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मोदी-पुतिन की कभी हां, कभी ना !

भारत के जी-20 प्रेसिडेंसी के कार्यकाल समाप्त होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर गुरूवार को एक वर्चुअल समिट का आयोजन किया गया. खास बात ये है कि रुस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने भी इस बैठक में शिरकत की और साफ कहा कि यूक्रेन से बातचीत का रास्ता अभी भी खुला है. पीएम मोदी ने भी इजरायल-हमास युद्ध में सीजफायर और बंधकों की रिहाई का स्वागत किया.  

हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस समिट में हिस्सा नहीं लिया लेकिन चीन का प्रतिनिधित्व वहां के प्रीमियर (प्रधानमंत्री) ली शियांग ने किया. सितंबर के महीने में राजधानी दिल्ली में हुई जी-20 समिट में शामिल नहीं हुए पुतिन ने गुरूवार को वर्चुयल समिट में शिरकत की. बुधवार को पीएम मोदी ने पुतिन और शी जिनपिंग की मौजूदगी वाली ब्रिक्स मीटिंग में अपनी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर को भेजा था. 

आपको बता दें कि पुतिन ने अगले महीने होने वाली सालाना इंडो-रशिया समिट में शिरकत करने में भी असर्मथता जताई है. रूस ने इस बैठक को अगले साल टालने के लिए कहा है. 

जी-20 वर्चुअल मीटिंग में इजरायल-हमास युद्ध के संदर्भ में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “पश्चिम एशिया क्षेत्र में असुरक्षा और अस्थिरता की स्थिति हम सब के लिए चिंता का विषय है. आज हमारा एक साथ आना, इस बात का प्रतीक है कि हम सभी मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं और इनके समाधान के लिए एक साथ खड़े हैं. हम मानते हैं कि आतंकवाद हम सभी को अस्वीकार्य है.” पीएम ने बड़ी संख्या में युद्ध में आम नागरिकों की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि “सिविलियन्स की मौत, कहीं भी हो, निंदनीय है.” 

पीएम मोदी ने गुरूवार को इजरायल-हमास युद्ध में हुए युद्ध-विराम और बंधकों की रिहाई की खबर का स्वागत करते हुए कहा कि “उम्मीद करते हैं कि सभी होस्टेज जल्दी रिहा हो जाएंगे.” पीएम के मुताबिक, “मानवीय सहायता का समय से और निरंतर पहुंचाना आवश्यक है. यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि इजराइल और हमास की लड़ाई किसी तरह का क्षेत्रीय रूप धरण न कर ले. उन्होंने पूरी दुनिया को एक परिवार बताते हुए शांति की अपील की.” 

मीटिंग को संबोधित करते हुए पुतिन ने साफ कहा कि “रुस ने यूक्रेन से बातचीत को कभी मना नहीं किया है.” यूक्रेन के हालात पर वैश्विक नेताओं की हैरानगी को लेकर पुतिन ने कहा कि “मिलिट्री एक्शन हमेशा दुखद होते हैं. ऐसे में हमें ये सोचना चाहिए कि इन्हें कैसे रोका जाए.” नोर्ड-स्ट्रीम पर हुई बमबारी को पुतिन ने “अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद” घोषित किया. 

पुतिन ने कहा कि रुस ने फूड और एनर्जी सप्लाई को लेकर अपनी सभी जिम्मेदारियां पूरी की हैं. इस बात को पीएम मोदी ने भी अपने संबोधन के शुरूआत में माना कि जी-20 में सभी सदस्य-देशों ने “विवादों से हटकर एकता और सहयोग का परिचय दिया है.” उनका इशारा सितंबर में हुए समिट के दौरान रुस को साझा बयान और अनाज-संधि के लिए तैयार होने की तरफ था. 

पुतिन ने ये भी कहा कि “इस समय दुनिया के ऐसे हालात हैं जिसमें सभी को सभी की रजामंदी से फैसले लेने चाहिए.” ऐसे में जरूरी है कि “वर्ल्ड-ऑर्डर में बदलाव लाया जाए.” 

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