पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के साथ अमेरिका में की है द्विपक्षीय बैठक.
बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद पहली बार पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बैठक हुई है. दोनों देशों ने अपने मंत्रियों के साथ मिलकर पाकिस्तान-बांग्लादेश सहयोग को मजबूत करने और आपसी संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा की. मोहम्मद यूनुस के आमंत्रण पर ही शहबाज शरीफ न्यूयॉर्क पहुंचे थे.
संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश के 50 साल पूरे होने पर समारोह का आयोजन किया गया था. इस आयोजन में मोहम्मद यूसुफ ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ को निमंत्रण भेजा था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधित करेंगे शहबाज शरीफ
27 सितंबर को यूएन महासभा की आम बहस के दौरान एक बैठक में हिस्सा लेंगे शहबाज शरीफ. यूएनजीए के मुताबिक, पाकिस्तान के पीएम अपनी बैठक में शांति, विकास और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर बात करेंगे. शहबाज शरीफ ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा है कि “देश के हितों की वकालत करूंगा, पाकिस्तान का दृष्टिकोण पेश करूंगा.”
पाकिस्तान के हित में बोलेंगे या कश्मीर पर जहर उगलेंगे?
ये रिकॉर्ड रहा है कि जब भी पाकिस्तान को किसी भी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बोलने का मौका मिलता है, कश्मीर का रोना लेकर बैठ जाता है.
अब संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर को जब शहबाज शरीफ बोलेंगे तो कश्मीर पर एक बार फिर जहर उगलेंगे. वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर को लेकर यूएन से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है. राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में शहबाज शरीफ ने कहा है कि कश्मीर के मुद्दे पर जनमत संग्रह होना चाहिए.
इस महासभा में अभी तक किसी भी देश ने यूएन में कश्मीर का जिक्र तक नहीं किया. यहां तक की पाकिस्तान के हमदर्द तुर्किए ने भी कश्मीर का ‘क’ तक नहीं बोला है, क्योंकि हर साल तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन वार्षिक भाषण में कश्मीर का जिक्र करते थे.
ब्रिक्स में तुर्किए को शामिल होना है, जिसके लिए भारत की सहमति जरूरी होगी. माना जा रहा है कि एर्दोगान ने अपने भाषण में कश्मीर के बारे में बात ना करते हुए इजरायल पर वार किया है.
कश्मीर पर अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान
माना जा रहा है कि कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान अकेला पड़ गया है, यूएस में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने भी सोशल मीडिया पर लिखा है कि “संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के मुद्दे को उठाने वाले शायद अकेले शख्स ही होंगे शहबाज शरीफ, क्योंकि 193 सदस्य देशों में से एक ने भी कश्मीर को लेकर कोई बयान नहीं दिया है.”