बांग्लादेश की अपदस्थ पीएम शेख हसीना ने एक बार फिर से अंतरिम सरकार की सरकार और मुखिया पर करारा वार किया है. भारत में रह रहीं शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को आतंकवादियों का समूह बताते हुए जल्द ही बांग्लादेश लौटने की घोषणा की है. शेख हसीना ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि “बांग्लादेश के विकास का अंतरिम सरकार ने सत्यानाश कर दिया है. उपद्रवी बेलगाम हैं.”
मैं मरी नहीं, इसका मतलब बांग्लादेश लौटूंगी: शेख हसीना
शेख हसीना ने एक बार फिर से अंतरिम सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है. शेख हसीना ने सोशल मीडिया पर आवामी लीग के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा कि मैं मरी नहीं, इसका मतलब है कि मैं फिर से वापस बांग्लादेश आऊंगी. अल्लाह ने लोगों को संदेश दे दिया है. वापस आने के बाद अंतरिम सरकार और उनके लोगों को जेल से लेकर अदालत तक मैं घसीटूंगी. आप सभी लोग धैर्य बनाकर रहें. आपके साथ न्याय होगा. जो भी लोग आपको मारने के लिए आ रहे हैं, उन्हें खोज-खोजकर लाया जाएगा.
सरकारी पैसों पर ऐश कर रहे मोहम्मद यूनुस, अंतरिम सरकार है आतंकियों का ग्रुप: शेख हसीना
शेख हसीना ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा, “अल्लाह के घर में देर है, लेकिन अंधेर नहीं. अपने विकास कार्यों का जिक्र करते हुए शेख हसीना ने कहा, मेरे रहते बांग्लादेश का खूब विकास हुआ लेकिन यूनुस और उनके लोगों ने उसे आतंकवादियों का देश बना दिया है. वहां रोज मर्डर हो रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई मतलब नहीं है.यूनुस सरकारी पैसों से ऐश-ओ-आराम कर रहे हैं, बांग्लादेश में पत्रकारों और वकीलों के बोलने पर पाबंदी लगा दी गई है.” शेख हसीना ने कहा, “मैं हर बार बच क्यों जाती हूं? आतंकवादियों ने मेरे पिता, माता और भाई को मार दिया, लेकिन उस वक्त भी मैं बच गई.मुझे मारने की पिछली बार भी कोशिश की गई, लेकिन मैं बच गई. अल्लाह की मर्जी क्या है, मुझे नहीं पता, लेकिन बांग्लादेश में कुछ जरूर अच्छा होने वाला है.”
बिम्सटेक में पीएम मोदी-यूनुस में हुई मुलाकात, शेख हसीना पर हुई बात
थाईलैंड में पिछले सप्ताह हुई बिम्सटेक की बैठक से इतर पहली बार पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी. जहां पर यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की. लेकिन पीएम मोदी ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाते हुए, “यूनुस सरकार को संभलकर बोलने की सलाह दी थी. पीएम मोदी ने अपनी बैठक में कहा था कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के लोगों को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जो भारत के साथ संबंधों को खराब करें.”