे फेंटेनाइल या फिर ‘चायना-व्हाइट’ के नाम से जाना जाता है.

टीएफए  की खास पड़ताल में सामने आया है कि चीन ने अपने देश में तो ड्रग्स पर कड़े नियम बनाए हैं लेकिन दूसरे देशों के युवाओं को नशे की लत लगाने के लिए खास रणनीति तैयार की है. क्योंकि, चीन आज दुनिया में नारकोटिक्स ड्रग्स का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है.

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की एक रिपोर्ट की मानें तो दक्षिण-पूर्व एशिया में ड्रग्स की तस्करी में 78 प्रतिशत अकेले चीन से ही आती है. यही वजह है कि अमेरिका जैसे देशों ने चीन की उन कंपनियों को बैन कर दिया है जो फेंटेनाइल का धंधा करती हैं.

अमेरिका की डायरेक्टरेट ऑफ एनफोर्समेंट एजेंसी (डीईए) का भी आरोप है कि पड़ोसी देश मैक्सिको से जो 90 प्रतिशत मेथामफेटामाइन  (मेथ) आती है, उसमें से 80 प्रतिशत के लिए प्रीकर्सर-केमिकल चीन से ही आता है. मेथ एक सिंथेटिक-ड्रग्स है जो पब और रेव पार्टियों में इस्तेमाल की जाती है.