हमास के खिलाफ गाजा में मोर्चाबंदी करने वाले इजरायल ने सीरिया में किए हैं ताबड़तोड़ हमले. इजरायल के रक्षा मंत्री ने इन हमलों को लेकर कहा कि सीरिया को दूसरा लेबनान नहीं बनने देंगे.
इजरायली रक्षा मंत्री के आदेश के बाद इजरायली सेना ने सीरिया के कुनेत्रा ग्रामीण क्षेत्र और दारा प्रांत के कस्बों में आगे बढ़ी. रातभर चली कार्रवाई में दारा, अल-सुवेदा, कुनेत्रा और दमिश्क के ग्रामीण इलाकों को निशाना बनाकर एयर स्ट्राइक की गई है. साथ ही दमिश्क के बेहद करीब से इजरायली लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है.
आपको बता दें कि सीरिया में तख्तापलट के बाद गोलान हाइट्स पर इजरायली सेना ने कब्जा कर लिया है. ऐसी खबरें भी आई हैं कि इजरायली सेना गोलान हाइट्स से भी आगे बढ़ चुकी है.
सीरिया को नहीं बनने देंगे दूसरा लेबनान: इजरायली रक्षा मंत्री
इजरायल की सेना ने असद शासन में इस्तेमाल होने वाले मिलिट्री स्ट्रक्चर और हथियार भंडार को निशाना बनाया है. दरअसल इजरायल मानता है कि अगर सीरिया सेना के हथियार विद्रोही सगंठन (अब सत्तारूढ़) एचटीएस के लड़ाकों को मिल गए तो इनका इस्तेमाल इजराइल पर हमला करने के लिए कर सकते हैं. इसलिए आईडीएफ उन ठिकानों को टारगेट कर रही है जो असद प्रशासन के सैन्य ठिकाने हैं और वहां संवेदनशील हथियार रखे हुए हैं.
इजरायली सुरक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने सीरिया में किए गए एक्शन की जानकारी दी है. काट्ज ने कहा, “इजरायली एयर फोर्स दक्षिणी सीरिया में जोरदार हमला कर रही है, वो इसलिए क्योंकि इजरायली सरकार दक्षिणी सीरिया को दक्षिणी लेबनान में बदलने की इजाजत नहीं देगी.” (https://x.com/NiohBerg/status/1894526663418908811)
सीरिया पर अब अल शरा बनाए गए अंतरिम राष्ट्रपति
अहमद अल शरा ने असद के सत्ता पलटने के बाद सीरिया की सत्ता संभाली है. मिडिल ईस्ट के दौरे करके सीरिया के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत कर रहे हैं. इजरायल से पंगा नहीं लेने के मूड में हैं. क्योंकि इजरायल ने असद के पतन के बाद से ही सीरियाई गोलान के रणनीतिक माउंट हरमोन और दक्षिणी सीरिया के अन्य प्रांतों पर जमीनी आक्रमण किया और अपनी चौकियां बनाई है और सीरिया के हथियार भंडार को नष्ट कर दिया है.लेकिन अल शरा की ओर से कोई बहुत ज्यादा तल्ख टिप्पणियां नहीं की गई हैं. अल शरा ने शुरुआत से ही इजरायल के साथ टकराव का रुख नहीं अपनाया है.
असद ने जाते-जाते इजरायल को दी हैं गुप्त जानकारियां
दावा किया जा रहा है कि जब विद्रोहियों ने बशर अल असद के क्षेत्रों पर आक्रमण किया तो उस वक्त रूस सुरक्षित बच निकलने के लिए पूर्व राष्ट्रपति असद ने इजरायल से एक डील की थी. असद ने हथियार डिपो, मिसाइल सिस्टम और फाइटर जेट से जुड़ी खुफिया जानकारी की एक लिस्ट इजरायल को दे दी, ताकि जिस विमान से वो अपने परिवार के साथ भाग रहे थे उस विमान को निशाना न बनाया जाए.
सीरिया में ईरान की अंडरग्राउंड मिसाइल फैक्ट्री भी इजरायल ने की थी तबाह
कुछ महीने पहले इजरायल ने सीरिया में एक बड़ी एयरस्ट्राइक करके ईरान की अंडरग्राउंड मिसाइल फैक्ट्री नेस्तानाबूत की थी. कोड ऑपरेशन मैनी वेज के तहत ईरान की सीक्रेट मिसाइल फैक्ट्री तबाह की थी,ईरान की इस सीक्रेट मिसाइल फैक्ट्री को “डीप लेयर” के नाम से जाना जाता था.
आईडीएफ ने दावा किया कि यह साइट, ईरान के मिसाइल उत्पादन कार्यक्रम की एक प्रमुख परियोजना थी, जिसका उद्देश्य लेबनान में हिजबुल्लाह और सीरिया में असद शासन को सटीक मिसाइलों की आपूर्ति करना था. इजरायली कमांडों ने बेहद ही गुप्त तरीके से सीरिया की सीमा में घुसकर ऑपरेशन को अंजाम दिया था. इजरायली कमांडो फैक्ट्री में पहुंचे. और 660 पाउंट विस्फोटक लगाए गए. कमांडो ने अपना मिशन तीन घंटे से कम वक्त में पूरा किया और उन्हीं हेलीकॉप्टर से वापस इजरायल रवाना हो गए, जिससे वो आए थे. आईडीएफ के इस ऑपरेशन में 30 सीरियाई गार्ड और सैनिकों की मौत हुई थी.
आईडीएफ के मुताबिक “ईरान की मिसाइल फैक्ट्री डीप लेयर का निर्माण साल 2017 के अंत में शुरु किया गया था.ईरान को अपनी मिसाइल उत्पादन क्षमताओं को भविष्य के हवाई हमलों से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अंडरग्राउंड मिसाइल फैक्ट्री बनाई. साल 2021 तक पहाड़ में 70 से 130 मीटर नीचे फैक्ट्रियों का निर्माण शुरु किया गया और मिसाइलें बनाई जानी शुरु की गई.”
आईडीएफ ने ईरान की अंडरग्राउंड फैक्ट्री का वीडियो भी शेयर किया था. आईडीएफ के मुताबिक, “मिसाइल फैक्ट्री का आकार एक घोड़े की नाल की तरह था, जिसमें 3 एंट्री गेट थे. एक गेट में कच्चा माल लाया जाता था, दूसरा मिसाइलों को बाहर लाने के लिए था और तीसरा गेट ऑफिस के लिए था. अंडरग्राउंड फैक्ट्री में 16 कमरे थे, जिनमें रॉकेट ईधन के लिए मिक्सर, मिसाइल बॉडी निर्माण क्षेत्र और पेंट रूम थे. आईडीएफ का दावा है कि एक साल में इस फैक्ट्री में 100 से 300 तक मिसाइलें बनाई गई, जो 300 किलोमीटर दूर तक टारगेट कर सकती थीं.”