Breaking News Geopolitics

ट्रंप की चीन पर पहली कूटनीतिक जीत, अमेरिका के लिए पनामा कैनाल फ्री

पनामा नहर को कब्जाने की डोनाल्ड ट्रंप की धमकी का असर दिखने लगा है. पहले तो पनामा ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से कन्नी काटी तो अब पनामा नहर से गुजरने वाले अमेरिका के सरकारी जहाजों के लिए शुल्क समाप्त करने पर सहमति जताई है.

अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा है कि अब बिना किसी फीस के पनामा नहर में गुजर सकते हैं, इससे अमेरिकी सरकार को हर साल लाखों डॉलर की बचत होगी. 

पनामा ने अमेरिकी जहाजों के लिए शुल्क माफ किया

रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के पनामा दौरे के बाद पनामा ने दूसरा बड़ा फैसला किया है. अमेरिका और पनामा के बीच इस बात पर सहमति जताई गई है कि अमेरिका के सरकारी जहाजों के लिए नहर से गुजरने पर पनामा कोई भी शुल्क नहीं लेगा. 

मार्को रुबियो ने अपने दौरे पर पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से कहा था, “पनामा को पनामा नहर क्षेत्र पर चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो ट्रंप प्रशासन आवश्यक कदम उठाने को तैयार होगा. नहर की मौजूदा स्थिति को स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसमें तत्काल परिवर्तन नहीं किया गया तो अमेरिका को समझौते के तहत अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे.” (https://x.com/StateDept/status/1887299247051317365)

चीन के वन बेल्ट वन रोड से हटा पनामा

ट्रंप के दबाव के बीच पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कहा है कि उनका देश चीन की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को रिन्यू नहीं करेगा. दरअसल पनामा साल 2017 में चीन की इस योजना से जुड़ा था. लेकिन अब पनामा जल्द ही चीन की इस योजना से बाहर निकलने जा रहा है.

पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने ऐलान किया है कि, “अब पनामा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स सहित नए निवेश पर अमेरिका के साथ मिलकर काम करेंगे. हमारी सरकार पनामा पोर्ट्स कंपनी का ऑडिट करेगी. यह कंपनी पनामा नहर के दो बंदरगाहों को ऑपरेट करने वाली चीन की कंपनी के साथ जुड़ी है.” मुलिनो ने कहा कि “हमें पहले ऑडिट पूरा होने का इंतजार करना पड़ेगा.” 

पनामा नहर चीन चला रहा, हम लेकर रहेंगे: ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ वाले दिन भी नहर के जरिए पनामा और चीन को धमकाया था. ट्रंप ने कहा था कि “पनामा नहर हमने पनामा को गिफ्ट किया था, लेकिन इसका संचालन चीन कर रहा है. हमने चीन को नहर नहीं दी थी और अब अमेरिका नहर को वापस ले लेगा.”

दरअसल अमेरिका का 14 फीसदी व्यापार पनामा नहर के जरिए ही होता है. अमेरिका के साथ ही दक्षिण अमेरिकी देशों का बड़ी संख्या में आयात-निर्यात भी पनामा नहर के जरिए ही होता है. ट्रंप ने अमेरिकी जहाजों से शुल्क वसूलने को लेकर भी पनामा को घेरा था. 

पनामा नहर में क्या है चीन का रोल?

पनामा में चीनी कंपनियों की मौजूदगी है. अक्तूबर 2023 से सितंबर 2024 तक पनामा से होकर गुजरने वाले जहाजों में 21.4 फीसदी प्रोडक्ट चीन का था. अमेरिका के बाद चीन ही पनामा नहर का सबसे अधिक  इस्तेमाल करने वाला देश है. हाल के वर्षों में चीन ने नहर के पास बंदरगाहों और टर्मिनलों में भी भारी निवेश किया. नहर से सटे पांच बंदरगाहों में से दो बाल्बोआ और क्रिस्टोबल बंदरगाह को साल 1997 से ही चीनी कंपनी हचिसन पोर्ट होल्डिंग्स की सहायक कंपनी संचालित कर रही है. 

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.