हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार मामले में घिरे बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया से अमेरिकी एनएसए जैक सुलीवन ने फोन पर बात की है.
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने यूनुस से बात की और हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया. ये बातचीत ऐसे वक्त में हुई है जब हाल ही में अमेरिकी डेमोक्रेटिक कांग्रेस के एक सदस्य ने व्हाइट हाउस से बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या और उनके मंदिरों को नष्ट करने के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाने की मांग की थी.
जेक सुलिवन और मोहम्मद यूनुस के बीच बातचीत तब हुई है जब बाइडेन प्रशासन के पास एक महीने से भी कम का वक्त बचा है.
यूनुस ने दिया मानवाधिकार की रक्षा का वादा
अमेरिकी एसएसए के समक्ष यूनुस ने बांग्लादेश में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है. व्हाइट हाउस ने सुलिवन और यूनुस के बीच बातचीत के विवरण में कहा, “दोनों नेताओं ने सभी लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करने और उनकी रक्षा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो.”
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ने उठाया था हिंदुओं का मुद्दा
अमेरिका में भी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया है. अमेरिकी डेमोक्रेटिक कांग्रेस के प्रभावशाली सदस्य श्री थानेदार ने हाल ही में बांग्लादेशी हिंदुओं का मुद्दा उठाया था.
श्री थानेदार ने कहा था, “पीड़ितों की मदद करने का अमेरिका का एक गौरवशाली इतिहास रहा है और बांग्लादेश में हिसा भी इससे अलग नहीं है. अमेरिका को बांग्लादेश के मुखिया मोहम्मद यूनुस से शांति बहाल करने और समानता और न्याय के सिद्धांतों पर राष्ट्र के पुनर्निर्माण के अपने वादे को पूरा करने का आग्रह करना चाहिए.”
थानेदार ने अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में कहा था, ‘‘बहुसंख्यक भीड़ ने हिंदू मंदिरों, हिंदू देवी-देवताओं और शांतिपूर्वक अपने धर्म का पालन करने वाले हिंदुओं को बर्बाद कर दिया है.अब समय आ गया है कि अमेरिकी कांग्रेस और अमेरिकी सरकार कार्रवाई करे.’’
पिछले सप्ताह भारतीय संसस में भी विदेश मंत्रालय द्वारा पेश किए गए आंकड़ों में हिंदुओं पर हिंसा के चौंकाने वाले मामले सामने आए थे.
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2024 में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ 2200 हिंसक घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं में 2024 में 700% से अधिक की वृद्धि हुई है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि 2022 में बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा की 47 जबकि 2023 में 300 घटनाएँ हुई थीं.