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क्या है White Collor टेररिज्म, जिसने दिल्ली में फैलाई दहशत

By Nalini Tewari

दिल्ली धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हो रहे हैं ऐसे खुलासे, जिससे जांच एजेंसियां भी चौंक गई हैं. दिल्ली कार ब्लास्ट के दौरान सीसीटीवी में दिखा शख्स कोई और नहीं डॉक्टर उमर था. वही उमर जिसे फरीदाबाद में डॉक्टर मुजम्मिल और सहारनपुर में डॉक्टर आदिल अहमद की गिरफ्तारी के बाद तलाशा जा रहा था. 

2900 किलो विस्फोटक के बाद जब तक एजेंसियां डॉक्टर उमर को पकड़ पातीं, तब तक लाल किले के पास कार में हुए एक हाई इंटेंसिटी धमाके ने पूरी जांच बदल दी. 

व्हाइट कॉलर्स लोगों के जरिए आतंकी साजिश के सुराग लगे हैं. व्हाइट कॉलर्स यानि डॉक्टरी जैसा पेशा जो मरीज तो देखते ही हैं, लेकिन आतंकियों के मददगार और आकाओं के जरिए देश में बड़े हमले की साजिश भी रचते हैं. ताकि किसी को भी शक न हो. डॉक्टर्स का एक बड़ा नेटवर्क है, जिसके जरिए एक बड़ी साजिश रची गई थी.

डॉक्टर उमर की हुई पहचान, धमाके वाली गाड़ी चला रहा था उमर

लाल किले के पास बनी रेड लाइट के पास चलती आई 20 कार में सोमवार शाम को तेज धमाका हुआ था. इतना तेज की आसपास की गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए, वहीं कई दुकानों के शीशे चटक गए. 

मेट्रो स्टेशन के पास धमाके में जिस आई 20 कार का इस्तेमाल किया गया था, उससे जुड़ा सीसीटीवी खंगाला गया तो सामने आई संदिग्ध की तस्वीर. संदिग्ध को पहचानने में ज्यादा देर नहीं लगी क्योंकि ये कोई और नहीं वही डॉक्टर उमर था, जिसकी तलाश जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ हरियाणा पुलिस को भी थी. 

बताया जा रहा है डॉक्टर उमर मोहम्मद ही आई 20 गाड़ी चला रहा था. उमर पुलवामा का रहने वाला है. उमर मोहम्मद फरीदाबाद मॉड्यूल का वो तीसरा डॉक्टर था, जिसकी तलाश की जा रही थी. जबकि डॉक्टर आदिल अहमद और मुजम्मिल शकील को गिरफ्तार किया जा चुका था.

