प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील में आयोजित जी-20 बैठक में वैश्विक संघर्षों का जिक्र किया है. रियो डी जनेरियो में पीएम मोदी ने एक बार फिर से ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद किया है. सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वैश्विक संघर्षों का सबसे ज्यादा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है.
इस साल जी 20 बैठक की अध्यक्षता ब्राजील ने की है. अगले साल जी-20 की बैठक की मेजबानी साउथ अफ्रीका करेगा. अपने संबोधन से पहले पीएम मोदी ने जो बाइडेन, संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस समेत कई राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की.
ग्लोबल साउथ पर ज्यादा पड़ा संघर्षों का प्रभाव: पीएम मोदी
जी 20 के मंच से पीएम मोदी ने अपने संबोधन में तमाम मुद्दों को उठाया. विश्व के अलग-अलग मोर्चों (रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-ईरान, मिडिल ईस्ट) पर हो रहे तनाव को लेकर पीएम मोदी ने कहा- वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से ग्लोबल साउथ के देश सबसे अधिक प्रभावित हैं. इसलिए हमारी चर्चा तभी सफल हो सकती है जब हम ग्लोबल साउथ की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखेंगे और जिस तरह हमने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता देकर ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद किया, उसी तरह हम वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार करेंगे.”
पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति की तारीफ करते हुए कहा, “नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में लिए गए जन-केंद्रित निर्णयों को ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाया गया है. यह बहुत संतोष की बात है कि हमने एसडीजी लक्ष्यों को प्राथमिकता दी. यह स्पष्ट है कि एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य, इस शिखर सम्मेलन में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि पिछले साल था.”
पीएम मोदी ने ब्राजील की पहल को सराहा
पीएम मोदी ने ब्राजील की पहल की तारीफ की है. पीएम मोदी ने कहा- भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है. हमने हाल ही में मलावी, जाम्बिया और जिम्बाब्वे को मानवीय सहायता प्रदान की है. हम भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन के लिए ब्राजील की पहल का समर्थन करते हैं. यह नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अपनाए गए खाद्य सुरक्षा के लिए डेक्कन उच्च स्तरीय सिद्धांतों के लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.