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राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार जेलेंस्की, मिलनी चाहिए शांति की गारंटी

रूस के साथ जंग की तीसरी वर्षगांठ से ठीक एक दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अपना पद छोड़ने की पेशकश की है. जेलेंस्की ने कहा है कि अगर राष्ट्रपति पद छोड़ने से यूक्रेन में शांति आती है तो इसके लिए तैयार है. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने नाटो की सदस्यता के बदले भी पद छोड़ने की पेशकश की है.

राजधानी कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेलेंस्की ने देश की कमान छोड़ने की बात कही है. जेलेंस्की ने कहा कि अगर राष्ट्रपति पद छोड़ने से शांति नहीं मिलती है तो नाटो की सदस्यता मिलनी चाहिए. (https://x.com/Mylovanov/status/1893675244591759810)

अमेरिका से मिनरल डील के लिए तैयार

जेलेंस्की ने अमेरिका से खनिज समझौता करने के लिए भी हामी भर दी है, बर्शते यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी मिले. जेलेंस्की ने पहले, समझौते के लिए इंकार कर दिया था. खनिज समझौते से इंकार करने से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा सातवें आसमान पर है और यूक्रेन को दी जानी वाली मदद पर पूरी तरह रोक लगा दी है. (https://x.com/visegrad24/status/1893697394061021596)

अमेरिका से अनुदान में मिले हैं 100 बिलियन डॉलर

जेलेंस्की ने दावा किया है कि अमेरिका ने पिछले तीन साल में 100 बिलियन डॉलर की मदद की है. इससे पहले जेलेंस्की ने कहा था कि अमेरिका से 175 बिलियन डॉलर की मदद का ऐलान किया था लेकिन यूक्रेन को मिले महज 100 बिलियन डॉलर हैं जबकि बाकी (75 बिलियन डॉलर) का कोई अता पता नहीं है.

पत्रकारों से बातचीत में जेलेंस्की ने कहा कि पिछले तीन साल में रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन को यूरोप से भी 100 बिलियन डॉलर की मदद मिली. साथ ही खुद यूक्रेन ने अपने खजाने से 120 बिलियन डॉलर खर्च किए.

जेलेंस्की ने ये भी दावा किया कि अमेरिकी से ये मदद, लोन (कर्ज) के तौर पर नहीं बल्कि अनुदान के तौर पर मिले थे. ऐसे में अमेरिका को ये मदद वापस करने का सवाल नहीं है. (https://x.com/visegrad24/status/1893694875796648379)

युद्ध की तीसरी वर्षगांठ पर सोमवार को कीव में बड़ा सम्मेलन

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बताया कि जंग की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर कीव में एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया गया है. इस सम्मेलन में 13 देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे. साथ ही 24 देशों के नेता ऑनलाइन इसमें हिस्सा लेंगे.

24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था युद्ध

24 फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. जंग में दोनों ही देश के लाखों सैनिक और मासूम नागरिक मारे गए हैं. साथ ही करीब 60 लाख यूक्रेनी नागरिक बेघर हो गए हैं और यूरोप में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं. पिछले तीन साल में रूस ने यूक्रेन के करीब एक-चौथाई हिस्से पर कब्जा कर लिया है. इनमें डोनबास के दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसोन, मारियुपोल और जेपोरेजिया शामिल है. सोमवार (24 फरवरी 2025) को जंग को तीन साल पूरे हो जाएंगे.

अमेरिका ने यूएन में पेश किया शांति प्रस्ताव

रूबियो के मुताबिक, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ऐतिहासिक प्रस्ताव के जरिए सभी सदस्य-देशों को शांति का समर्थन करने के लिए आह्वान करता है.

विदेश विभाग के मुताबिक, “रूस-यूक्रेन शांति प्रस्ताव, राष्ट्रपति ट्रंप के उस विचार से मेल खाता है जिसमें यूएन को अपनी स्थापना के उद्देश्य के चार्टर के तहत विश्व शांति और सुरक्षा का कायम रखना है. साथ ही किसी भी अंतरराष्ट्रीय विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए.”

पिछले कुछ सालों में यूएन के उद्देश्य को लेकर दुनियाभर में आलोचना हुई है. क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग हो या इजरायल-हमास युद्ध, यूएन प्रभावी ढंग से अपने उद्देश्य को पूरा करने में नाकाम साबित हुआ है. हालांकि, इसके लिए अमेरिका को ही सबसे बड़ा दोषी माना जाता रहा है. 

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र को याद दिलाया स्थापना का उद्देश्य

अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, “अगर संयुक्त राष्ट्र को वाकई अपने उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है तो ये स्वीकार करना होगा कि भले ही चुनौतियां खड़ी हैं लेकिन शांति कायम की जा सकती है.” अमेरिका के मुताबिक, अब समय आ गया है कि रूस-यूक्रेन जंग को खत्म किया जाए.

युद्धविराम से पहले डोनबास के ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करने में जुटा रूस

इस बीच रूस ने ऐलान किया है कि लुहांस्क के नोवोलियोबिवका इलाके से यूक्रेन को खदेड़ कर कब्जा कर लिया गया है. पिछले कुछ हफ्तों में रूसी सेना ने लुहांस्क (लुगांस्क) और दोनेत्स्क (डोनबास क्षेत्र) में कई रिहायशी इलाकों को अपने अधीन किया है. क्योंकि डोनबास के 20-25 प्रतिशत इलाका अभी भी रूसी सेना के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है. यही वजह है कि रूसी सेना धीरे-धीरे कर इन इलाकों पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ रही है. इससे पहले की युद्धविराम की घोषणा की जाए, रूसी सेना ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करने में जुटी है.

शनिवार को रूसी सेना प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने दोनेत्स्क इलाके का दौरा कर वहां तैनात सैनिकों को सम्मानित किया.