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यूक्रेन को मिली मदद में हेरा फेरी, जेलेंस्की का कबूलनामा 100 बिलियन डॉलर हो गए हवा

रूस-यूक्रेन जंग के तीन साल पूरे होने से ठीक पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ये कहकर सनसनी फैला दी है कि अमेरिका से मिली 177 बिलियन डॉलर की मदद में से, 58 प्रतिशत का कोई अता-पता नहीं है. जेलेंस्की का ये बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में नए ट्रंप प्रशासन ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान पैसों के लेन-देन का हिसाब-किताब शुरू कर दिया है.

जेलेंस्की के मुताबिक, अमेरिका से जो 177 बिलियन डॉलर की मदद का ऐलान हुआ है, उसमें से महज 75 बिलियन डॉलर ही यूक्रेन को मिल पाए हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति की मानें तो बाकी 102 बिलियन डॉलर कहां है कुछ पता नहीं है.

जेलेंस्की ने हालांकि, ये जरूर कहा है कि अमेरिका से जो मदद मिली है उसमें सैनिकों की ट्रेनिंग, ट्रांसपोर्ट के खर्च के साथ-साथ मानवीय सहायता भी शामिल है. (https://x.com/amuse/status/1886129360744177950)

ट्रंप ने यूक्रेन की मदद कर दी है बंद

अमेरिकी की कमान संभालने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और मिस्र को छोड़कर दुनिया के सभी देशों को दी जाने वाली सहायता तुरंत प्रभाव से बंद कर दी थी. जिन देशों को अमेरिकी सहायता बंद की गई है उसमें यूक्रेन भी शामिल है.

माना जा रहा है कि अमेरिका से मिले हथियार और मदद से ही यूक्रेन, रूस जैसी महाशक्ति के खिलाफ पिछले तीन साल से जंग को खींच रहा है. इस महीने की 22 तारीख (फरवरी) को रूस-यूक्रेन जंग को तीन साल पूरे हो जाएंगे.

ट्रंप की कोशिश है कि रूस-यूक्रेन जंग जल्द से जल्द खत्म हो जाए. हाल ही में ट्रंप ने कहा था कि यूक्रेन के खिलाफ रूस, एक ‘बेकार’ युद्ध लड़ रहा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जेलेंस्की को भी जंग रोकने का आह्वान किया है, क्योंकि यूक्रेन के हजारों सैनिक और नागरिक, जंग की भेंट चढ़ चुके हैं और लाखों लोग देश छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं.

यूक्रेन की महिला-अधिकारी ने हथियारों की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार के लगाए हैं आरोप

हाल ही में यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने डिफेंस प्रोक्योरमेंट एजेंसी की प्रमुख को इसलिए बर्खास्त कर दिया था, क्योंकि महिला-अधिकारी ने हथियारों की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे.

यूक्रेनी रक्षा मंत्री रूस्तेम उमेरोव ने महिला अधिकारी मार्याना बेजरुकोवा पर सेना को हथियार सप्लाई करने में देरी, खराब हथियार खरीदने, सेना मुख्यालय से संपर्क ना करने और क्लासिफाइड जानकारी लीक करने जैसे गंभीर आरोप जड़ दिए थे. जेलेंस्की ने भी अपने रक्षा मंत्री की तरफदारी की थी और महिला अधिकारी की बर्खास्तगी को सही ठहराया था. (यूक्रेन में हथियारों की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार, रक्षा मंत्रालय और प्रोक्योरमेंट एजेंसी में खींची तलवार)