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Mossad का पूर्व एजेंट है हाईजैक जहाज का मालिक, लाल सागर में हूती विद्रोहियों की करतूत

यमन के हूती विद्रोहियों ने जिस मालवाहक जहाज को हाईजैक किया है क्या वो इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के एक पूर्व-अधिकारी का है. हालांकि, इजरायल ने साफ किया है कि उसका इस जहाज कोई लेना देना नहीं है लेकिन इजरायल ने हूती विद्रोहियों के मालवाहक जहाज के हाईजैक करने की घटना को आतंकवाद करार दिया है. इसके लिए इजरायल ने सीधे-सीधे ईरान को जिम्मेदार ठहराया है.

हमास के खिलाफ चल रही जंग के बीच हूती विद्रोहियों की हिमाकत से इजरायल आग बबूला हो गया है. हमास के समर्थक देश तुर्किए से भारत जा रहे एक मालवाहक जहाज को यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में हाईजैक कर लिया है. यमनी मिलिशिया ग्रुप ने गैलेक्सी लीडर नाम के जहाज को हाईजैक किया है. शिप पर बहामास का झंडा लगा हुआ था. हालांकि, इन दिनों इस जहाज को जापान ने किराये पर ले रखा था. रिपोर्ट्स की मानें तो गैलेक्सी लीडर का असल मालिक इजरायली मूल का एक ब्रिटिश अरबपति है. कुछ अपुष्ट खबरों के मुताबिक, ये ब्रिटिश नागरिक पहले मोसाद के लिए काम करता था.

हाईजैकिंग पर इजरायल का कड़ा विरोध
इजरायल के मुताबिक, ईरान का यह एक और आतंकवादी कृत्य है जो विश्व के शिपिंग मार्गों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है. इजरायल डिफेंस फोर्स ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, दक्षिणी लाल सागर में यमन के पास हूतीयों ने एक मालवाहक जहाज का अपहरण किया. ये दुनिया के लिए एक बहुत ही गंभीर घटना है. जहाज भारत जाने के लिए तुर्की से रवाना हुआ था. जहाज में कई देशों के नागरिक कार्यरत हैं. हालांकि उसमें कोई इजरायली शामिल नहीं हैं. क्योंकि इजरायली जहाज नहीं है.

ईरान की शह पर हाईजैकिंग- नेतन्याहू

पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अंतर्राष्ट्रीय जहाज के हाईजैकिंग की कड़ी निंदा की है. बेंजामिन नेतन्याहू  के कार्यालय (प्राइम मिनिस्टर ऑफ इजरायल)  ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है-  जिस जहाज को अगवा किया गया है वो जहाज एक ब्रिटिश कंपनी के स्वामित्व में है और एक जापानी फर्म द्वारा संचालित किया जा रहा है. यमन के हूती मिलिशिया ने ईरान के मार्गदर्शन में हाईजैक कर लिया. जहाज पर यूक्रेन, बुल्गारिया, फिलीपींस और मैक्सिको समेत कई देशों के 25 चालक दल के सदस्य हैं. जहाज पर कोई इजरायली नहीं है. 

अगवा जहाज का इंडियन कनेक्शन

गैलेक्सी लीडर एक कार-कैरियर जहाज है यानी जिस पर कारों की शिपिंग होती है. ये जहाज गुजरात के पीपाव बंदरगाह आ रहा था. अगवा करने के वक्त ये जहाज पूरी तरह खाली था. जहाज में क्रू के अलावा कोई और नहीं था. भारत के कई बंदरगाहों से मारुति और दूसरी कार कंपनियों की गाड़ी खाड़ी और अफ्रीकी देशों को एक्सपोर्ट की जाती हैं. 

हमास बोला ‘थैंक्यू’

हमास के प्रतिनिधि ओसामा हमदान ने  जहाज के हाईजैकिंग को ठीक ठहराया है. हमास ने कहा- यमनी विद्रोही संगठन हूती की ओर से हाईजैकिंग एक स्वागत योग्य कदम है, इजरायल के गाजा में किए गए हर एक्शन का ये जवाब है. लेबनान और इराक में उन लोगों की भी कोशिशें काबिल ए तारीफ हैं जिन्होंने इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन करके आवाज उठाई. ओसामा हमदान ने उन सभी लोगों का शुक्रिया कहा- जो अरब और मुस्लिम देशों में इजरायल के खिलाफ सड़क पर उतरे.

हूती ने हाईजैकिंग की पुष्टि की
हूती ने एक हेलीकॉप्टर के जरिए अपने लड़ाकों को गैलेक्सी लीडर जहाज पर उतारा और अपने कब्जे में ले लिया. ईरान समर्थित हूती के लड़ाकों ने हाल ही में टीवी पर एक बयान जारी करके कहा था कि लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाएंगे. जब तक फिलिस्तीन के खिलाफ इजरायली आक्रामकता बंद नहीं हो जाती, तब तक वो मिसाइल और ड्रोन के साथ हमला करेंगे. हूती लड़ाकों ने सभी इजरायली जहाजों को टारगेट करने का ऐलान किया है. यहां तक कि 7 अक्टूबर से हूती लड़ाके हमास के साथ मिलकर लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोन से इजरायली चौकियों को निशाना बना रहे हैं.

क्या है हूती संगठन?

1990 के दशक में उत्तरी यमन के हूती विद्रोहियों ने सिर उठाया था. ये एक जैदी शिया मुस्लिम विद्रोही संगठन है जो सुन्नी-प्रभुत्व वाली सरकार के विरोधी हैं. 2004 से यमनी सरकार के साथ हूतियों ने करीब 6 जंग लड़ी है. हूतियों ने 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्ज़ा कर लिया था और एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण है. पिछले 9 साल से हूती विद्रोही सुर्खियों में है. हूती विद्रोही सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में हमले कर चुका है जिसके बाद विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया गया था. साफ है कि इजरायल-हमास के बीच चल रही जंग सिर्फ गाजा तक सीमित नहीं है, अलग अलग मोर्चों और अलग अलग तरीके से इजरायल के खिलाफ लड़ी जा रही है.

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