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जेलेंस्की के बिगड़े बोल, यूक्रेन के बिना नहीं निकलेगा हल

रूस और अमेरिका के बीच सऊदी अरब में होने वाली वार्ता से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दिखाया है तेवर. खुद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचकर जेलेंस्की ने अमेरिका-रूसी वार्ता को यूक्रेन के बिना स्वीकार करने से साफ इंकार कर दिया है.

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यूएई की यात्रा ऐसे वक्त में की है, जब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव, सऊदी अरब के दौरे पर हैं. खबर ये भी है कि जिस वक्त सऊदी अरब में मार्को रुबियो अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, सऊदी अरब में खुद भी जेलेंस्की मौजूद रहेंगे. अमेरिका ने रूस के साथ होने वाली वार्ता में यूक्रेन को शामिल नहीं किया है, जिससे जेलेंस्की तिलमिलाए हुए हैं. लेकिन अमेरिका के आगे एक नहीं चल पा रही है.

वार्ता में यूक्रेन आमंत्रित नहीं, कोई परिणाम नहीं निकलेगा: जेलेंस्की

यूएई में पत्रकारों से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि “उनकी सरकार को सऊदी अरब में मंगलवार को होने वाली वार्ता में आमंत्रित नहीं किया गया है, वार्ता में यूक्रेन के अधिकारियों के अनुपस्थित होने के कारण इससे कोई परिणाम नहीं निकलेगा.”

जेलेंस्की ने बताया कि वे “तुर्किये और सऊदी अरब की यात्रा करेंगे लेकिन अरब राष्ट्र की उनकी यात्रा का वहां मंगलवार को होने वाली अमेरिका-रूस वार्ता से कोई संबंध नहीं है.” (https://x.com/ZelenskyyUa/status/1891447775407284492)

सऊदी अरब में रूस-यूएस की वार्ता से पहले जेलेंस्की की खनिज वाला दांव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन से मदद के बदले खनिज का समझौता करने का प्रस्ताव रखा है. लेकिन वार्ता में न बुलाए जाने से अमेरिका से चिढ़े बैठे जेलेंस्की ने कहा है, “मैंने मंत्रियों को संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्देश दिया, क्योंकि मेरे विचार में यह हमारी, हमारे हितों की रक्षा करने के लिए नहीं है. यूक्रेन अधिकारियों ने बताया कि प्रस्ताव में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि अमेरिका बाइडन प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दी गई सहायता के बदले मुआवजे के रूप में और भविष्य की सहायता के भुगतान के रूप में कीव के दुर्लभ खनिजों का किस तरह उपयोग कर सकता है.”

सऊदी अरब में रूस-यूक्रेन पर होने वाली अहम बैठक के बारे में जानिए

सऊदी अरब की राजधानी रियाद में होने वाली मीटिंग में पूरी दुनिया की निगाहें लगी हैं. क्योंकि यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद (फरवरी 2022), दोनो सुपर पावर की ये कोई पहली वार्ता है. अमेरिका की तरफ से विदेश सचिव मार्को रूबियों के अलावा नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) माइक वाल्ज और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मिडिल-ईस्ट में विशेष दूत स्टीव विटकोफ बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. माना जा रहा है कि मीटिंग में सऊदी अरब के एनएसए भी हिस्सा लेंगे और रूस तथा अमेरिका के बीच मध्यस्थ की भूमिका में रहेंगे.रूस की तरफ से विदेश मंत्री लावरोव के अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी यूरी उषाकोव रियाद में मौजूद रहेंगे. क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति ऑफिस) के मुताबिक, अमेरिका से बैठक का उद्देश्य, यूक्रेन को लेकर बातचीत है.

यूक्रेन जंग के अलावा इन मुद्दों पर होगी चर्चा

डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच जल्द मुलाकात भी रियाद में हो रही मीटिंग का खास उद्देश्य है. क्योंकि ट्रंप ने पुतिन से जल्द मिलने की इच्छा जताई है. खबर है कि रूस के विक्ट्री डे (9 मई) समारोह में ट्रंप का मॉस्को दौरा हो सकता है. ऐसे में उससे पहले दोनों देशों के बीच सामान्य संबंध बेहद जरूरी हैं.

हाल ही में जब पुतिन और ट्रंप ने फोन पर डेढ़ घंटे लंबी बातचीत की थी तो उसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि पिछले तीन सालों में (बाइडेन प्रशासन), दोनों देशों के बीच जो राजनयिक संबंध पूरी तरह खत्म हो गए हैं उन्हें फिर से बहाल किया जाए.

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