जब से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, भारत की मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हमारे डिपलोमेट और इंटेलिजेंस एजेंसी का बचाव किया है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर कनाडा का मीडिया अपने देश के प्रधानमंत्री ट्रूडो, कनाडा की एनएसए जोडी थॉमस और इंटेलिजेंस एजेंसी के बारे में क्या सोच रही हैं और रिपोर्ट कर रही हैं. कनाडा की मीडिया की जो रिपोर्ट और ओपिनियन सामने आए हैं उसे देखकर कोई भी हैरान हो सकता है।
कनाडा के जाने-माने अखबार टोरंटो स्टार में लिखा है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से ट्रूडो अपने राजनीतिक-कैरियर में ‘बैलेंस’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए ताकि वे एक कमजोर प्रधानमंत्री न दिखाई पड़े. टोरंटो स्टार ने ट्रूडो के भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोपों को कनाडा में चीन के दखलंदाजी से जोड़ा है. दरअसल, पिछले साल कनाडा की राजनीति और ट्रूडो के चुनाव जीतने में चीन के पैसे के इस्तेमाल करने का आरोप लगा था. ट्रूडो के एक अधिकारी को इन आरोपों के चलते अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था. ट्रूडो की छवि एक कमजोर पीएम की बन गई थी. ऐसे में जब हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई और खालिस्तानी आतंकियों ने इसमें भारत की खुफिया एजेंसी को घसीटने की कोशिश की तो, ट्रूडो बहकावे में आ गए और अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत दिखाने के चक्कर में बिना किसी ठोस सबूत के भारत पर आरोप मढ़ दिए और डिपलोमेटिक-वॉर शुरु कर दिया।
टोरंटो स्टार ने तो यहां तक अपने देश के पीएम पर आरोप लगा दिया कि अपने मित्र-देशों को भारत के खिलाफ ठोस सबूत साझा करने के बजाए ट्रूडो ने एक उभरती हुई वर्ल्ड-पावर को नाराज कर दिया है. यानि कनाडा का मीडिया भी भारत को एक महाशक्ति मान रहा है।
टोरंटो स्टार के एक लेख में तो भारतीय मूल की एक नागरिक ने यहां तक लिख दिया कि जब भारत जाने का सीजन आया तब ट्रूडो ने भारत से लड़ाई शुरु कर दी है. क्योंकि कनाडा के नागरिक बड़ी तादाद में सर्दियों शुरु होने के वक्त भारत में पर्यटन के लिए आते हैं।
कनाडा के डिजिटल प्लेटफॉर्म, ‘नेशनल टेलीग्राफ’ के एक पत्रकार ने तो यहां तक कह दिया कि ट्रूडो के पास भारत के खिलाफ कोई सबूत नहीं थे. उन्होनें गूगल सर्च में भारत के खिलाफ कुछ आरोप पाए और सीधे भारत को खालिस्तानी आतंकी की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया. नेशनल टेलीग्राफ ने तो हरदीप सिंह निज्जर की एक तस्वीर भी साझा की जिसमें वो एके-47 राइफल लिए दिख रहा है।
कनाडा के सीबीएस न्यूज चैनल और रेडियो की वेबसाइट पर प्रमुखता से खबर छपी है कि कनाडा के नेताओं और अधिकारियों ने खालिस्तानी आंतकी और प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के संचालक गुरपतवंत सिंह पन्नू के हिन्दु नागरिकों पर हमले को लेकर जारी किए गए वीडियो और धमकी का जबरदस्त विरोध किया गया है. कनाडा में भारतीय मूल के मंत्रियों ने कनाडा में सभी धर्मों के नागरिकों के शांति-पूर्वक रहने का समर्थन किया है. सीबीएस के मुताबिक, ट्रूडो के भारत के खिलाफ आरोपों से कनाडा में तनाव बढ़ गया है।
कनाडा के अखबार द ग्लोब एंड मेल ने ब्रिटिश कोलंबिया के उस गुरुद्वारे से ग्राउंड रिपोर्टिंग की है जहां जून के महीने में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी. ये गुरूद्वारा एक इंडो-फिजी मार्केट और एक मुस्लिम बस्ती के करीब है. यहां आने वाले सिख धर्म के लोगों से अखबार ने बात की और बताया कि कनाडा में खालिस्तान आंदोलन एक बार फिर से इसलिए पनप रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं।