चीन में हुई रक्षा मंत्रियों की एससीओ समिट में राउंड टेबल पर सभी देश बैठे थे. ज्वाइंट ड्राफ्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने आया. राजनाथ सिंह ने पेन उठाया, अपने माथे पर उंगली फिराई और फिर पेन को नीचे रख दिया और ज्वाइंट स्टेटमेंट पर सहमति नहीं बन पाई. अब विदेश मंत्रालय ने ड्राफ्ट पर साइन न किए जाने पर विस्तार से बात की है.
विदेश मंत्रालय ने ज्वाइंट स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर न किए जाने पर क्या बताया?
एमईए के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया, “रक्षा मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक चीन में संपन्न हुई. इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया और आतंकवाद के मुद्दे पर सभी सदस्य देशों से एकजुट होकर लड़ने की अपील की. लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके कारण कोई संयुक्त बयान जारी नहीं हो सका.”
रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, कि “हमारी ओर से ये बताया गया कि भारत चाहता है कि संयुक्त बयान में आतंकवाद पर हमारी चिंताओं को दर्शाया जाए. लेकिन एक खास देश ने अपनी असहमति जताई, जिसके बाद ज्वाइंट ड्राफ्ट में हस्ताक्षर नहीं किए गए.”
रणधीर जायसवाल ने बताया कि “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ की बैठक में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया और कहा, “सीमापार से होने वाले आतंकवाद और इसके अपराधियों, आयोजकों और वित्त पोषकों को जवाबदेह ठहराया जाए.भारत ने स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसकी मुखर आलोचना करता रहेगा.”
असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा पर कुछ कहने के लिए नहीं: रणधीर जायसवाल
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हमने यह दौरा देखा है. इस पर हमारे पास कहने को और कुछ नहीं है. भारत-अमेरिका संबंध दोनों देशों के बीच साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है और यह रणनीतिक दृष्टि से लगातार मजबूत हो रही है. यह साझेदारी व्यापार, तकनीक, ऊर्जा, रक्षा और कई क्षेत्रों में सहयोग के रूप में सामने आ रही है.”
ऑपरेशन सिंधु सफल, 3000 लोग अब तक निकाले गए:रणधीर जायसवाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ की सफलता के लिए ईरान, अर्मेनिया और जॉर्डन को धन्यवाद दिया. रणधीर जायसवाल ने कहा कि “ईरान में करीब 10,000 भारतीय थे. बढ़ते तनाव को देखते हुए ऑपरेशन सिंधु के तहत वहां से अब तक 3,426 भारतीय नागरिक, 11 ओसीआई कार्डधारक, 9 नेपाली नागरिक, कुछ श्रीलंकाई नागरिक, और एक ईरानी नागरिक, जो एक भारतीय नागरिक के पति हैं, को सुरक्षित निकाला गया. इसके लिए ईरान, आर्मेनिया और तुर्कमेनिस्तान से कुल 14 उड़ानें चलाई गईं. वहीं, इजरायल में लगभग 40,000 भारतीय हैं, अब तक 818 भारतीय नागरिकों को वहां से निकाला गया है.”