मैं अपने देश से गद्दारी नहीं कर सकता, कहकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति मसौदे को खारिज कर दिया है. ऐसे में ट्रंप ने भी दो टूक कह दिया है कि यूक्रेन को लगातार मदद करना संभव नहीं है.
ड्राफ्ट के यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचने के तुरंत बाद, जेलेंस्की ने आनन-फानन में एक वीडियो संदेश जारी कर ट्रंप के प्रस्ताव को एक सिरे से नकार दिया. (https://x.com/yarotrof/status/1991899128759247081?s=20)
जेलेंस्की ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि “हम यूक्रेन के इतिहास की सबसे खतरनाक अवधि में से एक का सामना कर रहे हैं, हमारी गरिमा और स्वतंत्रता खोने या अमेरिकी समर्थन खोने के बीच एक विकल्प. हम गरिमा चुनते हैं.”
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर कहा कि “मेरा उत्तर मेरी शपथ है. मैंने फरवरी 2022 में यूक्रेन को धोखा नहीं दिया और हम अब भी नहीं देंगे.” फरवरी 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला का आदेश दिया था. तभी से दोनों देशों के बीच जंग छिड़ी है.
ट्रंप के शांति प्रस्ताव की 02 शर्तें जेलेंस्की को नामंजूर
यूक्रेन जंग को जल्द समाप्त करने के लिए ट्रंप ने रूस के साथ गुपचुप के मसौदा तैयार किया था. इस शांति समझौते के ड्राफ्ट को ट्रंप ने जेलेंस्की के पास भिजवाया था. हालांकि, ड्राफ्ट की शर्तों को लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया था. लेकिन माना जा रहा है कि ड्राफ्ट के मुताबिक, यूक्रेन को रूस के हाथों खोए दोनेत्स्क और लुहांस्क पर अपना अधिकार हमेशा-हमेशा के लिए छोड़ना कहा गया था.
ट्रंप के पीस प्लान में यूक्रेन को अपने संविधान में नाटो की सदस्यता कभी ना लेने की बात को शामिल करने के लिए कहा गया था.
रूस ने यूक्रेन के 20 प्रतिशत हिस्से पर कर लिया है कब्जा
रूस ने यूक्रेन के पूर्वी प्रांत डोनबास (दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसोन और जेपोरेजिया) पर सैन्य कब्जा कर लिया है. साथ ही रुसी सेना ने अब यूक्रेन के खारकीव प्रांत की तरफ भी रुख कर लिया है. शुक्रवार को खुद पुतिन ने खारकीव के कूपियांस्क शहर पर कब्जा कर लिया है.
अमेरिका और यूरोप की सैन्य और आर्थिक मदद के चलते, यूक्रेन ने पिछले 45 महीनों से रूस जैसे महाशक्ति के खिलाफ मोर्चा संभाला हुआ है.
यूरोप ने फिर दिया जेलेंस्की को समर्थन लेकिन ट्रंप ने जताई असमर्थता
ट्रंप के शांति-प्रस्ताव को ठुकराने के फौरन बाद यूरोप के कई राष्ट्राध्यक्षों ने जेलेंस्की को फोन कर अपना समर्थन जताया. वहीं, ट्रंप ने मीडिया से बातचीत करते हुए फिर दोहराया कि यूक्रेन को लगातार मदद करना संभव नहीं है. ऐसे में जंग को जल्द समाप्त करना होगा.