आतंकी डॉक्टर्स का पूरा नेटवर्क समझिए, जिसमें महिला डॉक्टर भी शामिल 

  • आतंकी डॉक्टर के नेटवर्क की पहली कड़ी है डॉक्टर आदिल अहमद. आदिल एजेंसियों की रडार पर उस वक्त आया जब सीसीटीवी में जैश का पोस्टर लगाते हुए पाया गया. डॉक्टर आदिल को यूपी के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया.
  • आदिल अनंतनाग के सरकारी अस्पताल का डॉक्टर था, मौजूदा समय में सहारनपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में काम करने लगा था. आदिल के लॉकर से जम्मू-कश्मीर पुलिस को एके 47 बरामद हुई थी. 
  • डॉक्टर आदिल अहमद (अनंतनाग निवासी) की निशानदेही पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया. 
  • मुजम्मिल के पास से 360 किलोग्राम विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट), डेटोनेटर, बैटरी, टाइमर और हथियार मिले थे, जिनमें एक एके-56 राइफल और एक क्रिनकोव पिस्टल भी शामिल थी. 
  • मुजम्मिल पर दिल्ली ब्लास्ट के कुछ घंटे पहले लिया गया था. मुजम्मिल से पूछताछ में डॉक्टर उमर नबी के नाम का खुलासा हुआ.
  • एजेंसियों को शक है उसी वक्त डॉक्टर उमर नबी भारी विस्फोटकों से भरी सफेद रंग की आई 20 को लेकर दिल्ली की ओर भाग आया. लाल किले की पार्किंग में गाड़ी को खड़ा कर दिया.
  • फरीदाबाद से दिल्ली आने के लिए पड़ने वाले बदरपुर टोल पर धमाके वाली कार देखी गई. सोमवार (10 नवंबर, दिल्ली धमाके वाला दिन) को सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर आई 20 ने बदरपुर टोल पास किया.
  • 8 बजकर 20 मिनट पर ओखला इंडस्ट्रियल एरिया पर गाड़ी में फ्यूल भरवाया गया. माना जा रहा है कि गाड़ी डॉक्टर उमर ही चला रहा था.
  • दोपहर 3 बजकर 19 मिनट पर गाड़ी को लालकिले की पार्किंग में लाकर खड़ा किया गया. इस गाड़ी को 6 बजकर 38 मिनट पर  पार्किंग से निकाला गया. पार्किंग के सीसीटीवी में भी डॉक्टर उमर की तस्वीर कैद हुआ है. 
  • पार्किंग से निकलने के बाद दरियागंज, सुनहरी मार्केट, कश्मीरी गेट के इलाके में गाड़ी को घूमते हुए देखा गया. 6 बजकर 52 मिनट पर रेड लाइट पर गाड़ी धीमी हुई और जोरदार धमाका हो गया.
  • माना जा रहा है कि एजेंसियों से बचने के लिए डॉक्टर उमर भाग रहा था. वहीं आशंका इस बात की जताई जा रही है कि शायद विस्फोट को कहीं और लगाया जाना था, लेकिन रेडलाइट पर ही धमाका हो गया. इसे फिदायीन हमले के तौर पर भी देखा जा रहा है.
  • मुजम्मिल की निशानदेही पर लखनऊ से एक महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है. डॉक्टर शाहीन की स्विफ्ट कार मुजम्मिल के पास से मिली है. शाहीन शाहिद और मुजम्मिल एक दूसरे से संपर्क में थे, शाहीन भी अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ी हुई थी.
  • दिल्ली धमाके के बाद लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टर परवेज अंसारी का नाम भी सामने आया. जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी एटीएस ने परवेज की गाड़ी बरामद की है, जिसपर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का स्टिकर पाया गया है. वहीं परवेज अंसारी फरार है.
  • श्रीनगर से डॉक्टर सज्जाद को हिरासत में लिया गया है. डॉक्टर सज्जाद, डॉक्टर उमर नबी के संपर्क में रहता था. सज्जाद को पुलवामा से हिरासत में लिया गया. डॉक्टर सज्जाद ने जम्मू यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया है. 

शक के घेरे में फरीदाबाद का अल फलाह मेडिकल कॉलेज, मंगलवार को एनआईए जांच के लिए पहुंची

ना सिर्फ डॉक्टर उमर मोहम्मद बल्कि डॉक्टर मुजम्मिल शकील, फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज से जुड़े थे. सोमवार सुबह ही जम्मू-कश्मीर पुलिस और यह ऑपरेशन अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले कश्मीरी मेडिकल प्रोफेसर डॉ. मुजम्मिल शकील को गिरफ्तार किया था. डॉ. मुजम्मिल के यूनिवर्सिटी परिसर के निकट स्थित किराए के मकान से भारी मात्रा से 360 किलोग्राम विस्फोटक 

जांच एजेंसियों को शक है कि अल फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवातुल-हिंद जैसे संगठनों द्वारा किया जा रहा था. आरोप है कि फंड जुटाने, कट्टरपंथी बनाने और विस्फोटक इकट्ठा करने के लिए यूनिवर्सिटी नेटवर्क किया गया.

11 नवंबर को एनआईए और पुलिस ने आतंकी मॉड्यूल के संदेह में छापेमारी की तो पता चला कि यूनिवर्सिटी दिल्ली के जामिया नगर के पते पर रजिस्टर्ड है. जांच में ये भी पता चला है कि यूनिवर्सिटी के तार दुबई से भी जुड़े हैं. माना जा रहा है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ और लोगों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है.

व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल, जो बना नई चुनौती

एजेंसियों के मुताबिक भारत को दहलाने के लिए जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने एक सुनियोजित व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल बनाया. जिसमें पढ़े लिखा युवाओं को रेडिकलाइज्ड किया गया. मेडिकल प्रोफेशनल्स और छात्रों को शामिल किया गया जो पाकिस्तान और अन्य देशों से हैंडलर्स के संपर्क में थे. 

इन लोगों को एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए ब्रेनवॉशिंग की गई. हैंडलर्स ने युवाओं को रेडिकलाइज करके, उन्हें आतंकी संगठन में भर्ती करने, पैसे जुटाने, लॉजिस्टिक्स, हथियार-गोला-बारूद खरीदने और आईईडी बनाने के पदार्थों को जुटाने में इस्तेमाल किया गया.

दिल्ली धमाके की जांच एनआईए को सौंप दी गई है. एनआईए अब ऐसे नेटवर्क को खंगाल रही है जिन्हें रेडिक्लाइज करके आतंकी हमलों के लिए तैयार किया जा रहा है. 

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