पंजाब में वीएचपी के स्थानीय नेता की हत्या के तार पाकिस्तान से लेकर पुर्तगाल तक जुड़े पाए गए हैं. एनआईए को हत्याकांड में खालिस्तान से जुड़े आतंकी संगठनों की भूमिका संदिग्ध मिली है.
13 अप्रैल 2024 को गोलियों की आवाज से गूंज उठा था पंजाब का नंगल. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की गोलियों से मारकर हत्या कर दी गई थी.
हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए जांच जब एनआईए ने शुरु की तो तार पाकिस्तान से लेकर पुर्तगाल तक पहुंच गए. शुरुआती तफ्तीश की कड़ियां जोड़ते हुए एनआईए को ऐसे सबूत मिले हैं जो सीधे-सीधे हत्याकांड के पीछे आतंकियों की ओर इशारा कर रहे हैं.
वीएचपी नेता की हत्या के पीछे पाकिस्तान में बैठा आतंकी रिंदा
अप्रैल महीने में हुई हत्या की जांच पंजाब पुलिस ने शुरु की थी. पर जांच के दौरान ऐसे कई सबूत मिले जिससे हत्याकांड कोई साधारण सा लगने वाला हत्या का केस नहीं था. लिहाजा एनआईए को विकास बग्गा की हत्या की गुत्थी सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई.
एनआईए ने विकास की हत्या के मामले में 16 मई 2024 को केस दर्ज करके जांच शुरु की. जांच के दौरान खुलासा हुआ कि वीएचपी नेता की हत्या की साजिश पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर रिंदा और एक दूसरे आतंकी संगठन ने रची थी. एनआईए का दावा है कि आतंकी रिंदा के गुर्गों ने ही हत्यारों को हथियार मुहैया कराए थे और हत्या की थी.
पाकिस्तान और पुर्तगाल से क्या है हत्याकांड का कनेक्शन?
एनआईए ने हत्याकांड की परतें सुलझानी शुरु की तो एक के बाद एक राज फाश हो रहे हैं. जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से पुर्तगाल में बैठे विदेशी हैंडलर से फंडिंग कराई गई थी. आतंकी रिंदा के गुर्गों ने ही हत्या करने वाले आरोपियों को हथियार मुहैया कराए गए थे.
एनआईए आतंकी संगठन के लोकल मॉड्यूल का पर्दाफाश करेगी, जो टारगेट किलिंग और आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के मकसद से ऑपरेट किया जा रहा है. एनआईए ने पाकिस्तान और पुर्तगाल वाले एंगल को गृहमंत्रालय से भी शेयर किया है.
वीएचपी नेता की हत्या के शूटर्स सिर्फ प्यादे: पंजाब पुलिस
13 अप्रैल की शाम नंगल के रेलवे रोड पर विकास बग्गा की दो अज्ञात शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद शूटर्स फरार हो गए थे. हालांकि पंजाब पुलिस ने महज 72 घंटों के अंदर ही शूटर मनदीप कुमार उर्फ मंगी और सुरिंदर उर्फ रिक्का को गिरफ्तार कर लिया था. उस वक्त पंजाब के डीजीपी ने जानकारी देते हुए कहा था कि “दोनों शूटर्स पाकिस्तान संचालित के आतंकी संगठन के समर्थन प्राप्त स्थानीय संचालक हैं.” डीजीपी ने गिरफ्तार शूटर्स को प्यादा बताते हुए कहा था कि “दोनों पैसों की लालच देकर गिरोह में शामिल किए गए थे.”
बताया जा रहा है कि दोनों शूटर्स को एन्क्रिप्टेड एप्स से विदेश आधारित हैंडलरों के संपर्क में थे. इस कत्ल को अंजाम देने के लिए फंड और हथियारों का इंतजाम करने के अलावा व्यक्ति, जिसको टारगेट करना था, उसकी जगह और फोटो भी उन्हें शेयर की गई थी.
वांटेड पर एनआईए ने रखा 10-10 लाख का इनाम
करीब 2 सप्ताह पहले एनआईए ने विश्व हिंदू परिषद नेता की हत्या के मामले में दोनों वांटेड आरोपियों पर 10-10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. जो भी आरोपियों की जानकारी देगा उन्हें इनाम की राशि दी जाएगी. जिनपर इनाम रखा गया है उनमें पंजाब के नवांशहर का रहने वाला हरजीत सिंह उर्फ लाड्डी और हरियाणा के यमुनानगर का कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू है, दोनों के खिलाफ 9 मई को हत्या का केस दर्ज किया गया था.जांच एजेंसी ने दोनों आरोपियों के फोटो भी जारी किए हैं.
जाहिर है एनआईए की कोशिश है कि पंजाब में पाकिस्तानी आतंकी संगठन के एक एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया जा सके, जिसके लोग पंजाब में पैसों की लालच में आतंकी संगठन को मजबूत कर रहे हैं.