गाजा में युद्धविराम की मांग अब इजरायली सैनिक ही करने लगे हैं. लगभग 200 सैनिकों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें कहा गया है कि यदि सरकार युद्धविराम सुनिश्चित नहीं करती, तो लड़ाई बंद कर देंगे.
सैनिकों ने बाकी सैनिकों को भी आगे आने के लिए कहा है. अपनी ही सेना के खिलाफ आवाज उठाने वाले इजरायली सैनिकों ने कहा है कि ये शुरुआत है और वे चाहते हैं कि अन्य लोग भी सामने आएं.
15 महीने के लड़ाई में थके इजरायली सैनिक
सैनिकों का ये विद्रोह ऐसे वक्त में सामने आया है, जब कतर में हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम पर वार्ता की जा रही है. और माना जा रहा है कि जल्द ही बंधकों की रिहाई और सीजफायर को लेकर कोई अच्छी खबर आ सकती है.
हमें लोगों का घर तोड़ने का आदेश मिला: इजरायली सैनिक
गाजा में लड़ाई जारी रखने से इनकार करने वाले सात सैनिकों ने मीडिया से बात की है. सैनिकों ने बताया कि कैसे फिलिस्तीनियों को अंधाधुंध तरीके से मारा गया और घरों को नष्ट किया गया. कई सैनिकों ने कहा कि उन्हें ऐसे घरों को जलाने या ध्वस्त करने का आदेश मिला, जो कोई खतरा नहीं थे.
आम तौर पर इजरायली सैनिकों को राजनीति से दूर रहने की सलाह दी जाती है और वो सेना के खिलाफ नहीं बोलते हैं. पर इजरायली सैनिकों ने खुलकर सेना की खिलाफत की, जो इजरायल की मुश्किलें बढ़ा सकती है.
लड़ने से मना किया तो हो सकती है जेल: आईडीएफ
आईडीएफ ने इजरायली सैनिकों के इंटरव्यू को गंभीरता से लिया है और जंग लड़ने से मना करने की निंदा भी की है. इजरायली डिफेंस फोर्स ने कहा है कि सेवा से इनकार करने पर सैनिकों को जेल भी हो सकती हैय हालांकि, पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले किसी भी सैनिक के खिलाफ अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.