अमेरिका से रूस के खिलाफ युद्ध के लिए फंडिंग ने मिलने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने तंज कसते हुए कहा कि ये पुतिन (रूस के राष्ट्रपति) के लिए ‘क्रिसमस गिफ्ट’ साबित होगा. 22 महीनों से चल रहे युद्ध के बीच जेलेंस्की इनदिनों अमेरिका के दौरे पर हैं.
24 फरवरी 2022 से शुरु हुआ रूस-यूक्रेन का युद्ध इतना लंबा खिंच जाएगा, शायद ही किसी ने सोचा होगा. ना तो रूस, ना तो यूक्रेन और ना तो अमेरिका को इस बात का अंदाजा था कि युद्ध इतने महीनों तक चलता रहेगा. रूस-यूक्रेन तो खामियाजा भुगत ही रहे हैं पर अमेरिका यूक्रेन की वित्तीय मदद करने की वजह से अपने ही घर में घिर गया है. सीनेट (अमेरिकी संसद का ऊपरी सदन) में रिपब्लिकन प्रतिनिधियों ने यूक्रेन को दी जाने वाली अरबों डॉलर की फंडिंग पर रोक लगा दी है. ं
जो बाइडेन-जेलेंस्की में मुलाकात, फंडिंग पर अटकी बात
रूस यूक्रेन में जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की है. दोनों की मुलाकात व्हाइट हाउस में हुई. इस दौरान चर्चा का केन्द्र अमेरिकी फंडिंग के इर्द गिर्द था. जो बाइडेन ने जेलेंस्की को बताया कि उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से यूक्रेन के लिए फंड की डिमांड की. जेलेंस्की के साथ ओवल ऑफिस में बैठे जो बाइडेन ने कहा, “व्हाइट हाउस की तरफ से मांगा गया सहायता पैकेज कैपिटल हिल पर रुका हुआ है क्योंकि रिपब्लिकन (प्रतिनिधि) यूक्रेन के लिए फंडिंग के बदले में सीमा सुरक्षा और इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव की मांग कर रहे हैं.” बाइडेन ने कहा, कांग्रेस को छुट्टी मनाने से पहले यूक्रेन को फंडिंग देने की जरूरत है. दरअसल सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का दबदबा है और इस वजह से डेमोक्रेट की सरकार को फंडिंग के लिए रिपब्लिकन के समर्थन की जरूरत होती है.
बाइडेन ने यूक्रेन के लिए मांगे 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की मंगलवार को वाशिंगटन पहुंचे. जेलेंस्की ऐसे समय में जो बाइडेन से मिलने पहुंचे हैं जब व्हाइट हाउस ने कहा था कि यूक्रेन को अमेरिकी सहायता जल्द ही बंद हो सकती है. मुलाकात के दौरान जो बाइडेन ने कहा, “हम पुतिन को सफल नहीं होने दे सकते और न ही होने देंगे. रिपब्लिकन ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के लिए 60 अरब डॉलर के नए सहायता पैकेज को रोक दिया है, लेकिन हम आपके पक्ष में खड़े हैं और खड़े रहेंगे.” पुतिन को एक बार फिर तानाशाह बताते हुए जो बाइडेन ने कहा, “हमने देखा है कि तानाशाह अपने द्वारा किए गए नुकसान और मौत और विनाश की कीमत नहीं चुकाते हैं. वे चलते रहते हैं, बेलगाम सनक को अंजाम देते रहते हैं.”
वित्तीय सहायता रूकी, रूस के सामने सरेंडर करेगा यूक्रेन?
अमेरिका के फंडिंग रोके जाने से यूक्रेन के सामने सबसे बड़ी चुनौती रूस के खिलाफ आक्रमण और रूसी आक्रमण से यूक्रेनी शहरों और सैन्य ठिकानों का बचाव करने की होगी. युद्ध के शुरुआत से ही यूक्रेन अपनी सैन्य जरूरतों के लिए अमेरिका पर ही निर्भर था. अगर वित्तीय सहायता नहीं मिलती है तो रूस के खिलाफ ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा. अमेरिकी सीनेट में रिजेक्ट किए गए विधेयक में शामिल 110 अरब डॉलर में 61 अरब डॉलर अकेले यूक्रेन को दिया जाना था, जिससे यूक्रेन रूस के खिलाफ मुकाबले में खड़ा रहता. यूक्रेन का फंड खत्म हो रहा है. ऐसे में अगर फंडिंग नहीं मिलती तो यूक्रेन युद्ध हार जाएगा. यही वजह है कि जेलेंस्की ने अमेरिका से सहायता ना मिलना पुतिन के लिए ‘क्रिसमस गिफ्ट’ बताया है.
यूक्रेन को युद्ध लड़ने के लिए पश्चिमी और यूरोपीय देशों से फंडिंग मिल रही है, जिसमें करीब 46 अरब डॉलर का हथियार अकेले अमेरिका ने दिया है. व्हाइट हाउस और यूक्रेनी अधिकारियों का दावा है कि अगर वित्तीय सपोर्ट नहीं मिला रूस युद्ध जीत जाएगा. यूक्रेन में आर्थिक उथलपुथल का फायदा सीधे सीधे रूस को पहुंचेगा. और कूटनीतिक तौर पर माहिर पुतिन जेलेंस्की को सरेंडर करने पर मजबूर कर सकते हैं. ऐसे में जेलेंस्की ने अमेरिका से फंडिंग देने की मार्मिक अपील की है. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन के साथ भी जेलेंस्की ने बैठक की है. हालांकि माइक जॉनसन अपने रूख पर कायम हैं कि पहले अमेरिका को सहायता बिल पर आगे बढ़ने से पहले सीमा पर ध्यान देने की जरूरत है. यूक्रेन को पैकेज पर पहली शर्त सबसे पहले अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा है.