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Tarang Shakti: 100 एयरक्राफ्ट, 1000 उड़ान और एक अटूट बंधन

भारतीय वायुसेना का रूसी फाइटर जेट सुखोई बेहद ही मजबूत एयरक्राफ्ट है. वे देश जो अंतरराष्ट्रीय नियम कानून नहीं मानते हैं उनके आक्रमण को रोकने के लिए हम सभी तरह के मिलिट्री प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये कहना है यूएस मिलिट्री कमांडर का जो इनदिनों जोधपुर में चल रही तरंग-शक्ति एयर एक्सरसाइज में हिस्सा लेने आए हैं.

तरंग-शक्ति मल्टीनेशन एयर एक्सरसाइज के समापन समारोह के दौरान जोधपुर एयरबेस पर सभी मित्र-देशों के एयर चीफ और टॉप मिलिट्री कमांडर्स ने मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी भी मौजूद थे.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सभी मित्र देशों के कमाडंर्स ने तरंग-शक्ति के जरिए आपसी रक्षा सहयोग, इंटरऑपरेबिलिटी और समन्वय की जमकर तारीफ की. मित्र-देशों के एयर चीफ ने भारत के स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए तेजस की क्षमताओं की भी प्रशंसा की.

इसी दौरान टीएफए के इस सवाल पर कि एक्सरसाइज के दौरान अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ग्रीस के एफ-16 और एफ-18 को भारतीय वायुसेना के रूसी सु-30 (सुखोई) और मिग-29 के साथ उड़ते देखा गया है, अमेरिका कमांडर ने कहा कि ये मायने नहीं रखता है कि कौन किस तरह के एयरक्राफ्ट इस्तेमाल करता है.

अमेरिका की पैसिफिक एयर फोर्स के डिप्टी कमांडर के असिस्टेंट मेजर जनरल डेविड ए पिफारसैरिओ ने कहा कि “सुखोई एक बेहद ही मजबूत एयरक्राफ्ट है.” उन्होंने कहा कि “हमने एफ-16 और मिग-29 को साथ उड़ते देखा, लेकिन ये ज्यादा मायने नहीं रखता है. ये महत्वपूर्ण है कि इतनी बड़ी संख्या में दुनियाभर की अलग-अलग वायुसेनाएं और एयरक्राफ्ट मिलकर एक वैश्विक ताकत बन रहे हैं जो उन आक्रमण को रोकने के लिए है जो रूल बेस्ड इंटरनेशनल ऑर्डर के खिलाफ है.”  (https://x.com/neeraj_rajput/status/1834185630353445038)

इसी सवाल पर ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल स्टीफन चैपल ने कहा कि “हर एयरक्राफ्ट की अपनी ताकत और क्षमताएं होती हैं। लेकिन एयर क्रू, ग्राउंड स्टाफ और बाकी वायुसैनिक ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं.” (https://x.com/neeraj_rajput/status/1834247752647168375)

गुरुवार को जोधपुर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी घोषणा की कि जरुरत पड़ने पर “हम सब मित्र देशों के साथ खड़े होंगे.” (जब भी मित्र-देशों को जरूरत होगी, हम साथ खड़े होंगे: राजनाथ)

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा कि तरंग-शक्ति एक्सरसाइज से हिस्सा लेने वाली वायु सेनाओं के साथ इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ेगी.

जोधपुर में संपन्न हुई मल्टीनेशनल एयर एक्सरसाइज तरंग-शक्ति में भारतीय वायुसेना सहित कुल 21 देशों की एयरफोर्स ने हिस्सा लिया (1-14 सितंबर). दो चरणों में हुई इस एक्सरसाइज का पहला चरण तमिलनाडु के सुलूर में हुआ था (6-14 अगस्त).

जोधपुर के दूसरे चरण में कुल आठ देशों की वायु सेनाओं के कुल 100 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया. इस दौरान 800 उड़ानें भरी गई. बाकी देशों ने ऑब्जर्वर के तौर पर युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया. सुलूर में पहले चरण में करीब 200 सोर्टी (उड़ान) आयोजित की गई थी.

युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के सुखोई, मिग-29, राफेल और एलसीए तेजस जैसे फाइटर जेट ने हिस्सा लिया. अमेरिकी वायुसेना अपने एफ-16 और ए-100 के साथ जोधपुर पहुंची तो ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना एफ-18 के साथ पहुंची. ग्रीस और यूएई भी एफ-16 लड़ाकू विमानों के साथ तरंग-शक्ति में पहुंचे. श्रीलंकाई वायुसेना अपने बी-200, जापान एफ-2 और सिंगापुर सी-130 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ पहुंची.

युद्धाभ्यास के आखिरी दो दिन (13-14 सितंबर) स्वदेशी आर्म्स कंपनियों द्वारा एक खास प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है.