ऑपरेशन सिंदूर में मुंह की खाने के बाद अब आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने अपनी विधवा बहन को महिला-आतंकियों की एक ब्रिगेड खड़ा करने की जिम्मेदारी सौंपी है. मसूद अजहर की ये वही बहन है जिसके शौहर की ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की बमबारी में मौत हो गई थी.
भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, मसूद अजहर ने आईएस, लिट्टे और बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों की तर्ज पर जैश ए मोहम्मद की एक महिला-ब्रिगेड खड़ा करने की साजिश रची है. मसूद ने इस ब्रिगेड को जमात-उल-मोमिनात का नाम दिया है.
मसूद ने जमात उल मोमिनात की कमान अपनी बहन सादिया अजहर के हाथों में सौंपी है. सादिया अजहर के शौहर यूसुफ अजहर की 6-7 मई को बहावलपुर में भारतीय वायुसेना की गोलाबारी में मौत हो गई थी. भारत के हवाई हमले के दौरान यूसुफ, जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर (मरकज शुभानल्लाह) में मौजूद था.
8 अक्टूबर से मसूद ने जमात उल मोमिनात में महिला आतंकियों की भर्ती के लिए रिक्रूटमेंट शुरु कर दी है. शुरुआत में बहावलपुर में ही महिला आतंकियों की भर्ती की जा रही है. माना जा रहा है कि जल्द ही ये भर्ती कराची, मुजफराबाद, कोटली, हरिपुर और मनशेरा में शुरू की गई है.
खबर तो ये भी है कि सादिया के अलावा जैश के टॉप कमांडर्स की पत्नियों और परिवार की महिला सदस्यों को जमात में शामिल कर लिया गया है. इसके बाद ये महिलाएं ही पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में जाकर आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं को भर्ती करेगा.
खुद को कट्टरपंथी देवबंदी विचारधारा से प्रभावित बताने वाले जैश ए मोहम्मद ने अभी तक अपनी तंजीम में महिलाओं की भर्ती पर पाबंदी लगा रखी थी. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश ने अपनी विचारधारा में परिवर्तन किया है और महिलाओं को आतंकी फ्रेमवर्क में शामिल कर लिया है.
आईएस, बोको हरम, हमास और लिट्टे जैसे आतंकी संगठनों में महिलाओं ने बड़ी संख्या में आत्मघाती हमले करने की जिम्मेदारी संभाली है. ऐसे में माना जा रहा है कि जैश भी इन महिला आतंकियों को आत्मघाती हमले के लिए तैयार कर सकता है.