दिल्ली में हुए धमाके में अमेरिका ने की थी जांच की पेशकश. खुद अमेरिकी विदेश सचिव (मंत्री) मार्को रुबियो ने कहा है, हमने जांच में मदद की पेशकश की थी.
मार्को रुबियो ने भारत की जांच एजेंसी तारीफ करते हुए कहा है कि भारत के जांच अधिकारी बहुत प्रोफेशनल हैं और जांच करने में पूरी तरह सक्षम हैं. उन्हें हमारी मदद की जरूरत नहीं.
मार्को रुबियो ने लाल किले पर हुए ब्लास्ट को साफ तौर पर एक आतंकी हमला करार दिया है.
दिल्ली में आतंकी हमला हुआ, भारतीय अधिकारी प्रोफेशनल: मार्को रुबियो
कनाडा में आयोजित जी 7 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर दिल्ली में हुए धमाके को लेकर मार्को रुबियो ने सवालों का जवाब दिया है. मार्को रुबियो ने दिल्ली ब्लास्ट को आतंकी हमला बताया और भारत की पेशेवर जांच की सराहना की है. रुबियो ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बातचीत कर संवेदना जताई है.
मार्को रुबियो ने भारतीय एजेंसियों की तारीफ करते हुए कहा, “भारत को तारीफ मिलनी चाहिए. वे जांच को बहुत संयमित, सतर्क और बहुत पेशेवर तरीके से कर रहे हैं. जांच अभी जारी है. यह साफ तौर पर एक आतंकी हमला था. एक कार में भारी विस्फोटक सामग्री लदी हुई थी, जो फटी और इससे कई लोगों की जान गई.”
रुबियो ने इस बात की भी पुष्टि की कि अमेरिका ने जांच में मदद का हाथ बढ़ाया था. रूबियो ने कहा कि “अमेरिका ने मदद की पेशकश की, लेकिन भारत इस जांच में ‘बहुत सक्षम’ है और उसे मदद की जरूरत नहीं है.”
टैरिफ वार के बीच कनाडा में जयशंकर-रुबियो की हुई मुलाकात, क्या हुई बात?
विदेश मंत्री जयशंकर और रूबियो की मुलाकात कनाडा के नियाग्रा में जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर हुई. इस दौरान रूबियो ने दिल्ली ब्लास्ट में गई जानों पर संवेदना व्यक्त की. बैठक में द्विपक्षीय रिश्तों के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूबियो के साथ फोटो साझा करते हुए एक्स पर लिखा, “हमनें व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर केंद्रित हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. यूक्रेन संघर्ष, मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया की स्थिति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया.”
एनआईए कर रही है दिल्ली धमाके की जांच
अक्टूबर के महीने में श्रीनगर में लगाए गए जैश ए मोहम्मद के पोस्टर से शुरु की गई जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच यूपी और हरियाणा तक पहुंची. यूपी एटीएस और एसओजी के अलावा जांच में फरीदाबाद पुलिस भी जुटी.
एक के बाद एक व्हाइट कॉलर टेररिज्म की कड़ी जुड़ती गई और डॉक्टरों की धरपकड़ की गई. पहले सहारनपुर से डॉक्टर आदिल अहमद फिर फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल की गिरफ्तारी. डॉक्टर उमर की तलाशी चल रही थी, इस बीच दिल्ली के लालकिले के पास आई 20 गाड़ी लिए डॉक्टर उमर की विस्फोटकों से भरी गाड़ी में धमाका हो जाता है और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल भी जांच में शामिल हो गई.
तमाम राज्यों की पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन की कमी को देखते हुए और आतंकी हमले की गंभीरता के कारण जांच सेंट्रल जांच एजेंसी एनआईए को सौंप दी गई है. जितने भी डॉक्टर्स गिरफ्तार किए गए हैं, उनसे अब एनआईए अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.
सारी कड़ियां जोड़ी जा रही हैं और एनआईए जल्द खुलासा करेगी की जैश ए मोहम्मद से जुड़े इन डॉक्टर्स की प्लानिंग क्या थी और इनके आका कौन हैं, कहां से फंडिंग हुई और कौन-कौन से शहरों में हमला करने की साजिश रची गई थी.

