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हम आतंकी नहीं, मातृभूमि के रक्षक, BLA का अमेरिका पर पलटवार

By Nalini Tewari

पाकिस्तानी सेना की नाक में दम करने वाली बीेएलए की मजीद ब्रिगेड ने अमेरिका के उस फैसले का विरोध किया है, जिसमें उन्हें वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया है. बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले बीएलए ने सबूतों के साथ अमेरिका से कहा है, कि हम मातृभूमि की मुक्ति के लिए लड़ रहे, हमें किसी बाहरी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं.

हाल ही में अमेरिकी दौरे पर गए पाकिस्तानी जनरल असीम मुनीर ने अमेरिका के सामने खुद को आतंकवाद का पीड़ित देश बताया था और नाक रगड़ रगड़ कर अमेरिका से बीएलए की मजीद ब्रिगेड को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की थी. वहीं तेल के चक्कर में अंधे अमेरिका ने बीएलए को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया है.

अमेरिका के फैसले से हम दबाव में नहीं, हम मातृभूमि की मुक्ति के लिए मैदान में हैं:बीएलए

बीएलए यानी बलूच लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता जीयंद बलोच ने कहा, कि “अमेरिका का ये फैसला औपनिवेशिक मानसिकता को मौन समर्थन देना और जमीनी हकीकत से मुंह मोड़ना है. हमें इस फैसले से कोई आश्चर्य नहीं हुआ और न ही हम इससे दबाव महसूस करते हैं. बलूच लिबरेशन आर्मी ऐसी फोर्स है, जो सैन्य वर्चस्व के खिलाफ सक्रिय है और सिर्फ अपनी कब्जे वाली मातृभूमि की मुक्ति के लिए मैदान में हैं.”

हमें किसी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, पाकिस्तान ने हमारे इलाके पर कब्जा किया: बीएलए

जीयंद बलोच ने बयान जारी करके कहा, “यह तथ्य दिन की तरह स्पष्ट है कि बलूचिस्तान पर 1948 में पाकिस्तान ने हथियारों के बल पर कब्जा कर लिया था. बीएलए उस दिन से उठे प्रतिरोध का एक विस्तार है. हम किसी अस्थायी राजनीतिक प्रतिक्रिया या सीमित समूह विद्रोह का नाम नहीं हैं, बल्कि एक ऐतिहासिक, राष्ट्रीय और रक्षात्मक वास्तविकता हैं. बीएलए आतंकवादी संगठन नहीं राष्ट्रीय गौरव है जो हथियार उठाए हुए है, हमें किसी बाहरी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.”

हमारी लड़ाई विश्व शांति के खिलाफ नहीं, सिर्फ पाकिस्तानी सेना के खिलाफ है: बीएलए

जीयंद बलोच ने दुनिया के सामने साफ किया वो विश्व शांति के विरोधी नहीं. जीयंद बलोच के मुताबिक, “बीएलए की लड़ाई पाकिस्तानी सेना, फ्रंटियर कोर, खुफिया नेटवर्क, मौत के दस्तों और उनके समर्थक समूहों के खिलाफ हैं. हमारा युद्ध जमीन के लिए है, वह जमीन जो हमारे पूर्वजों की थी, और जिसे बंदूक के बल पर हमसे छीन लिया गया. हम न तो पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ हैं, न ही किसी विश्व शक्ति के खिलाफ. हमारी बंदूक केवल उस शक्ति के खिलाफ उठाई जाती है जो हमारी जमीन पर कब्जा करती है. पाकिस्तान सिर्फ दुष्प्रचार करता है.”

हम जिनेवा कन्वेंशन का पालन करते हैं, हमारा संघर्ष मानवीय कानून सिद्धांतों के मुताबिक है: जीयंद बलोच 

जीयंद बलोच ने कहा, “हम अपने संघर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के सिद्धांतों के तहत देखते हैं. बीएलए एक संगठित सैन्य बल है, जो जिनेवा कन्वेंशन के सामान्य अनुच्छेद 3 में शामिल गैर-अंतर्राष्ट्रीय सशस्त्र संघर्ष के सभी मानकों को पूरा करता है. इस ढाँचे के तहत, युद्ध के नियम, लड़ाकों के अधिकार और नागरिकों की सुरक्षा तय की गई है. हमने हमेशा खुद को इन सिद्धांतों से बांधा है. दुनिया भर में ऐसे उदाहरण हैं, जहां राज्य के खिलाफ आंदोलनों को इन कानूनों के तहत नैतिक, कानूनी और राजनीतिक दर्जा दिया गया है.”

हमारी लड़ाई बलूचिस्तान में आखिरी सैनिक रहने तक रहेगी, अमेरिकी फैसला राजनीति से प्रेरित जीयंद बलोच 

बीएलए ने कहा, “हम जानते हैं कि सुरक्षा, समझौते और भौगोलिक हित अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश की नीतियों में अहम भूमिका निभाते हैं. हम इसकी संवेदनशीलता समझते हैं, हम यह भी जानते हैं कि कभी-कभी ऐसी लिस्ट न्याय से ज्यादा राजनीतिक संतुलन का प्रतिनिधित्व करती हैं. बलूच लिबरेशन आर्मी एक सुव्यवस्थित सैन्य बल है जो युद्ध के सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अपने अभियान चलाता है. हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक हमारी जमीन पर कब्जा करने वाला आखिरी सैनिक वहां है.”

दुनिया आकर देखे, कि हमारी जमीन पर बेशकीमती खनिज हैं: बीएलए

जीयंद बलोच ने कहा, “बलूचिस्तान के बेशकीमती खनिज भंडार वैश्विक पूंजीवादी हितों का केंद्र बन गए हैं. पाकिस्तान इन भंडारों को विदेशी कंपनियों को सौंप रहा है और बलूचिस्तान को उपनिवेश बनाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं. दुनिया को बलूचिस्तान आने का न्योता देते हैं, ताकि वे देख सकें कि हमारी जमीन पर क्या हो रहा है.”

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