चीन के एक टैंक में सवार सैनिक के बेहोश होने का वीडियो इनदिनों जबरदस्त वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया चीन के टैंक के भीतर के वातावरण को सैनिकों के अनुकूल ना बनाने के लिए आलोचना कर रहे है. लेकिन, क्या ये पहली बार ऐसा हुआ है कि चीन के हथियार और सैन्य साजो सामान पर सवाल खड़े हुए हैं. बिल्कुल नहीं.
हालांकि, टैंक में सवार सैनिक के बेहोश होने का वायरल वीडियो थोड़ा पुराना है लेकिन इसके जरिए चीन के मिलिट्री प्लेटफॉर्म की क्वालिटी का अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है. ये वीडियो वर्ष 2020 का है जब रुस में टैंक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. भारत सहित कुल 36 देशों की सेनाओं की आर्मर्ड रेजिमेंट ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था. उसी दौरान चीन के ’96बी-एमबीटी’ (मैन बैटल टैंक) में सवार सैनिक अचानक टैंक से बाहर निकलता है और तुरंत बेहोश हो जाता है.
जांच में पता चला कि जब टैंक से गोला दागा गया तो टैंक के बूस्टर फैन ने काम करना बंद कर दिया. नतीजा ये हुआ कि टैंक के गोले का धुआं अंदर ही रह गया और जहरीली गैस फैल गई. ये पहली घटना नहीं थी जब पूरी दुनिया के सामने चीन के टैंक फेल हुए थे. वर्ष 2016 में भी रुस में आयोजित ‘टैंक-बैथलॉन’ में भी चीन के टैंक का पहिया निकल गया था (https://x.com/NepCorres/status/1795326776824263101).
हाल के दिनों में बांग्लादेश में चीन के एक टैंक में हुए ब्लास्ट की घटना भी सुर्खियों में छाई हुई है. बांग्लादेश के ‘टी-59 जी’ टैंक को हाल ही में चीन ने अपग्रेड किया है. इन टैंकों के लिए चीन ने बांग्लादेश को पाकिस्तान में बने गोला-बारूद इस्तेमाल मुहैया कराया है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो ट्रेनिंग के दौरान टैंक में ही गोला फट गया. इस घटना को लेकर अभी तक चीन, पाकिस्तान या बांग्लादेश की तरफ से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. लेकिन चीन के सोशल मीडिया में ये खबर छाई हुई है.
बांग्लादेश ने चीन से अपने पुराने टी-59 जी टैंक को ही अपग्रेड नहीं कराया है. बल्कि वर्ष 2020 में 150 वीट-5 हल्के टैंक भी खरीदे हैं. इसके अलावा एंटी-टैंक रॉकेट और वीएसएचआरएडीएस यानी वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम यानी सैनिक द्वारा कंधे से फायर करने वाली मिसाइल प्रणाली भी खरीदी है.
पिछले साल म्यांमार ने पाकिस्तान में बने चीनी फाइटर जेट जेएफ-17 को लेकर सवाल खड़े किए थे. चीन ने ही ये फाइटर जेट म्यांमार को मुहैया कराए थे. लेकिन म्यांमार ने चीन-पाकिस्तान द्वारा मिलकर तैयार किए गए इन लड़ाकू विमानों को ऑपरेशन के लिए ‘अनफिट’ करार दे दिया है.